प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ संस्कार के लाभ के विषय में बात करने वाले हैं, जैसे जैसे आधुनिक विज्ञान तरक्की करता जा रहा है. वैसे-वैसे दोबारा से समाज में गर्भ संस्कार की महत्ता बढ़ती चली जा रही है.
आजकल जैसे-जैसे पॉपुलेशन बढ़ रही है. वैसे-वैसे रिसोर्सेज की कमी होती चली जा रही है. ऐसे में सबसे बेस्ट बनाना आवश्यक हो गया है.
माता पिता इसकी तैयारी अब गर्भ संस्कार के माध्यम से गर्भ काल से ही करना शुरू कर देते हैं. गर्भ संस्कार बच्चे को एक मजबूत शरीर, मजबूत दिमाग देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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गर्भ संस्कार क्या है
मनुष्य के लिए बताए गए 16 संस्कारों में से एक संस्कार गर्भ संस्कार है. यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. यह गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए, शारीरिक विकास के लिए अत्यधिक लाभदायक है.
कम शब्दों में अगर गर्भ संस्कार को वर्णित किया जाए, तो इसका अर्थ होता है, गर्भ काल से ही शिशु को शिक्षित करना.
गर्भ काल से ही शिशु को शिक्षित और हर प्रकार से स्वस्थ बनाने के लिए बहुत सारे संस्कार बताए गए हैं. उनका पालन करना गर्भ संस्कार कहलाता है. यहां संस्कार का अर्थ कार्य से है.
गर्भ संस्कार के लाभ
यह सुनने में थोड़ा जरूर अलग सा लगेगा, लेकिन एक गर्भस्थ शिशु और माता के बीच बॉन्डिंग शिशु के मस्तिष्क के विकास के साथ ही शुरू हो जाती है. और गर्भाशय शिशु माता से सीखना शुरू कर देता है.
माता के स्वास्थ्य का गर्भस्थ शिशु पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. महिला की सकारात्मक सोच और बहुत अच्छी मनोदशा महिला के शरीर के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु को भी फायदा देती है.
महिला को सॉफ्ट संगीत सुनना चाहिए. यह भी गर्भसंस्कार में बताया जाता है. इससे शिशु के विकास पर सकारात्मक प्रभाव नजर आता है.
उदाहरण के लिए वीणा, बांसुरी इत्यादि की मधुर धुन बच्चे के लिए फायदेमंद होती है. यह बच्चे के मस्तिष्क और चारित्रिक विकास को गति प्रदान करती है. मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
विशेषज्ञ, गर्भ संस्कार (Garbh sanskar) की कुछ प्रथाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहते हैं कि गर्भावस्था के समय अपने शिशु से बात करना, अच्छा संगीत सुनना और शिक्षाप्रद किताबें पढ़ने के कई लाभ हो सकते है। जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-
- जन्म के समय शिशु का अधिक सक्रिय होना,
- माता-पिता के साथ शिशु की बेहतर बॉन्डिंग,
- बच्चे को अच्छी नींद आना,
- शिशु में आत्मविश्वास होना,
- शिशु का सतर्क रहना,
- स्तनपान के समय शिशु बेहतर प्रतिक्रिया करता है.
अगर महिला गर्भ संस्कार को प्रेगनेंसी के दौरान अपने जीवन में उतारती है तो —
- इससे शिशु की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है, और आप कई बीमारियों से बची रहती हैं.
- एक्सपर्ट्स कहते हैं कि योग, संगीत और आहार का सकारात्मक असर बच्चे पर पड़ता है.
- गर्भ संस्कार विधि से होने वाला बच्चा व्यवहारिक होता है और उसमें जन्म से ही अच्छी आदतें आती हैं.
- गर्भ संस्कार के अनगिनत लाभ जीवन भर बच्चे को प्राप्त होते रहते हैं. इसलिए गर्भवती माता को गर्भ संस्कार के विषय में अधिक से अधिक जानकारी रखनी चाहिए.
- बहुत सारे ऐसे मिथक जो प्रेग्नेंसी के संबंध में समाज में अब तक बताए जाते हैं. वह भी टूट जाते हैं. और माता के मन से बहुत सारी चिंताएं समाप्त हो जाती है.
गर्भस्थ माता गर्भ संस्कार कैसे करें
गर्भ संस्कार अपने आप में एक पूरा विज्ञान है. इसके अंदर धार्मिक, आध्यात्मिक, आयुर्वेदिक, स्वास्थ्य, मनोवैज्ञानिक, भोजन विज्ञान इत्यादि का समावेश होता है. इसमें कई प्रकार के एक्सपर्ट लोगों की आवश्यकता होती है.
गर्भ संस्कार का चलन भारतीय समाज से विलुप्त हो गया था. लेकिन आधुनिक विज्ञान के रूप में यह दोबारा से वापस आ रहा है. वर्तमान में इसके प्रोफेशनल आसानी से उपलब्ध नहीं है.
कोई भी ब्राह्मण धर्म के अनुसार घर में गर्भ संस्कार पूजा पाठ करता है.
एक मनोवैज्ञानिक अपने अनुसार गर्भ संस्कार को फॉलो करता है.
एक डॉक्टर आपके स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से गर्भ संस्कार को फॉलो करता है.
अगर आपके पास गर्भ संस्कार से संबंधित कोई एक्सपर्ट उपलब्ध है तो आप उनसे राय लेकर गर्भ संस्कार की क्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं.
अन्यथा इसका एक काफी आसान उपाय यह भी है कि कई सारे एक्सपर्ट द्वारा गर्भ संस्कार की विधि को उस में किए जाने वाले कार्य को संकलित करके पुस्तक का रूप दे दिया गया है.
गर्भ संस्कार विषय पर कई पुस्तकों की जानकारी
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