लगभग 20 मिलियन लोग भारत में बांझपन की समस्या से ग्रसित है. असल में लगातार 1 वर्ष तक संतान के लिए कोशिश करने के बाद भी महिला गर्भवती नहीं हो पा रही है, या फिर महिला गर्भवती हो जाती है, लेकिन एक जीवित शिशु को जन्म देने में असमर्थ रहती है. यह सभी बातें बांझपन की ओर इशारा करते हैं.
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बांझपन के घरेलू उपाय
अगर आप बांझपन की समस्या से ग्रसित हैं, और आपने काफी इलाज करा लिया है, तो आप कुछ घरेलू उपाय भी अपना कर देख ले. हो सकता है कि आपकी समस्या सुलझ जाए, और आपकी गोद में एक बच्चा हो.
मुख्यता बांझपन बहुत छोटी-छोटी समस्याओं की वजह से देखने में आता है, जो समस्याएं काफी आसानी से सही हो सही भी हो जाती है. जैसे कि
- पीसीओडी,
- श्रोणि सूजन की बीमारी,
- गर्भाशय में फाइब्रॉयड्स,
- एनीमिया की शिकायत,
- थायराइड की समस्या,
- फेलोपियन ट्यूब का अवरुद्ध हो जाना
- कैंडिडा और
- यौन संचारित रोगों की वजह से ऐसा हो सकता.
अगर महिला के हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, तो यह भी बांझपन की एक सामान्य समस्या है. आजकल हमारे भोजन में काफी अशुद्धि आ गई है. इस वजह से हारमोंस का असंतुलित होना काफी सामान्य बात हो गई है.
आजकल हमारे भोजन में काफी अशुद्धि आ गई है इस वजह से हारमोंस का असंतुलित होना काफी सामान्य बात हो गई है
- इन्हीं के साथ साथ अगर महिला
- शराब, सिगरेट, फास्ट फूड का सेवन करती है,
- महिला मोटापे का शिकार है
- तनाव का शिकार है
- अनियमित और दर्द पूर्ण महामारी की समस्या से ग्रसित है
- पोषण रहित भोजन ले रही है या
- अत्यधिक शारीरिक प्रशिक्षण ले रही है, जैसे कि …
- खेलकूद में काफी ज्यादा इंटरेस्टेड है.
- अत्यधिक योगा करती है, या
- अत्यधिक मेहनत अपनी नौकरी या दूसरे कार्यों में करती है.
- तभी उसकी गर्भधारण करने की क्षमता प्रभावित होती है.
- कुछ प्राकृतिक उपचार है जो महिला के पानी की समस्या से लड़ने में काफी कारगर माने जाते हैं.
अश्वगंधा
यह एक प्राकृतिक हर्ब है. यह महिला के शरीर के अंदर हार्मोन संतुलन को बनाए रखने के लिए कार्य करता है, और महिला की प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है. यह गर्भाशय को समुचित आकार लेने में भी उसकी मदद करता है. कभी-कभी गर्भाशय की आकार की वजह से प्रेगनेंसी नहीं रुकती है.
इसके लिए आप अश्वगंधा के चूर्ण को दूधि या गर्म पानी के साथ ले सकते हैं. आप एक चम्मच अश्वगंधा के चूर्ण को दो हिस्सों में बांट लें, और सुबह शाम ले.
बरगद के पेड़ की
जड़ बरगद के पेड़ की कोमल जड़ों को सुखाकर और पीसकर एक एयरटाइट डिब्बे में रख लें और रोजाना एक चम्मच ताजे पानी के साथ इसका सेवन करें. हालांकि बरगद के पेड़ की जड़ मिलना इतना आसान नहीं होता है.
खजूर
खजूर भी बांझपन की समस्या को दूर करने के लिए जाना जाता है.. इसके अंदर बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं. जैसे कि विटामिन ए, विटामिन E, विटामिन बी, लोहा और दूसरे बहुत सारे खनिज पदार्थ गर्भधारण करने के लिए यह काफी जरूरी है. आप चार से पांच खजूर रोजाना दूध में उबालकर और उसे ठंडा करके खाएं और दूध भी पी ले.
अनार
गर्भावस्था नहीं होने पर महिला को रोजाना एक अनार का सेवन करना चाहिए. यह गर्भाशय में ब्लड के प्र वा ह को तेज करता है इससे गर्भाशय मजबूत होता है.
इसके साथ-साथ आप अनार के बीजों और उसके छिलकों को सुखा कर एक एयर टाइट डब्बे में पीसकर रख लें. और सुबह शाम आधा-आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ उसका सेवन करें.
विटामिन डी
किसी भी प्रेगनेंसी के लिए अत्यधिक आवश्यक पोषक तत्व होता है. इसके बिना शरीर में लोहा अवशोषित नहीं होता है. ब्लड नहीं बनता है. इसलिए रोजाना सुबह के समय 15 मिनट धूप में जरूर बैठे. इससे आपको विटामिन डी मिलेगा. अगर आपके पास यह सुविधा नहीं है, तो आप डॉक्टर की सलाह से विटामिन D के कैप्सूल भी ले सकते हैं.
दालचीनी
दालचीनी किस प्रकार से बांझपन की समस्या में काम आती है. इसको लेकर हमने पूरा वीडियो बनाया है, जो हमारे चैनल पर आपको मिल जाएगा. आप एक कप गर्म पानी और उसमें दालचीनी का एक चम्मच पाउडर मिलाएं और दिन में एक बार उसे किसी भी समय ले ले.
इसके अलावा आप जब भोजन खाते हैं तो उसमें भी दालचीनी के पाउडर का 1, 2 चुटकी पाउडर का छिड़काव करके आहार में शामिल करें.
आपको प्राणायाम और योगा को अपने जीवन में शामिल करना है बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो प्रजनन क्षमता को मजबूत करते हैं जैसे कि
नाड़ी शोधन, प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, पश्चिमोत्तानासन, फर्स्ट पादासन, शीर्षासन बाधा कोणासन और योग निंद्रा इत्यादि.
इन सब चीजों के अलावा थोड़ा सा संयमित जीवन रखें. समय से उठे, समय से सोए, पौष्टिक भोजन ही खाएं, तनाव कम ले, शरीर को आराम भी दे. ईश्वर ने चाहा तो 6 महीने के अंदर आपकी समस्या का समाधान मिल जाएगा.