पति के मुख से यह सुनकर में शर्म से लाल हो गई | Husband wife romantic story

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नमस्कार दोस्तों आज हम मेघा जी की एक कहानी आपके सामने शेयर कर रहे हैं जो उन्होंने अपने जीवन की एक घटना को लेकर बताई है.

मेघा जी बचपन से ही काफी चुलबुली और खुशमिजाज थी. बड़े हो जाने पर उनका रिश्ता एक परिवार में तय कर दिया गया. बात काफी पहली है उस वक्त महिलाओं को परदे में रहना पड़ता था और शादी के बाद काफी सारी बंदिशे रहती थी.

सुनकर में शर्म से लाल हो गई | Husband wife romantic story
 

मेघा जी चाहती थी कि उनका होने वाला पार्टनर भी खुश मिजाज होना चाहिए.  जब वह पहली बार मेघा जी को देखने आए तो वह काफी सीरियस नजर आ रहे हैं यह देखकर मेघा जी का दिल मुरझा गया.

मेघा जी का रिश्ता तय हो गया तो मेघा की बहने कह रही थी कि तुम्हें दिलजले व्यक्ति के साथ पूरी जिंदगी गुजारनी पड़ेगी. वह तो हंसता भी नहीं है. हमने इतनी देर उनसे बात करके उनका मिजाज जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने एक भी बात का जवाब नहीं दिया और मुस्कुराए तक नहीं.

असल में जितना प्रेशर लड़की के ऊपर होता है कहीं ना कहीं इतना प्रेशर लड़के के ऊपर भी होता है अब तो बच्चे प्रेशर नहीं मानते हैं लेकिन आज से 25 साल पहले दोनों बच्चों के ऊपर काफी प्रेशर हुआ करता था कोई बात मुंह से गलत नहीं निकल जाए. कोई एक्टिविटी गलत ना लग जाए बहुत कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दिया जाता था इन्हीं सब बातों से एक दूसरे को परखा जाता था.  

लड़की लड़कियों को आपस में बात नहीं करने की परंपरा थी. तब कुछ ऐसा थोड़ा थोड़ा शुरु हो चुका था लेकिन बात करनी भी थी तो सभी के सामने कहा जाता था कि कुछ पूछना है तो एक दूसरे से पूछ लो.

 अब बताओ ऐसे में कौन पूछेगा जब  20 आंखें आपको घूर रही है और 20 कान आपकी बात सुनने को तत्पर हैं.
घर परिवार अच्छा था मेधा का रिश्ता तय हो गया. मगर मेघा जी बहुत कंफ्यूज थी कि आगे कैसे चलेगा.

शादी हो गई. मेधा अपने ससुराल आ गई. धीरे-धीरे उन्हें समझ में आया कि उनका पार्टनर इतना भी खडूस नहीं है जितना उस दिन नजर आ रहा था क्योंकि उस दिन  उनके ऊपर काफी दबाव था.

धीरे-धीरे मेघा जी को समझ आया कि उनके हस्बैंड तो उनसे भी ज्यादा खुश मिजाज और मजाकिया हैं. और वह तो मेघा को भी कभी भी छेड़ने और चिढ़ाने से नहीं चूकते .

 वह एक घटना शेयर करती है –
एक बार मेघा जी के हसबैंड एक सरकारी अधिकारी थे और इस कारण से उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रांसफर लेकर जाना होता था. एक बार चूरू में उनके हस्बैंड की पोस्टिंग हो गई थी. कुछ दिनों बाद वहां उनके कुछ मित्र मिलने आए.

मेघा उनके लिए चाय नाश्ता तैयार कर रही थी. उन लोगों की बात सुनकर ऐसा लग रहा था कि वह बहुत पुराने और परम मित्र हैं और काफी दिनों बाद मिल रहे हैं. तभी मेधा के हस्बैंड ने उनसे चिल्लाकर पूछा अरे नौकरानी चाय तैयार हो गई है या नहीं हुई है.

यह सुनकर मेधा को करंट सा लग गया और मेघा को लगा कि उन्होंने अपने दोस्तों के सामने मेरी इंसल्ट की है. मेघा को गुस्सा आ रहा था. उसने इशारे से अपने पति को बुलाया और नाराज होकर बोली तुमने अपने दोस्तों के सामने मुझे नौकरानी क्यों कहा.

क्या मैं नौकरानी हूं ?
इस पर मेधा के हस्बैंड मुस्कुरा दिए और मेधा का हाथ पकड़कर सभी मित्रों के सामने ले गए और कहा मैंने इन्हें नौकरानी कहा तो इन्हें अच्छा नहीं लगा.

सभी मित्र शांत थे.
 फिर मेघा के हस्बैंड मेघा को संबोधित करते हुए बोले,  मेघा तुम मेरी रानी हो और मैं तुम्हारा नौकर तो हुई ना तुम नौकर की रानी,  नौकरानी

इतना सुनते ही सभी दोस्त मुस्करा दिए और मेघा शर्म के मारे लाल हो गई और पल्लू में अपना छुपाते हुए कमरे में चली गई.

उसके बाद वह कहने पर भी उनके लिए चाय लेकर नहीं आई, बल्कि मेधा के हस्बैंड ने ही रसोई से चाय ला कर सबको सर्व किया.

 मेघा जी कहती है कि यह घटना जब भी याद करती हूं मुझे आज भी वही सब महसूस होने लगता है जो उस दिन महसूस हुआ था मैं शर्म से लाल हो जाती हूं.

दोस्तों सभी पार्टनर के बीच ऐसे छोटे-मोटे इंसीडेंट होते रहने चाहिए जो उन्हें जिंदगी भर खुशी देते रहते हैं और यह रिश्ते को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए बूस्टर का कार्य करते हैं.

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