हम महिलाओं की एक समस्या बांझपन का कारण क्या है, इस पर बात कर रहे हैं. बहुत-सी महिलाओं की एक बड़ी समस्या को लेकर चर्चा कर रहे हैं. आपने कई बार सुना होगा की बहुत कोशिश करने के बाद भी प्रेगनेंसी नहीं हो रही है.
इसके पीछे दो कारण होते हैं.
एक तो महिला के शरीर में किसी प्रकार की कमी या फिर उसके पार्टनर के शरीर में किसी प्रकार की कमी होती है. जिसकी वजह से प्रेगनेंसी नहीं हो पाती है. ऐसा नहीं है कि दोनों में ही कमी हो अगर किसी एक में भी किसी प्रकार की समस्या है, तो प्रेगनेंसी होने में दिक्कत आती है.
हम आपको एक ऐसा तरीका बता रहे हैं, कि इसका प्रयोग करने से पति या पत्नी किसी में भी समस्या हो तो आपकी समस्या सुधर जाएगी. इस नुस्खे का प्रयोग पत्नी और उसका पार्टनर दोनों कर सकते हैं.
अक्सर आपने डॉक्टर को कहते सुना होगा कि हार्मोन अल डिसबैलेंस के कारण आपके प्रेगनेंसी नहीं हो रही है, या अगर मिसकैरेज हो जाता है. उसके पीछे हार्मोन अल डिसबैलेंस बताया जाता है. वास्तव में प्रेगनेंसी के लिए बच्चे की ग्रोथ के लिए आपके शरीर में हारमोंस का संतुलित होना अत्यधिक आवश्यक होता है.
हार्मोन अल डिसबैलेंस के कुछ लक्षण नजर आते हैं. जैसे कि –
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पीरियड अनियमित और समस्याएं
महिलाओं को पीरियड्स समय पर नहीं होते हैं.
कभी क्या होता है कि पीरियड्स 20 से 25 दिन में आ जाते हैं.
अगली बार पीरियड 30 से 35 दिन में आते हैं.
कभी कभी समय पर भी आ जाते हैं.
पीरियड्स भी नॉर्मल नहीं आते हैं.
कभी क्लॉट्स नजर आते हैं.
कभी कलर ठीक नहीं रहता है,
कभी-कभी दुर्गंध भी आती है.
चेहरे की स्किन पर समस्या
बहुत सारी और भी समस्याएं महिलाओं को होने लगती है. ऐसे ही महिलाओं के चेहरे पर मुंहासे नजर आने लगते हैं जबकि भोजन भी सही प्रकार से किया जा रहा है. सुपाच्य भोजन ले रहे हैं. उसके बाद भी यह समस्या आती है.
त्वचा पर जगह-जगह डार्क स्पॉट नजर आने लगते हैं. त्वचा पर चकत्ते नजर आने लगते हैं. यह सब हारमोंस डिसबैलेंस के कारण होता है. यह सब समस्या पुरुषों में भी होती है.
वजन बढ़ने लगता है
आप देखेंगे कि पति हो या पत्नी हो उनका वजन बढ़ने लगता है. हर महीने यह 1, 2 किलो वजन बढ़ जाता है और वह इस वजन को कंट्रोल करने के लिए अपने भोजन को संयमित भी करते हैं. उसके बाद भी वजन बढ़ जाता है. यह भी हारमोंस डिसबैलेंस के कारण होता है.
पुरुषों में स्पर्म काउंट की समस्या
हारमोंस डिसबैलेंस के कारण पुरुषों में स्पर्म काउंट काफी कम हो जाता है. जिसकी वजह से संतान पैदा होने में समस्या आती है.
हालांकि उनके अंदर किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है, लेकिन हारमोंस का संतुलन बिगड़ गया है. ऐसी में कभी कभी पुरुषों की क्षमता में भी कमी आ जाती है.
तब भी संतान होने में दिक्कत का सामना होता है. पुरुष का वीर्य, सत पतला हो जाता है, कमजोर हो जाता है . उसके अंदर एक्स वाई क्रोमोसोम काफी कमजोर हो जाते हैं, जो महिला के शरीर के अंदर समय से पहले ही मर जाते हैं. तब भी संतान नहीं होती है.
अबॉर्शन हो जाना
अगर महिलाओं के अंदर हार्मोन डिसबैलेंस है तो प्रेगनेंसी हो जाने के बाद बच्चा सरवाइव नहीं कर पाता है. एक या 2 महीने में ही मिसकैरेज हो जाता है या उसमें धड़कन ही नहीं आती है.
अगर हारमोंस बैलेंस हो जाए तो….
देखने में तो यह सब के सब समस्या अलग अलग नजर आती है. लेकिन एक ही इलाज से यह सब समस्याएं ठीक हो सकती हैं. देखा जाए तो आपके शरीर में टॉक्सिक एलिमेंट बढ़ गए हैं. धीरे-धीरे इनकी निकासी होने लगेगी शरीर डिटॉक्सिफाई होने लगेगा तो आपकी है सभी क्षमताएं वापस आने लगेंगे.
- आपकी स्किन ठीक हो जाएगी.
- आप पुरुष की क्षमता बढ़ जाएगी.
- स्पर्म काउंट अच्छा हो जाएगा.
- वजन कंट्रोल होने लगेगा.
महिलाओं के पीरियड्स नॉर्मल होने लगेंगे क्योंकि प्रेगनेंसी के लिए नॉरमल पीरियड बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं.
आपको इन सब प्रॉब्लम के लिए अलग-अलग इलाज लेने की जरूरत नहीं है. देखा जाए तो यह एक ही कारण है, जिसे हम कहते हैं, हार्मोन अल डिसबैलेंस.
अगर आपके हारमोंस बैलेंस हो जाते हैं तो आपको मां बनने में काफी सारी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है आप जल्दी ही कंसीव कर पाती हैं.