हम चर्चा करने वाले हैं प्रेगनेंसी के दौरान करने अगर लड़की है, तो महिलाओं को कौन-कौन से लक्षण नजर आते हैं.
हम यह पहले से ही आपको बता दें कि आप इन लक्षणों पर 100% भरोसा करके लड़के के लिए अगर आप गर्भपात कराने की सोच रहे हैं, तो यह वीडियो आपके काम का बिल्कुल भी नहीं है. क्योंकि कभी-कभी लक्षण ऑपोजिट भी आ सकते हैं .
वैसे भी हम बता दें कि किसी भी प्रकार से डॉक्टर की मदद से लिंग का परीक्षण कराना कानूनन जुर्म है. केवल मनोरंजन के उद्देश्य से ही देखें और दूसरी बात बहुत से लक्षण प्रेगनेंसी के अंत समय में भी दिखाई पड़ते हैं, तो मात्र अगर आप अपने बच्चे के लिंग के प्रति उत्सुक हैं, तो आप इस आर्टिकल को आगे बढ़ सकते हैं. गर्भ में बेटी या बेटा होने के 4 लक्षण नहीं बल्कि पूरे 10 लक्षणों को लेकर हम यहां चर्चा कर रहे हैं.
दोस्तों प्रेगनेंसी के दौरान महिला को जी मिचलाना और उल्टी जैसी समस्याएं देखने में आती हैं. अगर यह समस्या काफी ज्यादा नजर आ रही है, तो यह महिला के शरीर में हारमोंस की अधिक प्रधानता की वजह से होता है.
गर्भ में अगर लड़की है, तो महिला के शरीर में हारमोंस उच्चतम स्तर पर रहते हैं. इसलिए इस प्रकार की समस्याएं देखने में ज्यादा आती हैं.
लड़का पैदा होने का चांस
विदेशों में हुई कुछ शोधों से यह बात निकलकर सामने आई है, कि जब महिला के गर्भ में लड़की होती है, तो महिला की प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत थोड़ा कमजोर होती है. और उसे संक्रमण की समस्याएं ज्यादा नजर आती हैं.
ऐसे में त्वचा पर खुजलाहट एलर्जी आदि की समस्या ज्यादा देखने में आती है, और स्किन रूखी सूखी और उस पर दूसरे प्रकार की समस्याएं ज्यादा होती है. हालांकि लड़के के चांस में भी यह सब होता है लेकिन उतना नहीं होता है.
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बच्चे की किक से जेंडर प्रिडिक्शन
अगर गर्भवती माता को अपने गर्भस्थ शिशु की लाते पसलियों के पास लगती भी महसूस होती है, तो कहा जाता है कि गर्भस्थ शिशु एक लड़की है.
मूड स्विंग से जाने गर्भ में लड़का या लड़की
जैसे कि हमने पहले भी बताया है, कि गर्भवती महिला अगर के शरीर में कन्या होती है, तो हारमोंस उच्चतम स्तर पर होते हैं. ऐसे में महिला को मूड स्विंग की समस्या लड़कों की तुलना में कुछ अधिक ही देखने में आती है.
उसकी मनोदशा बदलती रहती है. वह अत्यधिक चिड़चिड़ी हो जाती है. डिप्रेशन और गुस्सा भी काफी ज्यादा देखने में नजर आता है.
महिला के पेट से जाने गर्भ में लड़का या लड़की
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखा गया है और सामाजिक दृष्टिकोण से भी देखा जाता है कि गर्भ में अगर लड़की है, तो उसका वजन अपेक्षाकृत लड़कों की तुलना में कम ही रहता है.
ऐसे में अगर पेट नीचे की तरफ ज्यादा झुका है, तो गर्भ में लड़का और अगर महिला का पेट नीचे की तरफ कम चुका है, और दोनों और ज्यादा बढ़ावा नजर आता है. गर्भ में लड़की है, ऐसा माना जाता है.
गर्भ में लड़की का लक्षण
समाज में माना जाता है कि जब महिला के गर्भ में लड़की होती है, तो महिला की त्वचा अत्यधिक नरम और मुलायम हो जाती है. वैसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसके पीछे महिला के शरीर में उत्पन्न हारमोंस ज्यादा जिम्मेदार होते हैं.
महिला के स्वाद से जेंडर प्रिडिक्शन
समाज में यह भी बहुत ज्यादा माना जाता है कि अगर महिला का मन मीठे भोजन की तरफ ज्यादा आकर्षित होता है, तो वह एक लड़की को जन्म देगी.
अगर महिला आइसक्रीम भी खाना बहुत ज्यादा पसंद करती है यह भी गर्भ में लड़की होने की तरफ से एक संकेत माना जाता है, हालांकि कभी-कभी उल्टा भी हो जाता है.
गर्भस्थ बच्चे की एक्टिविटी से जेंडर प्रिडिक्शन
अगर गर्भवती स्त्री लौटते समय अपने बच्चे के हिलने डुलने को ना के बराबर महसूस करती है या महसूस नहीं करती है तो माना जाता है कि गर्भ में एक लड़की हो सकती है क्योंकि यह पॉइंट सीधे-सीधे बच्चे के वजन से संबंधित है और अपेक्षाकृत लड़कियों का वजन कम होता है.
गर्भवती के बालों का झड़ना और जेंडर प्रिडिक्शन
अगर महिला के गर्भ में लड़की होती है तो महिला के बाल अपेक्षाकृत थोड़ा ज्यादा झड़ते हैं और बाल कमजोर भी नजर आते हैं.
महिला के भूख के पैटर्न से जेंडर प्रिडिक्शन
अगर महिला को गर्भावस्था के दौरान अपेक्षाकृत कम भूख लगती है तो गर्भ में लड़की होने के चांस रहते हैं, लेकिन यह लक्षण उन्हीं महिलाओं को फायदा दे सकता है जो पहले भी एक बार लड़के की मां बन चुकी है.
महिला के आकार से जेंडर प्रिडिक्शन
समाज में प्रचलित है कि गर्भ में अगर लड़की होती है तो महिला के कुहलोऔर जांघों पर काफी ज्यादा मांस जमा हो जाता है. अर्थात पीछे से देखने पर वह काफी ज्यादा मोटी नजर आती हैं, जबकि लड़के के बारे में ऐसा ना के बराबर होता है.
समाज में प्रचलित है कि अगर महिला बात-बात पर प्रेगनेंसी के दौरान तनाव में आ जाती है तो माना जाता है कि महिला के गर्भ में एक कन्या है.