गर्भ संस्कार के गर्भस्थ शिशु को फायदे – Benefits of Garbh Sanskar to the fetus

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भारतीय सनातन प्राचीन पद्धति के अनुसार गर्भ संस्कार के गर्भस्थ शिशु को फायदे कौन-कौन से होते हैं. यह जानना किसी भी नव माता-पिता के लिए काफी आवश्यक होता है.

गर्भ संस्कार सनातन धर्म के अनुसार डेवलप किया गया संस्कार है. सनातन धर्म एक वैज्ञानिक धर्म है. इसके अंदर हर एक कर्म विज्ञान सम्मत और धर्म सम्मत ही होता है.

धार्मिक विशेषज्ञ मानते हैं कि सनातन कोई धर्म नहीं है, बल्कि जीवन जीने की एक कला है. अगर यह बात सत्य है तो गर्भ संस्कार विज्ञान पर ही आधारित कर्म है.

सनातन के अनुसार जीवन में 16 संस्कार बताए गए हैं. जिनको अपनाकर एक व्यक्ति अपने जीवन में सर्वश्रेष्ठ बन सकता है. उनमें से पहला संस्कार गर्भ संस्कार कहलाता है.

प्राचीन हिंदू वैज्ञानिकों के द्वारा एक बच्चे के पैदा होने से लेकर बड़े होकर मृत्यु तक पहुंचने तक, उसे अपने जीवन में किस प्रकार के कार्य करने चाहिए. कैसे स्वस्थ रहना चाहिए.

गर्भ संस्कार के गर्भस्थ शिशु को फायदे – Benefits of Garbh Sanskar to the fetus

किस प्रकार से मन और मस्तिष्क को मजबूत रखना है. इस संबंध में काफी सारे कर्म बताए गए हैं.

गर्भसंस्कार गर्भ के अंदर ही शिशु को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत और संस्कारी बनाने की कला है.
गर्भ संस्कार केवल माता को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए ही नहीं होता है, बल्कि गर्भ में शिशु के शरीर को मजबूती प्रदान करने और मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए भी होता है.

गर्भ संस्कार के गर्भस्थ शिशु को फायदे

आज हम गर्भ संस्कार के द्वारा शिशु को क्या-क्या फायदे होते हैं. इस संबंध में चर्चा करने जा रहे हैं.

गर्भ संस्कार का पालन गर्भस्थ शिशु के लिए ही होता है. लेकिन इसमें गर्भ शिशु के लिए कोई भी कार्य नहीं होता है. गर्भ संस्कार का पालन गर्भवती स्त्री और उसके परिवार जनों को ही करना पड़ता है.

1.    गर्भ के अंदर शिशु का मस्तिष्क 3 महीने तक विकसित हो जाता है. उसके बाद शिशु माता के गर्भ में सीखना शुरू कर देता है. इसलिए गर्भ संस्कार के नियमों का पालन, अगर गर्भवती स्त्री करती है, तो यह उसके लिए फायदेमंद रहता है.

2.    गर्भ संस्कार के अंदर आयुर्वेदिक गर्भ संस्कार भी आता है. आयुर्वेदिक गर्भ संस्कार अपनाकर महिला अपने भोजन का ध्यान रख सकती है. जिससे गर्भ शिशु के मस्तिष्क का विकास बहुत तेजी से होता है. उसकी क्षमता बढ़ती है.

3.    आयुर्वेदिक गर्भ संस्कार गर्भ शिशु के शारीरिक विकास को ध्यान में रखकर कार्य करता है. इसलिए महिला के द्वारा ऐसे कार्य गर्भ संस्कार के अंदर किए जाते हैं. जिससे गर्भस्थ शिशु का शरीर मजबूत हो गरबा शिशु को किसी भी प्रकार के जन्मजात रोग नहीं लगे.

4.    गर्भस्थ माता अगर तनाव लेती है, या किसी बात को लेकर चिंता में रहती है. महिला और महिला का परिवार गर्भ संस्कार के नियमों का पालन करें तो उन्हें इस बात का ज्ञान अवश्य मिलता है, कि गर्भस्थ माता को तनाव बिल्कुल नहीं होना चाहिए. घर में खुशी और शांति का माहौल रहना चाहिए.

क्योंकि अगर माता जितनी देर भी तनाव में रहती है. चिंता में रहती है. उस दौरान गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास नहीं होता है. इसलिए शिशु के विकास में गर्भ संस्कार का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है.

5.    गर्भ संस्कार बहुत रिसर्च के बाद प्रतिपादित किया गया है. गर्भ संस्कार के नियमों का पालन करने से संतान संस्कारी उत्पन्न होती है.

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6.    गर्भ संस्कार का नियम पालन करने पर जो संतान उत्पन्न होती है. वह मन और मस्तिष्क से मजबूत रहती है. बच्चा अधिक एक्टिव रहता है. खुशमिजाज रहता है. उसमें सीखने की इच्छा रहती है, और वह जल्दी सीखता है.

7.    गर्भ संस्कार अपनाने पर पैदा होने वाला शिशु के साथ उसके माता-पिता की बहुत अच्छी बॉन्डिंग रहती है.
स्वस्थ, मजबूत. धार्मिक और कर्मशील संतान प्राप्ति के लिए जो भी नियम गर्भ संस्कार के अंदर दिए गए हैं. उनका पालन माता पिता को करना चाहिए. क्योंकि इन 9 महीने में तथा अगले 2 साल में बच्चा जिस भी प्रकार की लाइफ से गुजरता है, वह उसका असर उसके साथ उम्र भर रहता है.

गर्भस्थ माता गर्भ संस्कार कैसे करें

गर्भ संस्कार इतना आवश्यक है, यह आपको स्पष्ट हो गया होगा.  अगर मन में यह बात आती है, कि गर्भ संस्कार को मैं कैसे जीवन में उतारू, ताकि गर्भस्थ शिशु को लाभ मिल सके.

इसके लिए कुछ तरीके हैं. सबसे पहले आप अपने पास गर्भ संस्कार एक्सपर्ट को सर्च कर सकते हैं. उस के सानिध्य में आप अपनी प्रेगनेंसी को आगे बढ़ा सकती हैं.

अगर ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है, तो आप अपने ही आसपास किसी बुक स्टोर पर जाएं और वहां पर आपको बहुत सारे एक्सपर्ट के द्वारा गर्भ संस्कार से संबंधित पुस्तकों की कॉपी मिल जाएगी.

आप उन पुस्तकों को खरीद कर उन्हें पढ़कर जितना भी हो सके घर संस्कार के कार्य को अपने जीवन में उतारे.
इसके अलावा भी आप ऑनलाइन जाकर गर्भ संस्कार से संबंधित पुस्तकों को खरीद सकती हैं.

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