आज इस वीडियो के माध्यम से हम Leg UP Wall Position को लेकर चर्चा कर रहे हैं, क्योंकि यह प्रेगनेंसी होने में काफी कारगर तरीका माना जाता है. आज हम इसके विषय में चर्चा करेंगे कि —
इसे किस प्रकार से इंप्लीमेंट करना चाहिए
इसे कितने समय तक तक प्रयोग में लाना चाहिए
किस वक्त का प्रयोग करना चाहिए
यह प्रेगनेंसी में हेल्प क्यों करता है
आजकल बहुत सी महिलाओं को गर्भवती होने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और जब वह अपने सारे रिपोर्ट्स कर आते हैं, तो सब कुछ नॉर्मल आता है. उसके बाद भी प्रेगनेंसी नहीं होती है.
इस प्रकार की अगर समस्या किसी भी कर महिला को आ रही है, तो ऐसे में यह Leg UP Wall Position तरीका उनके लिए काफी कारगर सिद्ध होता है. वह बड़ी आसानी से प्रेगनेंसी कंसीव कर सकती है.
कुछ ही महीने यह तरीका अपनाने पर उन्हें सफलता प्राप्त हो सकती है.
Leg UP Wall Position क्या है
मिलन कंप्लीट हो जाने के बाद महिला को लगभग 20 से 30 मिनट तक Leg UP Wall Position में रहने की सलाह दी जाती है.
आपको इमेज के माध्यम से नजर आ रहा है Leg UP Wall Position को किस प्रकार से इंप्लीमेंट किया जाता है.
आपको यह विभिन्न प्रकार की इमेज नजर आ रही है जिनमें आपको देखकर स्पष्ट पता चल जाएगा कि यह पोजीशन को किस प्रकार से कार्य में लेकर आना है.
वैसे तो यह एक आसन है लेकिन प्रैक्टिस में नहीं होने के कारण यह आसानी से नहीं होता है.
इस कारण दीवार का सहारा लेना पड़ता है, ताकि कार्य संपन्न हो सके. अधिक वजन होने के कारण भी इसे करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है, तो दीवार का सहारा लिया जाता है.
Leg UP Wall Position किस समय अपनाएं
यह तरीका इसलिए अपनाया जाता है ताकि पुरुष के शुक्राणु महिला के शरीर में तेजी के साथ अंडाणु तक पहुंच सके. जब दंपत्ति अपना मिलन कंप्लीट कर चुके होते हैं, और पुरुष डिस्चार्ज हो जाता है, तो उसके तुरंत बाद महिला को लेग अप वॉल पोजिशन लगा लेना चाहिए. लगभग 15 से 25 मिनट तक इसी अवस्था में रहना चाहिए.
Leg UP Wall Position क्यों जरूरी है
यहां हम पृथ्वी की एक बड़ी ही खूबसूरत प्रॉपर्टी अर्थात गुण का हम इस्तेमाल करेंगे जिसे हम कहते हैं, गुरुत्वाकर्षण बल. पृथ्वी की एक प्रॉपर्टी होती है. वह हर एक चीज को नीचे की तरफ खींचती है.
पहला इस प्रकार से अगर महिला कुछ समय तक लेटी रहेगी तो पुरुष के एक्स और वाई क्रोमोसोम बहुत तेजी से गुरुत्वाकर्षण बल का प्रयोग करते हुए अंडाणु तक पहुंच जाते हैं.
असल में होता है क्या है कि बहुत सी महिलाओं के शरीर का पीएच मान काफी विषम होता है जिसके अंदर शुक्राणु बहुत अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाते तो उन्हें यहां फायदा हो जाता है.
क्योंकि ग्रेविटी की ताकत के कारण वह बहुत तेजी से अंडाणु तक पहुंच सकते हैं.
दूसरा बहुत से पुरुषों का स्पर्म इतना मजबूत नहीं होता है कि वह महिला के शरीर में अधिक लंबे समय तक जीवित रह सके. इसलिए अंडाणु तक पहुंचने की जद्दोजहद में वह बीच में ही समाप्त हो जाते हैं.
इस वजह से भी प्रेगनेंसी नहीं हो रही होती है. क्योंकि उनकी सभी रिपोर्टर तो ठीक है, और फिर भी प्रेगनेंसी में समस्या आ रही है, तो ग्रेविटी का फायदा उठाकर स्पर्म बहुत तेजी से अंडाणु तक पहुंच जाते हैं और प्रेगनेंसी कामयाब हो जाती है.
तीसरा महिला के शरीर के अंदर शुक्राणुओं को बाहरी समझा जाता है. इसलिए शरीर के अंदर इन पर आक्रमण होता है.
इस आक्रमण की वजह से अधिकतर समय यह अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही समाप्त हो जाते हैं अगर ग्रेविटी का सहारा मिलता है तो इन्हें सही स्थान तक पहुंचने में काफी आसानी होती है.
इसे किस प्रकार से इंप्लीमेंट करना चाहिए तो अच्छा तो यही रहता है कि मिलन के दौरान भी इस पोजीशन को बनाकर रखा जाए तो बहुत उचित रहता है और उसके आधे घंटे बाद तक महिला ऐसी स्थिति में रहे तो उसे प्रेगनेंसी होने में काफी फायदा होगा.