नमस्कार दोस्तों
आज हम आपको रागिनी जी के जीवन का एक छोटा सा किस्सा शेयर करने जा रहे हैं, जो उन्होंने
शेयर किया है. इसमें हमने जगह और नाम दोनों बदल दिए हैं, लेकिन यह एक सत्य घटना पर
आधारित किस्सा है.
रागिनी जी
एक जॉइंट फैमिली से संबंधित थी. उनके परिवार में उनके दादाजी, पिताजी, चाचा जी और उनकी
बुआ जी थी.
रागिनी के
पिता एक सरकारी अध्यापक थे. जो कि अपने गृह नगर में ही एक स्कूल के अंदर शिक्षक थे.
इस कारण से रागिनी का परिवार भी गृह नगर में
ही रहता था. रागिनी के चाचा जी भी सरकारी अधिकारी थे. थोड़ा बड़ी पोस्ट होने की वजह
से वह कई बड़े शहरों में रहे थे. इसी वजह से रागिनी की चचेरी बहन भी काफी एडवांस थी.
वह कई शहरों के बड़े स्कूलों में शिक्षा प्राप्त किए हुए थे.
रागिनी की चचेरी बहन कांता अपने आप को रागिनी से थोड़ा सा एडवांस समझती थी, मॉडर्न समझती थी.
यह सब बातें रागिनी के और कांता के पहनावे से भी नजर आती थी, और बात करने के अंदाज से भी यह सब
बातें नजर आती थी. जहां रागिनी बहुत ज्यादा शर्मीली और बड़ों के सामने कम ही बोलती
थी. वही कांता बिल्कुल भी नहीं शर्मआती थी, और किसी भी बात का जवाब बेवाकी से देने
से परहेज नहीं करती थी.
रागिनी और कांता में बहुत ज्यादा स्नेह था, और दोनों बहने कम और मित्र अधिक थी. दोनों लगभग हम उम्र थी, मात्र रागिनी 1 वर्ष बड़ी थी.
रागिनी का ग्रेजुएशन पूरा होते ही उसकी शादी तय कर दी गई, और 22 वर्ष की उम्र में रागिनी विवाहित
हो गई. रागिनी की शादी बहुत धूमधाम से हुई थी. उसके हस्बैंड उससे लगभग 5 वर्ष बड़े
थे और वह भी एक सरकारी पद पर कार्यरत थे.
रागिनी की शादी के बाद एक बार कांता अपने परिवार के साथ गृह नगर आई हुई थी और उसी दौरान रागिनी
भी अपने मायके में ही थी. 2 दिन के बाद रागिनी
के हस्बैंड उसे लेने आने वाले थे.
रागिनी ने अपने जीजा जी से मजाक करने की सोची, लेकिन बहुत कुछ सोचने के बाद भी उन्हें समझ नहीं
आ रहा था कि वह क्या करें.
इसी तरह 2 दिन बीत गए और रागिनी के हस्बैंड अपने मित्र के साथ उन्हें लेने आ गए. कांता को पता
चला कर की रागिनी के हस्बैंड मीठा बहुत कम पसंद करते हैं.
चाय नाश्ते के बाद कांता ने एक मिठाई का बड़ा सा टुकड़ा उठाया और जीजा जी से बोली, आपको इसे हमारे
हाथ से खाना होगा.
मिठाई का बड़ा टुकड़ा देखकर कांता के जीजा जी ने कहा बस इसमें से आधा ही दे दो.
इस पर कांता ने कहा नहीं नहीं आपको यह पूरा ही खाना होगा. हम आपकी साली है और साली भी आधी घरवाली ही होती है यह हमारा अधिकार है. और हम अपना पूरा अधिकार लिए बिना नहीं मानेंगे.
इस पर कांता के जीजा जी के साथ जो उनके कुंवारे मित्र थे. वह तुरंत बोल पड़े, अगर यह आपको अधिकार
नहीं देना चाहते हैं तो कोई बात नहीं, आप हमें मिठाई का टुकड़ा खिला देंगे. हम आपको
पूरा अधिकार देंगे.
यह सुनकर सभी हंस पड़े और कांता के मुंह से कुछ नहीं
निकला वह एकदम शर्म से लाल हो गई और बिना
कुछ बोले वहां से तुरंत दूसरे कमरे की ओर भाग गई.
रागिनी जी के अनुसार उन्होंने पहली बार कांता को इस तरह शर्म से लाल होते हुए देखा था.
आगे चलकर इन्हीं के साथ कांता का विवाह हुआ.
आगे चलकर कांता को इस बात का पता चला कि उस दिन जीजा जी के मित्र जो कि आज के समय में उनके हस्बैंड
है, वह उन्हीं को देखने घर पर आए हुए थे, और इस बात की जानकारी घर के बड़े बुजुर्ग
लोगों को थी. रागिनी ने भी उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया था क्योंकि सभी कांता
के व्यवहार से परिचित थे, लेकिन सब अच्छा हुआ.
धन्यवाद !!