प्रेगनेंसी का 15 वां हफ्ता शुरू हो चुका है. इसका अर्थ यह है, कि आपने पहली तिमाही बड़े आराम से बाहर कर ली है. दूसरी तिमाही की भी शुरुआत बहुत अच्छे ढंग से हो चुकी है. अब तक जो भी शुरुआती तिमाही में आप के लक्षण थे, वह अब समाप्त हो जाने चाहिए. यदा-कदा ही किसी महिला को यह शिकायत रहती है, कि उसके लक्षण नहीं जा रहे .
हम बात करेंगे
15 हफ्ते में शिशु का विकास,
गर्भावस्था में शारीरिक परिवर्तन और
15 सप्ताह में गर्भवती के लिए क्या जरूरी है.
गर्भावस्था में शारीरिक परिवर्तन
गर्भवती स्त्री को आप अपनी भोजन संबंधी जो समस्याएं हो रही थी. वह अब समाप्त हो जानी चाहिए. साथ ही साथ महिला को गंध के प्रति जो अधिक सेंसिटिविटी थी, अब उसमें भी काफी हद तक कमी आ जानी चाहिए.
जैसा कि हमने पिछले सप्ताह में बताया है, कि आपकी एनर्जी वापस आ चुकी है. और आपकी कामेच्छा भी पिछले 3 महीनों की तुलना में वापस आ चुकी है. आपका आपके पार्टनर के प्रति आकर्षण काफी बढ़ गया है.
आप इस दौरान यह ध्यान रखें कि आप को होने वाले स्त्राव में किसी भी प्रकार की गंध नहीं होनी चाहिए. और उसका रंग भी परिवर्तित नहीं होना चाहिए. पिछले हफ्ते की तुलना में आपकी बैली ज्यादा उभार लिए हुए नजर आएगी.
आपको कभी-कभी भारीपन महसूस होगा.
आप को कैसे सोना है, कैसे उठना है, कैसे बैठना है, आपको कैसे आराम मिलता है, इन सब चीजों पर आप गौर करना शुरू करें और अपनी लाइफ स्टाइल में परिवर्तन लाना शुरू करें.
अभी भी आपको अपच जैसी समस्याएं परेशान करेंगी साथ ही आप के मसूड़ों से खून आने की समस्या भी हो सकती है. इसकी चर्चा हमने पिछले कुछ हफ्तों में की है.
15 हफ्ते में शिशु का विकास
पिछले कुछ हफ्तों की तुलना में शिशु का आकार काफी तेज गति से बढ़ रहा है. इस वक्त शिशु की लंबाई लगभग 4 इंच की हो जाती है, और उसका वजन 50 ग्राम के आसपास माना जाता है.
इस दौरान शिशु में अधिक सक्रियता देखने में आती है. उसका चेहरा सही प्रकार से आकार लेने लगा है.
शिशु के कान की हड्डियों का विकास हो रहा है.
अब तक शिशु के पैर हाथों से अधिक लंबे हो जाते हैं.
शिशु अपने हाथ पर इधर-उधर मारने लगता है.
सांस लेना अंगूठा चूसना और एमनियोटिक द्रव को निगलना जैसी गतिविधियां आप अल्ट्रासाउंड के माध्यम से देख सकते हैं.
अब आपका बच्चा ध्वनि सुनने में सक्षम हो चुका है. वह माता के दिल की धड़कन और सांस लेने की आवाज आदि को भी समझ सकता है.
आपको अब अपने शिशु से धीरे-धीरे बातें करना शुरू करना चाहिए. इससे माता और बच्चे के बीच में एक बॉन्डिंग बनना शुरू हो जाता है.
हालांकि बच्चे का हिलना डुलना आप अभी महसूस नहीं कर पाएंगे, लेकिन बच्चा पहले की तुलना में अपने फेस एक्सप्रेशन अधिक कुशलता से दे रहा है. शिशु का शरीर अब सही अनुपात में आना शुरू हो गया है.
शिशु के अस्थि पंजर और मांसपेशियों के उत्तक अपने आप को लगातार मजबूत कर रहे हैं.
15 सप्ताह में गर्भवती के लिए भोजन में सावधानियां
अब आप मान ले कि आप गर्भवती हैं. आपके शरीर का आकार परिवर्तित हो रहा है. इसे आप स्वीकार करें. आपको ऐसे कपड़े पहनने हैं, जो प्रेगनेंसी के नजरिए से ठीक हूं.
आपको अपने भोजन में भी ध्यान देना है. आपको नाश्ते में सोया से बने खाद्य पदार्थ, सूखे मेवे, मसूर की दाल आदि चीजों से बने व्यंजन लेने चाहिए.
आप ऐसे फलों का सेवन करें. जिसमें विटामिन सी उचित मात्रा में हो.
कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करें, जैसे कि दूध दही पनीर इत्यादि.
आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना है. जिसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है. जैसे कि चाय कॉफी या चॉकलेट.
अंडे का सेवन कर सकती है, लेकिन अंडा अच्छी तरह से उबालकर ही खाना है.
डॉक्टर के द्वारा बताए गए योग आसनों को आप बड़े आराम से करें.
छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें
जैसे कि —
आप को हाइड्रेट रहना है.
भरपूर आराम और नियमित नींद लेनी है.
आप को दूषित स्थानों पर जाने से बचना है.
आपको उचित समय पर उचित मात्रा में भोजन करना है.
दर्द से निपटने के लिए आपको हल्का व्यायाम करना है.
समय-समय पर अपने डॉक्टर से उचित सलाह लेनी है,उसकी सलाह पर चलना है.
नकारात्मक सोच को अपने मन से निकाल दे.
खुद को और अपने बच्चे को भूखा नहीं रखें.
आवश्यकता से अधिक व्यायाम नहीं करना है.
स्वच्छ रहे, साथ रहे.