इसलिए आपका ये जानना भी जरूरी है कि क्या प्रेंग्नेंसी में शहद खाना सुरक्षित है ? प्रेंग्नेंसी में शहद खाने से क्या फायदे और क्या नुकसान होते है? आज हम आपको बताने जा रहे हैं प्रेंग्नेंसी के दौरान शहद खाने को लेकर आपके मन में उठने वाले हर सवाल का जवाब!!!!
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क्या शहद खाना प्रेंग्नेंसी में सुरक्षित है – Pregnancy me Honey Khana Safe Hai
भारतीय समाज में प्राचीन काल से ही शहद का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है
प्रेंग्नेंसी में महिलाओं को अपने खान–पान का खास ख्याल रखना होता है। साथ ही उन्हें इस बात की जानकारी भी होनी जरूरी है कि बच्चे के लिए कौन सी चीज लाभदायक है, और कौन सी हानिकारक। ऐसे में सवाल ये उठना लाजिमी है कि क्या गर्भावस्था में शहद का सेवन किया जा सकता है तो इसका जवाब है हां, गर्भावस्था में शहद का सेवन करना सुरक्षित है लेकिन एक संतुलित मात्रा में, साथ ही शहद पाश्च्युरीकृत और प्रमाणित होना चाहिए। जहां तक संभव हो सरकार द्वारा प्रमाणित शहद ही खरीदें।
शहद में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं Honey ke Poshak Tatva
शहद के अंदर प्रोटीन, फाइबर, फैट नहीं पाया जाता, इसमें कम मात्रा में बहुत से विटामिन और मिनरल होते हैं। इनमें कैल्शियम, कॉपर, आयरन, मैगनीशियम, फॉसफोरस, पोटैशियम और जिंक शामिल हैं।
शहद के अंदर फ्रक्टोज़, ग्लूकोज़, सकरोज़, माल्टोज़, उच्च शर्कराएं काफी अच्छी मात्रा में पाई जाती है ।
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कितनी मात्रा में शहद खाना चाहिए – Pregnancy me Kitna Shahad Khana Chaheye
आमतौर पर एक गर्भवती महिला दो से पांच चम्मच शहद का सेवन कर सकती है परन्तु ध्यान रहें कि इसमें कैलोरी की मात्रा 180 से 200 रहें।
ऐसी महिलाएं जिन्हें शुगर की समस्या है वह शहद न खाएं।
तथा ऐसी महिलाएं जो प्रेग्नेंसी के समय मोटापे का शिकार है उन्हें शहर इससे अधिक कम मात्रा में लेना है, वे मैक्सिमम दो चम्मच शहद ही ले ।
कौन सा शहद खाना चाहिए – Kun sa Shahad Khaye
एक बॉटुलिज्म नाम का भी सिंड्रोम होता है, जो कभी कभी शहद के अंदर पाया जाता है यह आपके शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है, अगर आप कच्चे शहद की तुलना में पाश्च्युरीकृत शहद का प्रयोग करें , तो आपको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना होगा क्योंकि पाश्च्युरीकृत शहद में बॉटुलिज्म सिंड्रोम समाप्त कर दिया जाता है।
शहद के फायदे – Shahad ke fayde in Hindi
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इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने में मददगार
शहद आपकी रोग–प्रतिरोधक क्षमता अर्थात आपके इम्यून सिस्टम बूस्ट करता है क्योंकि, इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट के गुण मौजूद होते हैं इस कारण यह आपको कई प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है, यहां तक कि इससे छोटे मोटे घाव, पेट में होने वाली जलन तक में बहुत आराम मिलता है।
इंसोमेनिया में मिलता है
आराम शहद का हाईपोनेटिक एक्शन यानी कि सम्माोहक कर देने वाले गुण के कारण यह इंसोमेनिया में लाभदायक है। प्रेगनेंसी के दौरान रात को सोने से पहले एक ग्लास दूध में एक चम्मच शहद मिलाने से आप आराम से सो सकती है।
तनाव से राहत
एक शोध में यह बात सामने आई है कि जो भी गर्भवती महिला शहद का सेवन करती हैं उनके बॉडी को एंटी-ऑक्सीडेंट मिलता है। क्योंकि, शहद में एंटी-ऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जो आपके बॉडी को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने का काम करता है। साथ ही नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट न केवल आप में सुधार करता है बल्कि बच्चे के विकास में भी मदद करता है।
लड़ता है छालों से
बहुत से शोधों में खुलासा हो चुका है कि शहद के नियमित सेवन से छालों के लिए जिम्मेदार बैक्टिरियां हेलीकोबैक्टर कम पनता है।
गले दर्द की समस्या से छुटकारा
शायद आपको पता होगा कि इसमें एंटीवायरल के गुण मौजूद होते हैं जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं, इसलिए गर्भावस्था में यह सर्दी-खांसी से बचा सकता है।
नींबू या अदरक की चाय में शहद डालकर धीरे-धीरे पीने से गले के दर्द में राहत मिलती है।
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सर्दी-जुखाम में मिलती है राहत
एंटीवारयल प्रोपर्टी के चलते शहद से प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली सर्दी, कफ और जुखाम में बहुत आराम मिलता है। कफ के लिए शहद एक रामबाण इलाज है।
नींद की समस्या से राहत
अक्सर प्रेगनेंसी में नींद की समस्या रहती है, ऐसे में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप शहद का प्रयोग कर सकती हैं। इसके लिए आप सोने से पहले गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें इससे आपको काफी अच्छी नींद आएगी।
ऐलर्जी में भी राहत
रक्त की कमी को दूर करने में मदद
कब्ज की समस्या से छुटकारा
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