क्या तिल का तेल खाने से गर्भपात हो सकता है – Pregnancy me Sesame oil

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प्रेगनेंसी का समय थोड़ा ध्यान रखने वाला समय होता है यहां पर पौष्टिकता और नुकसानदायक चीजों के मायने साधारण जिंदगी से थोड़े से अलग होते हैं यहां पर कुछ चीजें फायदेमंद भी नुकसानदायक हो सकती हैं आज हम आपसे अपने इस वीडियो के माध्यम से चर्चा करने जा रहे हैं कि क्या प्रेगनेंसी के दौरान तिल के तेल का सेवन किया जा सकता है क्या यह नुकसानदायक है.
चर्चा करेंगे की —
प्रेगनेंसी में तिल का तेल खाया जा सकता है 
खाया जा सकता है तो कितना खाया जा सकता है 
तिल में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं 
तिल का तेल खाने के फायदे और दुष्प्रभाव पर चर्चा करेंगे 
गर्भावस्था में तिल का तेल अपने भोजन में किस तरह से शामिल करें फायदा हो 
 

क्या प्रेगनेंसी में तिल का तेल खाया जा सकता है – Pregnancy me Til ka Tail khana Chaheye 

तिल का तेल खाने को लेकर काफी सारी अलग-अलग बातें समाज में प्रचलित है. डॉक्टर्स के अनुसार तिल का तेल खाना किसी भी गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित माना जाता है. तिल के तेल में खाने को फ्राई करके महिला खाना खा सकती है.  हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि तिल का तेल तासीर में गर्म होता है. यह गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद नहीं है. इससे गर्भपात के चांसेस बढ़ जाते हैं. इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क आज तक उपलब्ध नहीं है.  एक छोटी सी बात है कि प्रेगनेंसी के दौरान गर्म तासीर के भोजन को अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए. क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ गर्म तासीर के होते हैं कुछ ठंडी तासीर के होते हैं तो आप मिक्स खा सकते हो. अगर आप गर्म तासीर का भोजन अत्यधिक खाएंगे तो नुकसान दायक है वह कोई भी हो इसलिए संयमित मात्रा में तिल का तेल गर्भवती महिला ले सकती है. कोई परेशानी नहीं होगी.

प्रेगनेंसी में तिल कितना खाया जा सकता है – Kya Pregnancy me Til ka tail Khaya Jata hai

प्रेगनेंसी के दौरान तिल का तेल कितना खाना चाहिए. इसके पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध तो नहीं है. प्रतिदिन महिला लगभग 20 से 30 ग्राम तिल के तेल का सेवन अपने भोजन के माध्यम से कर सकती है. जिससे उसके शरीर को फाइबर की आपूर्ति होती है और इतनी मात्रा सुरक्षित मानी जाती है लेकिन फिर भी डॉक्टर से एक बार इसके प्रयोग को लेकर सलाह अवश्य लें.  सामान्य तेल के जैसे अगर आप फ्राई करके खाते हो तो कोई दिक्कत वाली बात नहीं होनी चाहिए उससे तो मात्र 23 या 5 ग्राम की मात्रा ही आपके शरीर में जाएगी.

प्रेगनेंसी के दौरान तिल का तेल कब से खाना चाहिए – Pregnancy me Til ka tail kab Khana Chaheye

प्रेगनेंसी के दौरान तिल का तेल किस हफ्ते से जा किस महीने से खाया जाए इसके बारे में कोई भी व्याख्या अभी तक उपलब्ध नहीं है. इसका मतलब यही है कि तिल का तेल आप पहले दिन से ही सीमित मात्रा में अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं. आपको किसी प्रकार की शारीरिक अवस्था में दिक्कत है तो आप एक बार डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं.

तिल के पोषक तत्व – Til ke Nutrition value

प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी गर्भवती महिलाओं को काफी ज्यादा पोषक तत्व की आवश्यकता होती है. आइए एक नजर डालते हैं. तिल के तेल में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं. दोस्तों तिल का तेल पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसके अंदर कई प्रकार के मिनरल पाए जाते हैं, जैसे कि पोटेशियम, सोडियम, जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम साथ ही साथ तिल के तेल के अंदर फाइबर, शुगर, फैट, प्रोटीन और ऊर्जा का भी अच्छा स्रोत होता है. जहां तक तिल के तेल में पाए जाने वाले विटामिंस की बात है तो इसके अंदर विटामिन ए, फोलेट, विटामिन बी सिक्स, राइबोफ्लेविन, थायमिन और नियासिन इत्यादि भी होते हैं.

तिल का तेल खाने के फायदे  – Til Khane ke Fayade

1. एनर्जी का भंडार

तिल के तेल में काफी ज्यादा एनर्जी पाई जाती है प्रेगनेंसी में हो जाने वाली विकनेस के लिए तिल का तेल एक अच्छा स्रोत माना जाता है यह ऊर्जा से भरपूर होता है कमजोरी को दूर करता है.

2. एनीमिया में राहत

अक्सर महिलाओं को एमसी के दौरान खून की कमी की शिकायत नजर आती है. तिल के तेल में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है. इसके सेवन से महिलाओं में खून की कमी दूर होती है.
कब्ज में राहत : तिल के तेल में पाए जाने वाला फाइबर कब्ज को दूर करने में मदद करता है.

3. मजबूत हड्डियां

किसी भी गर्भस्थ शिशु की हड्डियों के निर्माण के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है तिल के तेल में अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो भ्रूण और गर्भवती महिला दोनों के लिए काफी लाभदायक है.

Kya Pregnancy me Til ka tail Khaya Jata hai

तिल खाने के दुष्प्रभाव – Til Khane ke Nuksan

तिल का तेल खाने के कुछ दुष्प्रभाव भी सामने आते हैं. तिल को एक एलर्जी खाद्य पदार्थ में गिना जाता है. अगर महिला को तिल का सेवन करने से एलर्जी है तो उसे ना खाएं.
अधिक मात्रा में फाइबर लेने से दस्त गैस व पेट में ऐठन जैसी समस्या नजर आ सकती है इसलिए और दिल में काफी फाइबर पाया जाता है.

गर्भावस्था के दौरान आहार में तिल को कैसे शामिल कर सकते हैं – Til Bhojan me Kaise Khaye

अगर आप सोच रहे हैं कि तिल को किस तरह से आहार सूची में शामिल किया जाए और अच्छे स्वाद के साथ-साथ इसका लाभ कैसे उठाएं, तो इसमें हम आपकी मदद करते हैं:
तिल से बने तेल को भोजन बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं.

भोजन के बाद तिल के लड्डू और चिक्की को डेजर्ट के रूप में ले सकते हैं.

तिल डिप (एक तरह का सॉस) बनाकर ब्रेड और रोटी के साथ खा सकते हैं.

तिल की चटनी बनाकर चावल व अन्य व्यंजन के साथ खा सकते हैं.

धनिया या पुदीने की चटनी में भी तिल मिलाकर सेवन कर सकते हैं.

भुनी हुए तिल को कुछ सब्जियों में गार्निश करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.

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