क्या प्रेगनेंसी के दौरान मछली खाने के खाई जा सकती है.
हम कुछ पॉइंट्स डिस्कस करने वाले हैं. जैसे कि–
क्या प्रेगनेंसी में मछली खाना सुरक्षित होता है. प्रेगनेंसी में मछली खाने के फायदे क्या क्या होते हैं. प्रेगनेंसी में मछली खाने के क्या-क्या नुकसान होते हैं.
क्या प्रेगनेंसी में मछली खाना सुरक्षित होता है
प्रेगनेंसी के दौरान मछली खाने के लिए अगर आप किसी से भी पूछते हैं, तो आपको मिली जुली प्रक्रिया प्रतिक्रिया नजर आती है. कहीं आपको कुछ लोग प्रेगनेंसी के दौरान मछली खाने को लेकर मना करेंगे और कहीं कुछ लोग आपको यह भी कहते हुए मिल जायेंगे की प्रेगनेंसी के दौरान मछली खाना फायदेमंद होता है यह दोनों तरफ की ही बातें हैं.
असल में दोस्तों दोनों ही बातें सही है. प्रेगनेंसी के दौरान मछली खाना बहुत फायदेमंद भी होता है. कुछ परिस्थितियों में काफी नुकसानदायक भी होता है. बस यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सी मछली खा रहे हैं. बहुत सी मछलियों के अंदर पारा पाया जाता है. पारा गर्भस्थ शिशु के लिए जानलेवा सिद्ध होता है.
ऐसे में जिन मछलियों के अंदर पारा पाया जाता है. वह प्रेगनेंसी के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक है. जिन मछलियों में पारा नहीं पाया जाता है. वह प्रेगनेंसी के दौरान खाना अत्यधिक लाभ कर होती हैं.
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मछलियों में अत्यधिक मात्रा में बड़ी मात्रा में मिनरल्स विटामिन और पोषक तत्व होते हैं. जो गर्भस्थ शिशु और माता दोनों के लिए काफी फायदेमंद है.
अगर हम सावधानी रखते सही मछली प्रेग्नेंसी के समय अपने भोजन में शामिल करते हैं, तो यह काफी फायदेमंद रहता है.
इस वीडियो के दूसरे पार्ट में हम उन मछलियों के बारे में बताएंगे जिन्हें हफ्ते में एक बार खाया जा सकता है, और जिन्हें हफ्ते में दो बार खाया जा सकता है. साथ ही साथ जिन्हें प्रेगनेंसी के दौरान नहीं खाना चाहिए. अभी इस वीडियो के जो पॉइंट्स है, वह फायदे और नुकसान को लेकर है. उन पर बात कर लेते हैं.
![प्रेगनेंसी में मछली खाने के फायदे और नुकसान प्रेगनेंसी में मछली खाने के फायदे और नुकसान](https://img.freepik.com/free-vector/one-goldfish-white-background_1308-73185.jpg)
प्रेगनेंसी में मछली खाने के फायदे
सभी प्रकार की मछलियों मेंओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ए, विटामिन डी और विटामिन बी12 अधिक मात्रा में पाया जाता है. यह प्रोटीन का भी एक अच्छा स्रोत है. ये सभी पोषक तत्व भ्रूण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. माता की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी ठीक रखने में मदद करते हैं. कुछ दूसरे प्रकार के फायदे इस प्रकार से हैं.
भ्रूण के विकास में मददगार
कई शोधों से यह बात सिद्ध हुई है. मछली के अंदर ऐसे काफी सारे तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भस्थ शिशु अर्थात भ्रूण के विकास में अग्रणी भूमिका निभाते हैं. कई प्रकार की समस्याओं से उसकी रक्षा करते हैं. प्रेगनेंसी के दौरान मछली का सीमित मात्रा में प्रयोग प्रसव से पूर्व जो भी जोखिम होते हैं, उन्हें कम करता है. यह शिशु के वजन को भी सही रखने में मदद करता है.
प्रेगनेंसी टाइम में जोड़ों के दर्द को कम करने में लाभदायक
प्रेगनेंसी के साइड इफेक्ट के रूप में गर्भवती स्त्री को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उसमें से एक है, जोड़ों में दर्द की समस्या. मछली के अंदर ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो anti-inflammatory गुणों से भरपूर होता है. यह गर्भवती महिला के जोड़ों में उत्पन्न होने वाले दर्द को कंट्रोल करने में मदद करता है.
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें
ओमेगा 3 फैटी एसिड का एक और कार्य यह है, कि यह प्रेगनेंसी के दौरान महिला के हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी दूसरी परेशानियों में काफी मददगार होता है. यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करता है.
शिशु के मस्तिष्क का विकास
मछली के अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्वों से शिशु मस्तिष्क का विकास अर्थात न्यूरो डेवलपमेंट सही तरीके से होता है. जो आगे चलकर फ्यूचर में बच्चे की मस्तिष्क की क्षमताओं की वृद्धि में सहायक होता है.
डिप्रेशन और तनाव को रखें दूर
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई प्रकार के बदलाव होते हैं. उनके लाइफस्टाइल में भी कई प्रकार के चेंजेज आ जाते हैं. जिसकी वजह से महिला तनाव ग्रसित हो सकती है.
कई बार महिला डिप्रेशन का शिकार भी हो जाती है. ऐसे में मछली के अंदर पाया जाने वाला omega-3 फैटी एसिड्स महिला के तनाव और डिप्रेशन की समस्याओं को दूर करने में काफी मददगार पाया गया है.
मछली खाने के नुकसान
प्रेगनेंसी के दौरान मछली खाने के कोई विशेष नुकसान नहीं होते हैं. बस कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होता है. अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं, तो नुकसान हो जाता है. जैसा कि –
हमने पहले भी जिक्र किया है. बहुत सी मछलियों के अंदर पारा पाया जाता है. अगर आप ऐसी मछली प्रेगनेंसी के दौरान खा लेते हैं. जिनके अंदर पारे की मात्रा उच्चतम होती है. यह गर्भस्थ शिशु के जहर का कार्य करते हैं .इसलिए ऐसी अवस्था में मछली खाना नुकसानदायक हो जाता है.
मछली के अंदर कई प्रकार के जीवाणु, विषाणु या वायरस को सकते हैं. जो गर्भस्थ महिला और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक हो.
इसलिए मछली को प्रेगनेंसी में अपने भोजन में शामिल करने से पहले उसे बहुत अच्छी तरह पका कर खाना चाहिए. वरना कई प्रकार के लाभ के स्थान पर कई प्रकार की हानी अर्थात बीमारियां महिला को मिल सकती हैं.