माँ को दूध न आने पर क्या करे – Part#2

0
60
नमस्कार दोस्तों हम सभी जानते हैं कि किसी भी गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी में बहुत ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
लेकिन यह बात भी उतनी ही सत्य है, जब बच्चे का जन्म हो जाता है। मां को उससे भी ज्यादा ध्यान अपना और अपने बच्चे का रखना होता है। क्योंकि बच्चा माता के दूध पर ही आश्रित होता है।

ऐसे में माता जो कुछ भी खाती है, और उसका असर जो माता के शरीर पर होता है। वही असर उसका उसके बच्चे के शरीर पर भी होता है।

दोस्तों कभी कभी समस्या आ जाती है। माता को उतना दूध नहीं बनता है, जितना कि एक बच्चे की आवश्यकता होती है। ऐसी अवस्था में माता को ध्यान रखना चाहिए, कि मैं उस तरह का भोजन करें जो दूध बनाने में मदद करता हूं ।

ब्रेस्ट फीडिंग सुपर फूड टिप्स

दोस्तों इस को लेकर हमने पहले भी इस वीडियो का पहला पार्ट बनाया था । यह उसका दूसरा पार्ट है। इसमें भी हम आपको कुछ ऐसे भोज्य पदार्थ बताने जा रहे हैं, जो कि माता के दूध को बढ़ाने के लिए माने जाते हैं।

breast milk feeding, how to increase breast milk naturally

इन्हें भी पढ़ें : स्तनपान से शिशु को होने वाले लाभ – Breast Feeding BenefitsBaby Care
इन्हें भी पढ़ें : स्तनपान कराने से माँ को होने वाले लाभ
 

पका हुआ पपीता और कसे हुए गाजर का सेवन 

पका हुआ पपीता और कसे हुए गाजर का सेवन करने से स्तनपान कराने वाली महिलाओं के दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसका सेवन करने से विटामिन ए की कमी पूरी हो जाती है।

मेथी के बीज

• मेथी के बीजों में ओमेगा-3 वसा जैसे स्वस्थ विटामिन होते हैं, जो स्तनपान कराने वाली माँ के लिए अच्छे रहते हैं।

• ओमेगा-3 वसा शिशु के मस्तिष्क विकास के लिए महत्वपूर्ण है। मेथी के साग में बीटाकैरोटीन, बी विटामिन, आयरन और कैल्श्यिम भरपूर मात्रा में होते है।

• मेथी की चाय नई मांओं को दिया जाने वाला एक लोकप्रिय पेय है। मेथी वैसे भी कई व्यंजनों में डाली जा सकती है। विशेषकर सब्जियों और मांस के व्यंजनों में। इसे आटे में मिलाकर परांठे, पूरी या भरवां रोटी भी बनाई जा सकती है।

• मेथी, पौधों के उसी वर्ग से संबंध रखती है, जिसमें मूंगफली, छोले और सोयाबीन के पौधे भी शामिल हैं। इसलिए, अगर आपको इनमें से किसी के भी प्रति एलर्जी है, तो आपको मेथी से भी एलर्जी हो सकती है।

चने 

करीब 50 से 60 ग्राम काबुली चने को रात में दूध में भिगो कर रख दें। फिर सुबह के टाइम दूध को छानकर अलग निकाल लें। फिर इसके बाद इन चनों को अच्छे से चबा-चबाकर खाएं। और फिर ऊपर से इसी दूध को गर्म करके पीने से महिलाओ के दूध में पर्याप्त मात्रा में वृद्धि हो जाती है।

breastfeeding, increase breast milk

सौंफ

सौंफ भी स्तन दूध की आपूर्ति बढ़ाने का एक अन्य पारंपरिक उपाय है। शिशु को गैस और पेट दर्द की परेशानी से बचाने के लिए भी नई माँ को सौंफ दी जाती है।

इसके पीछे तर्क यह है कि पेट में गड़बड़ या पाचन में सहायता के लिए वयस्क लोग सौंफ का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए स्तनदूध के जरिये सौंफ के फायदे शिशु तक पहुंचाने के लिए यह नई माँ को दी जाती है।

हालांकि, इन दोनों धारणाओं के समर्थन के लिए कोई शोध उपलब्ध नहीं है। मगर बहुत सी माताएं मानती हैं कि सौंफ से उन्हें या उनके शिशु को फायदा मिला है। सौंफ का पानी और सौंफ की चाय प्रसव के बाद एकांतवास के पारंपरिक पेय हैं।

इन्हें भी पढ़ें: गर्भ में पुत्र या पुत्री होने के सटीक 4 लक्षण
इन्हें भी पढ़ें : सपने में बच्चे दिखाई पड़ना जानिए गर्भ में क्या है बेटा या बेटी

घी

घी ब्रेस्ट मिल्क बनाने में तो मदद करता ही है साथ ही यह हड्डियों को मज़बूत बनानेवाले पोषण तत्व भी शरीर में पहुंचाता है। आप घी के तड़के में दलिया या सब्ज़ियां बनाकर घा सकती हैं।

हरी पत्तेदार सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, सरसों का साग और बथुआ आदि आयरन, कैल्शियम और फोलेट जैस खनिजों का बेहतरीन स्त्रोत हैं। इनमें बीटाकैरोटीन (विटामिन ए) का एक रूप और राइबोफ्लेविन जैसे विटामिन भी भरपूर मात्रा में होते हैं। इन्हें भी स्तन दूध बढ़ाने में सहायक माना जाता है।

स्तनपान कराने वाली मांओं को प्रतिदिन एक या दो हिस्से हरी पत्तेदार सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है। आप इन सब्जियों को मसालों के साथ पका सकती हैं या फिर थेपला, विभिन्न सब्जियां डालकर पोहा या इडली जैसे नाश्ते भी बना सकती हैं।

सैमन

स्तननपान कराने वाली माताओं के आहार में सैमन, प्रोटीन, विटामिन डी और डीएचए का बहुत अच्छा  स्त्रो त है। यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक प्रकार है जो कि बच्चेथ के तांत्रिका तंत्र के विकास के लिए महत्वइपूर्ण है।

boost milk supply, breastfeeding diet

इन्हें भी पढ़ें : यह सपने बताते हैं घर में पुत्र होगा या पुत्री
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में फल कब और कैसे खाने चाहिए

 

तिल के बीज

तिल के बीज कैल्शियम का एक गैर डेयरी स्त्रोत है। स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए कैल्शियम एक जरुरी पोषक तत्व है।

यह आपके शिशु के विकास के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। शायद इसलिए ही यह स्तनपान कराने वाली माताओं के आहार में शामिल की जाने वाली सदियों पुरानी सामग्री है।

आप तिल के लड्डू खा सकती हैं या फिर काले तिल को पूरी, खिचड़ी, बिरयानी और दाल के व्यंजनों में डाल सकती हैं। कुछ माएं गज्जक व रेवड़ी में सफेद तिल इस्तेमाल करना पसंद करती हैं।

 सुवा

सुवा के पत्ते आयरन, मैग्निशियम और कैल्श्यिम का अच्छा स्त्रोत हैं। माना जाता है कि सुवा स्तन दूध आपूर्ति में सुधार, पाचन क्रिया व वात में आराम और नींद में सुधार करता है।

सुवा हल्का मूत्रवर्धक भी होता है। इसलिए इसका सीमित सेवन किया जाना चाहिए।आप सुवा के बीज साबुत या उन्हें पीस कर अचार, सलाद, चीज़ स्प्रेड और तरी या सालन में डाल सकती हैं। सुवा की चाय प्रसव के बाद दिया जाने वाला एक लोकप्रिय पेय है।

केल

जब आप बच्चे को दूध पिलाती हैं तो आपके शरीर को अतिरिक्त कैलोरी की ज़रूरत पड़ती है।केल में कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए और फोलेट अच्छी मात्रा में होते हैं। केल चिप्स खाने में स्वादिष्ट होने के साथ छोटी-मोटी भूख लगने पर खाने के लिए एक अच्छा पर्याय है।

जई और दलिया

जई आयरन, कैल्शियम, फाइबर और बी विटामिन का बेहतरीन स्त्रोत होता है। स्तनपान कराने वाली मांओं के बीच ये काफी लोकप्रिय है।

पारंपरिक तौर पर जई को चिंता व अवसाद कम करने में सहायक माना जाता है। इन्हें आमतौर पर दलिये की तरह ही खाया जाता है। इसका पौष्टिक मूल्य बढ़ाने के लिए आप इसमें मेवे, दूध, मसाले या फल भी डालकर खा सकती हैं।


breast milk production, increase milk production

स्वीट पटैटो

स्वीट पटेटो पोटेशियम का मुख्या स्त्रो त है। इसमें मौजूद ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट का उत्पादन करती है, जो थकान से लड़ने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा में इसमें विटामिन सी और बी कॉम्लेै   क्सव होता है। और मांसपेशियों को आराम देने वाला तत्वद मैग्नीनशियम भी इसमें मौजूद होता है।

पानी और ज्यूस पीने से

स्तनपान के दौरान आपको पानी केवल अपनी प्यास बुझाने के लिए ही पीने की जरुरत है। अत्याधिक पानी या ज्यूमस पीने या प्यासे रहने से आपके दूध की आपूर्ति पर असर नहीं पड़ता है। आपका शरीर जरुरी तत्वों का नियमित संग्रहण करने में काफी सक्षम होता है, ताकि वह आपकी दूध की आपूर्ति को बनाए रख सके।

ओट्स मील

ओट्स मील एनर्जी से भरपूर होता है। इसमें फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो पाचन के लिए बहुत अच्छाै होता है। ब्रेस्टवफीडिंग करवाने वाली महिलाएं इसे रोज सुबह नाश्ता। में खा सकती हैं।

इन्हें भी पढ़ें : भ्रूण में धड़कन होते हुए भी कभी-कभी क्यों नहीं सुनाई पड़ती ह
इन्हें भी पढ़ें : उत्तम बुद्धि और सुंदर सी संतान की प्राप्ति के लिए


 प्याज

भोजन के साथ कच्चे प्याज का सेवन अधिक मात्रा में करने से माताओं के स्तनों में दूध में वृद्धि होती है। जब भी माताएं भोजन करें तो कच्चे प्याज का सेवन भोजन के साथ अवश्य करें।

breastfeeding, baby, breast pump

अंडे

अंडे में प्रोटीन, विटामिन बी 12 और डी, राइबोफ्लेविन, फोलेट ओर कोलीन मौजूद होते है। जो मां और बच्चेंा दोनों के लिए फायदेमंद होता है। अंडे की जर्दी में विटामिन डी मौजूद होता है, जो नवजात शिशुओं के लिए महत्वरपूर्ण होती है।

मां का दूध बच्चे के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। इसके लिए महिला चाहे तो दूध को बढ़ाने वाले रेडीमेड प्रोडक्ट भी मार्केट से परचेस कर सकती है।

आजकल बहुत सारी कंपनियां ऐसे प्रोडक्ट बनाती हैं, जिससे महिला का दूध बढ़ता है। अगर आप ऐसे प्रोडक्ट के बारे में जानना चाहती है, तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके उन्हें जान और पहचान सकती हैं, और अगर आप चाहें तो उन्हें खरीद भी सकती हैं।

जहां महिलाएं ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए इतनी कोशिश करती हैं. वहां उन्हें ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस की भी उतनी ही आवश्यकता होती है.

ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस की आवश्यकता

एक
नवजात बच्चे की माता को अपने शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग कराने की आवश्यकता
होती है. एक नवजात बच्चा लगभग 6 महीने तक अपनी माता का दूध दिन में कई बार
पीता है. ऐसी परिस्थिति में माता को ट्रेडिशनल ड्रेस के अंदर ब्रेस्ट
फीडिंग कराने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.

अब इस
परेशानी को दूर कर दिया गया है. नवजात बच्चे की माताओं के लिए
ब्रेस्टफीडिंग ड्रेसेस अब मार्केट में उपलब्ध हो गई है. यह ड्रेस काफी
स्टाइलिश भी होती हैं, और इनमें बच्चे को स्तनपान कराने की सुविधा भी होती
है.
नवजात बच्चे की माताओं के पास ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस अवश्य होनी
चाहिए. क्योंकि अगले कम से कम 1 साल तक महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान
कराएंगे.

ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस के अंदर महिलाओं को स्तनपान कराने
में काफी सुविधा रहती है. कई बार महिलाओं को घर और घर के बाहर भी बच्चों के
साथ निकलना पड़ता है. पब्लिक प्लेस में भी कभी-कभी ब्रेस्टफीडिंग करानी
पड़ती है. इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखकर ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस डिजाइन
की जाती है.

महिलाएं अपने लोकल मार्केट से ब्रेस्ट फीडिंग ड्रेस
खरीद सकती हैं. लोकल मार्केट में आपको बहुत अधिक चॉइस नहीं मिलती है, लेकिन
अगर आप Online nursing Dress खरीदने जाएंगे तो आपको एक बहुत लंबी रेंज
प्राप्त होगी, जहां आप अपनी पसंद की स्टाइलिश ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस खरीद
सकती है.

अगर आप ऑनलाइन परचेसिंग कर रहे हैं तो आपको किसी
प्रतिष्ठित वेबसाइट से ही शॉपिंग करें. क्योंकि यहां आपको प्रोडक्ट पसंद
नहीं आने पर रिटर्न करने की सुविधा भी प्राप्त होती है.

ऐसे ही हम
आपको ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस से संबंधित एक प्रतिष्ठित वेबसाइट वेबसाइट का
लिंक प्रोवाइड करा रहे हैं. जहां जाकर आप ब्रेस्टफीडिंग ड्रेस के संबंध में
अधिक जानकारी प्राप्त कर सकती हैं.

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें