प्रेग्नेंसी के समय महिला के शरीर में हार्मोन के परिवर्तन बहुत ज्यादा होते हैं. इस वजह से महिला के लिए बहुत सी चीजें बदल जाती हैं. कभी-कभी महिला को मीठा खाने का बहुत ज्यादा मन करने लगता है. मीठा ना मिलने पर वह परेशान भी हो जाती है. क्या ज्यादा मीठा खाना प्रेगनेंसी में फायदेमंद है, या नुकसानदायक है.
प्रेगनेंसी में मीठा खाने की इच्छा क्यों होती है – Pregnancy mein Meetha khane ki ichcha
- प्रेग्नेंसी के समय महिला का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर रहता है. आंतों में गुड बैक्टीरिया कम हो जाते हैं. और यीस्ट और फंगल बढ़ जाने की वजह से मीठा खाने के प्रति ज्यादा इच्छा हो सकती है.
- अगर हम किसी कारणवश अपने शरीर में प्रोटीन को पर्याप्त मात्रा में नहीं ले रहे होते हैं. शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बिगड़ जाता है फिर माइंड ऐसे केमिकल रिलीज करता है जो मीठे की इच्छा को बढ़ाते हैं.
- थायराइड की समस्या के कारण भी गर्भवती महिला को थकावट और कमजोरी महसूस होती है. जिससे ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है. और मीठा खाने की इच्छा होने लगती है.
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- अगर प्रेगनेंसी में किसी महिला को तनाव होने लगता है तो इसके कारण एड्रीनालीन और कार्टिलेज नामक हार्मोन उत्तेजित हो जाते हैं, जिसकी वजह से मीठा खाने की इच्छा बढ़ जाती है.
- दोस्तों जैसे किसी सरकार को चलाने के लिए नेता मुखौटाहोते हैं और असली कार्य उसके पीछे आईएएस अधिकारी करते हैं वैसे ही हमारे शरीर को चलाने में असली संचलन हमारे शरीर में उपस्थित हारमोंस करते हैं.प्रेग्नेंसी के समय महिला के शरीर में काफी ज्यादा हार्मोन अल उथल-पुथल होती है. जिसकी वजह से कुछ हारमोंस अधिक उत्पादित होते हैं, या कम उत्पादित होते हैं. इन हारमोंस में आई डिसबैलेंस की वजह से भी कभी-कभी प्रेग्नेंट महिला की मीठे के प्रति काफी इच्छा बढ़ जाती है.
मीठा खाने के कुछ फायदे भी हैं – Meetha khane ke fayde
एक तो अगर आप मीठा खाने की इच्छा होती है आपको तो आपको संतुष्टि प्राप्त होती है.
मीठे में काफी ज्यादा कैलोरी पाई जाती है. जिसकी वजह से आपको काफी एनर्जी प्राप्त होती है.
मीठा खाने से आपको रक्तचाप की समस्या में थोड़ी सी राहत मिल सकती है. रक्तचाप कंट्रोल में रहता है.
दोस्तों मीठा खाने के फायदे से ज्यादा नुकसान होते हैं. अब हम आपको बताते हैं कि यह आपको प्रेगनेंसी में क्यों नहीं खाना चाहिए यह कितना नुकसान दे सकता है.दोस्तो हमारे शरीर में मीठे को पचाने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है. आप जितना ज्यादा मीठा खाओगे उतना ज्यादा कैल्शियम मीठे को पचाने में खर्च हो जाएगा. और प्रेग्नेंसी के समय महिला को कैल्शियम की आवश्यकता बहुत ज्यादा होती है. क्योंकि कैल्शियम महिला के साथ साथ बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है.अगर ऐसे में आप मीठा ज्यादा खाएंगे तो बच्चे के लिए कैल्शियम कम पड़ जाएगा और बच्चे का विकास ठीक ढंग से नहीं हो पाएगा. इसलिए आपको प्रेग्नेंसी के समय मीठे से बचना चाहिए. खासकर चीनी और चीनी से बने.
दोस्तों मीठे के अंदर कैलोरी बहुत ज्यादा होती है, और हमारे शरीर को सिर्फ इतनी ही कैलोरी की आवश्यकता होती है. जितनी कैलोरी हम 1 दिन में खपत कर पाए
अगर हम ज्यादा कैलोरी इंटेक करते हैं या लेते हैं तो वह हमारे शरीर में चर्बी के रूप में एकत्र होने लगती है.
जिसका प्रयोग हम भविष्य में कैलोरी ना मिलने पर करेंगे. पर ऐसा कभी जल्दी से होता नहीं है. यह कैलोरी हमें मोटापे का शिकार बना देती है. प्रेग्नेंसी के समय महिला का वजन तो बढ़ना चाहिए. लेकिन नियमित और संयमित तरीके से ही बढ़ना चाहिए. ज्यादा मीठा खाना अनियमित तरीके से वजन को बढ़ा सकता है जो काफी नुकसानदायक है.
मीठा खाने से हमारे शरीर की इम्यून पावर कमजोर होती जाती है जिसके कारण हमें छोटे-मोटे रोग वायरल संक्रमण बहुत जल्दी प्रभावित करते हैं, तो इसलिए भी हमें मीठा खाने से बचना चाहिए.प्रेग्नेंसी के समय कुछ केसेस के अंदर Gestational diabetes होने का खतरा रहता है. ऐसे में अगर हम ज्यादा मीठा खाना पसंद करेंगे तो यह प्रेगनेंसी में Gestational diabetes की तरफ एक कदम और बढ़ाने जैसा होगा.
जैसा कि हमने बताया कि मीठा खाने से शरीर का कैल्शियम उसे पचाने के लिए खर्च होता है. अगर हम मीठा ज्यादा खाते हैं, तो इससे हमारे दांत का कैल्शियम भी आपके द्वारा खाए जाने वाले मीठे की भेंट चढ़ने लगता है. दांत कमजोर होने लगते हैं. और हम सभी जानते हैं कि दांत एक बार गिरने के बाद दोबारा नहीं आते हैं.