प्रेगनेंसी के 9 मिथक आपको जानने चाहिए | 9 Myth of Pregnancy

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प्रेगनेंसी के दौरान कुछ मिथक को लेकर, किस प्रकार से प्रेगनेंसी में कुछ बातों पर विश्वास किया जाता है और हम आज उन बातों को विज्ञान की कसौटी पर खरा कसने की कोशिश करते हैं और जानते हैं, विज्ञान क्या कहता है.

9 Myth of Pregnancy

मिथक 1

अधिकतर महिलाएं यह कहती भी मिल जाती है, कि महिला को दो लोगों की डाइट लेनी चाहिए क्योंकि वह 2 लोगों के लिए खा रही हैं.

यह बात सही है कि एक गर्भवती महिला 2 लोगों के लिए भोजन ग्रहण कर रही होती है. इसलिए उसे डबल भोजन खाने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि उसे अपने भोजन के अंदर पोस्ट तत्वों की मात्रा को बढ़ाने की आवश्यकता होती है. इसके लिए उसे पोस्टिंग डाइट लेना चाहिए ना कि ज्यादा खाना खाने की राह पर चलना चाहिए.

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मिथक 2

समाज में यह भी मान्यता है कि डिलीवरी के कुछ समय पहले महिला को घी तेल या घी को पीना चाहिए. कुछ महिलाएं जैतून का तेल पीती है. माना जाता है, इससे डिलीवरी होने में कम समस्या होती है दर्द कम होता है.

विज्ञान के अनुसार यह सही नहीं है घी या तेल सिर्फ आपकी कैलोरीको बढ़ाने का काम करते हैं. यह आपके वजन को भी बढ़ाने का काम करते हैं. ऐसे में डिलीवरी के बाद वजन घटाना काफी मुश्किल हो जाता है. आप चिकनाई युक्त चीजों के स्थान पर हेल्थी चीजें ले. यह आपके लिए सही रहेगा.

मिथक 3

खाने-पीने की आदतों से लिंग का निर्धारण हो सकता है

महिला की खाने-पीने की आदतों से पता चल जाता है कि महिला के गर्भ में लड़का होगा या लड़की होगी वैसे इस संबंध में रिसर्च हुई है. जिसमें इस बात को सही माना गया है. उस पर हमने वीडियो भी बनाया है. कि महिला जिस प्रकार का भोजन शुरू के 3 महीने खाती है. उससे बच्चे के लिंग का निर्धारण हो सकता है. लेकिन अभी इसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है. अभी इसे मिथक ही माना जाता है.

मिथक 4

माना जाता है महिला के रंग से शिशु के लिंग का निर्धारण होता है

यह मात्र एक मिथक ही है क्योंकि हम भी जानते हैं कि हर समाज में दुनिया के हर क्षेत्र में हर रंग के लोग रहते हैं. और सभी के समाज में बेटे और बेटियां सभी पैदा होते हैं वैसे भी स्किन कलर हारमोंस के कारण आता है. इस का लिंग निर्धारण से कोई मतलब नहीं.

मिथक 5

समाज में माना जाता है जिस महिला को प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ज्यादा एसिडिटी की समस्या रहती है उसके बच्चे के सिर पर बाल घने होते है.

इस बात का कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक उपलब्ध नहीं है. एसिडिटी का मुख्य कारण महिला के भोजन का प्रकार , हार्मोनल बदलाव और कब्ज की समस्या होती है.

 

मिथक 6

समाज में मान्यता है सुबह-सुबह सफेद चीज खाने से बच्चा गोरे रंग का पैदा होता है.

इस बात में किसी भी प्रकार की सच्चाई नहीं है ऐसा होता तो हर माता के गोरा ही बच्चा पैदा होता क्योंकि दूध और दूध से बनी चीजों का प्रयोग प्रेगनेंसी में काफी ज्यादा किया जाता है यह माता के और पिता के अनुवांशिक जिंसों पर निर्भर करता है.

मिथक 7

महिला के पेट के आकार से लिंग का निर्धारण होता है

महिला का पेट तभी बाहर निकलता है जब बच्चे का लिंग निर्धारित हो चुका होता है. ऐसा संभव है कि कुछ अधिकतर मामलों में लड़का होने पर पेट का आकार अलग या लड़की होने पर पेट आकार थोड़ा अलग हो सकता है. लेकिन 100% यह भी बात सही नहीं है.

मिथक 8

सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण होने पर घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.

विज्ञान के अनुसार यह एक प्राकृतिक घटना है इसका इस बात से कोई भी संबंध नहीं है लेकिन अगर थोड़ा गहराई से देखा जाए तो ऐसा हो सकता है कि उस वक्त जो कॉस्मिक किरणें निकल कर आती है. वह नुकसान दे अभी इस पर रिसर्च बाकी है.

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मिथक 9

7 महीने के बाद अगर नारियल पानी पिया जाता है तो बच्चे का सिर नारियल जैसा हो जाता है.

यह 100% मिथक है ऐसा कैसे संभव है. नारियल एक न्यूट्रिशन से भरा हुआ पेय पदार्थ है. जो प्रेगनेंसी में बहुत ज्यादा लाभदायक होता है. इसका बच्चे के सिर के आकार से कोई भी संबंध दूर दूर तक नहीं है.

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