एक प्रश्न (प्रेगनेंसी में छींक आने पर पेशाब की कुछ बूंदे आ जाती हैं ऐसा क्यों?) को ले रहे हैं
क्या यह एक समस्या है.
इसका क्या कारण है.
ऐसा क्यों हो रहा है.
मुझे काफी तनाव हो रहा है.
क्या मेरा बच्चा स्वस्थ है, या कोई समस्या है.
इस प्रकार के काफी प्रश्न हमारे पास आते हैं. आइए चर्चा करते हैं कि
यह क्यों होता है
इसका क्या कारण है
क्या यह नुकसानदायक है या
एक सामान्य बात है
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गर्भाशय की मांसपेशियां मुलायम क्यों होती है
जब महिला को प्रेगनेंसी होती है, तो शरीर में काफी सारे हारमोंस उत्पन्न होते हैं. और इन हारमोंस का कार्य गर्भस्थ शिशु की रक्षा और उसकी देखरेख होता है.
ऐसे में महिला के शरीर में कुछ हारमोंस यह कार्य करते हैं कि शिशु को गर्भ में किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो.
हमारे शरीर में एक हार्मोन ऐसा भी है, जो गर्भावस्था के दौरान गर्भ की मांसपेशियों को मुलायम करने का कार्य करता है. जिसे हम प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस के नाम से जानते हैं.
यह हारमोंस हमारे शरीर में हमेशा से ही मौजूद रहता है. लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान इसकी मात्रा काफी ज्यादा बढ़ जाती है. इसके काफी सारे कार्य हैं, अगर इसकी मात्रा प्रेगनेंसी के दौरान किसी कारणवश कम हो जाती है, तो गर्भपात का खतरा बन जाता है.
इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान इसकी मात्रा ज्यादा ही रहनी चाहिए. यह अत्यधिक आवश्यक है.
जैसे ही शरीर में एचसीजी हार्मोन का उत्पादन शुरू होता है. इसके उत्पादन के साथ ही प्रेगनेंसी शुरू हो जाती है. तो तभी से प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस की मात्रा बढ़ जाती है.
क्योंकि यह गर्भपात को रोकने का कार्य करता है. लेकिन इसका एक गुण यह भी है, कि यह मांसपेशियों को रिलैक्स रखता है. अर्थात उन्हें मुलायम रखता है. गर्भावस्था के दौरान गर्भ में उसकी मांसपेशियां मुलायम रहना इसलिए फायदेमंद है. क्योंकि उसमें शिशु का विकास हो रहा होता है.
मांसपेशियां मुलायम होने का प्रभाव
प्रेगनेंसी के दौरान प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस बहुत ही ज्यादा आवश्यक हारमोंस माना जाता है. और इसकी मात्रा भी अधिक होनी चाहिए.
इसलिए यह धीरे-धीरे पूरे शरीर में पहुंच जाता है. और यह जहां जहां जाता है. वहां वहां पर जिन भी मांसपेशियों के यह संपर्क में आता है, उन्हें मुलायम कर देता है.
इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान अचानक से महिलाओं को कब्ज गैस और एसिडिटी की समस्या हो जाती है. क्योंकि यह हमारे पेट की आंतो की मांसपेशियों को भी मुलायम कर देता है.
यह हमारे मूत्राशय की मांसपेशियों को भी मुलायम कर देता है. असल में मूत्राशय की कुछ मांसपेशियों को काफी सख्त होना जरूरी होता है. जो मूत्राशय में एकत्र मूत्र को एक सीमा तक रोककर रखने का कार्य करती है. लेकिन जब उनमें थोड़ी सी नरमी आ जाती है, वह मुलायम हो जाती है तो फिर वह अपना कार्य इतने अच्छे तरीके से नहीं कर पाती हैं, और हल्के से प्रेशर के साथ महिला का यूरिन पास हो जाता है, यह अक्सर खांसने या छींकने पर ही होता है.
क्या प्रेगनेंसी में छींक आनेपर मूत्र पास होना समस्या है
इस समस्या को लेकर महिलाओं को बिल्कुल भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है. क्योंकि यह समस्या एक प्रकार से प्रेगनेंसी का लक्षण माना जाता है. जैसे ही प्रेगनेंसी समाप्त हो जाती है. उसके बाद प्रोजेस्ट्रोन नाम के हारमोंस की मात्रा हमारे शरीर में सामान्य हो जाती है. और इसका सारा प्रभाव हमारी मांसपेशियों से चला जाता है.
हमारी मांसपेशियां यथावत पहले की तरह अपने कार्य में लग जाती है. इसका शिशु के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है. अर्थात इसलिए आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है.
अगर आपको यह समस्या कुछ अधिक ही नजर आ रही है, तो फिर आपको अपने डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता है. इस समस्या के साथ-साथ आपको इंफेक्शन है, या दूसरी अलग समस्या नजर आ रही हैं तब आप अपने डॉक्टर से सलाह करें .