संतान प्राप्ति के तीन आयुर्वेदिक उपाय | पुत्र रत्न प्राप्ति के उपाय

सर्वप्रथम तो ट्रीटमेंट लेने के बाद आपको जब संतान प्राप्ति के लिए कोशिश करनी है उस वक्त महिला का ओवुलेशन पीरियड चल रहा है यह बहुत जरूरी है.
 
आपको आपका ओवुलेशन पीरियड पता हो इसके लिए आपके मंथली पीरियड नियमित होने बहुत जरूरी है. अगर वह नियमित नहीं है, तो आप सर्वप्रथम इन्हें नियमित कराने के लिए ट्रीटमेंट ले.

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संतान या पुत्र प्राप्ति आयुर्वेदिक मेडिसिन लेने से पहले महिला को तला भुना खट्टा तीखा मसालेदार भोजन छोड़ना होगा. साथ ही साथ महिला को कब्ज एसिडिटी गैस की समस्या नहीं होनी चाहिए. 
 
कुल मिलाकर कहने का मतलब यह है, कि पाचन तंत्र मजबूत होना चाहिए. ताकि जो भी औषधि ग्रहण करें, वह सही तरह से शरीर में पच जाए,  ताकि उसका संपूर्ण फायदा मिले.
 
पुरुषों को भी अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना है. और महिला से संबंध बनाने में थोड़ा परहेज रखना है. ताकि पुरुष तत्व बलवान बन सके. भोजन में दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन अधिक करना है. योगाभ्यास करें तो और अच्छा होगा.

जो भी पुत्र प्राप्ति की आयुर्वेदिक दवा यहां पर बताई जा रही है. अगर उन्हें लेने पर जरा भी परेशानी सामने आती है, तो तुरंत रोक देना और किसी अच्छे आयुर्वेदाचार्य से संपर्क करना है.



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पुत्र प्राप्ति आयुर्वेदिक उपाय 1

यह आयुर्वेदिक औषधि के साथ साथ टोटका भी है.

किसी शुभ नक्षत्र में अपामार्ग की जड़ ले आएं. और उसे जलाकर भस्म बना ले. गाय के दूध में इस भस्म को मिलाकर पति-पत्नी दोनों ही पिएं. इस प्रयोग को करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है.
 
अपामार्ग की जड़ अगर आपको अवेलेबल नहीं होती है, तो आप किसी जड़ी बूटी विक्रेता के यहां संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं.

पुत्र प्राप्ति आयुर्वेदिक उपाय 2

मासिक धर्म के खत्म होने के बाद काली अपराजिता की जड़ को बछड़े वाली गाय के दूध के साथ मात्र 3 माह तक पीने से बाँझ स्त्री भी गर्भवती हो जाती है.
 
काली अपराजिता की जड़ के लिए आप किसी जड़ी बूटी विक्रेता के यहां संपर्क कर सकते हैं. 1 से 2 ग्राम जरा आपको रोज दूध के साथ लेनी है, इसे पीसकर दूध में मिलाकर पिए.
 




पुत्र प्राप्ति आयुर्वेदिक उपाय 3

सफेद कटेली तथा जटामांसी के पत्ते को बराबर भाग में पीसकर दूध दुहते समय नेचुरल रूप से निकलने वाला हल्का गर्म दूध के साथ कुछ रोज तक पीने से पुत्र लाभ होता है.
 
यह औषधि आपको स्वयं जंगल से प्राप्त करनी होगी और दूध गाय का ही होना चाहिए.
 

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