गर्भावस्था एक महिला के जीवन का सबसे खास दौर होता हैं, इस दौरान उन्हें विभिन्न प्रकार के शारीरिक बदलावों एवं समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं.
ऐसे में कई महिलायें मिट्टी, बेकिंग सोडा, कॉफी के बीज, पेंट, प्लास्टर, टूथपेस्ट, चारकोल जैसी अजीबोगरीब चीजें भी खाती हैं. यह चीजें बिल्कुल भी खाने योग्य नही होती है.
यह सारी चीजें महिला और उसके होने वाले बच्चे के लिए काफी खतरनाक साबित होती है। इसके निम्नलिखित दुष्प्रभाव देखे गए हैं-
गर्भवती स्त्री के स्वास्थ्य पर प्रभाव
गर्भवती के पेट में इन्फेक्शन होना
मिट्टी के अंदर कई प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो महिला के शरीर में पहुंचकर महिला को काफी बीमार बना सकते हैं, और यह बच्चे तक पहुंच कर उसे काफी नुकसान पहुंचा सकता है. उसके विकास में बाधा उत्पन्न कर सकता है.
शरीर में विषैले पदार्थ जमा होना
अगर महिला प्रेगनेंसी के दौरान मिट्टी का सेवन करती है. महिला के शरीर में विभिन्न प्रकार के विषैले तत्व जमा हो सकते हैं, जो अधिक हो जाने पर अपना विषैला प्रभाव महिला के शरीर में दिखा सकते हैं. यह विषैले प्रभाव कभी-कभी प्रेगनेंसी के बाद भी नजर आता है.
पाचन तंत्र ख़राब होना
मिट्टी का प्रारूप इस प्रकार का होता है, कि वह हमारे शरीर में आसानी से नहीं पचती है. इस वजह से महिला का पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है. महिला की आते भोजन को अवशोषित करने में और पोषक तत्व को अवशोषित करने में नाकाम सिद्ध हो सकती है.
शरीर में घाव एवं आतंरिक रक्तस्नाव होना
अगर महिला प्रेगनेंसी में मिट्टी खाती है, तो यह उसके लिए काफी नुकसानदायक होता है. क्योंकि मिट्टी शरीर में नहीं पचती है. और वह महिला के शरीर में जख्म तक पैदा करने की क्षमता रखती है.
जन्म लेने वाले शिशु के स्वास्थ्य पर प्रभाव
शिशु का वजन ना बढ़ना
शोध में यह पाया गया है, कि जो महिलाएं मिट्टी खाती है. उससे उनके शरीर की क्रिया विधि बिगड़ जाती है. और कभी-कभी बच्चा आवश्यकता से अधिक वजन प्राप्त कर लेता है, जो नुकसानदायक है.
शिशु के शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा होना
महिला जो भी खाती है उससे बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास होता है अगर महिला मिट्टी ऐसी चीजें अपने भोजन के माध्यम से ग्रहण करेगी तो उसका नेगेटिव प्रभाव बच्चे पर अवश्य पड़ेगा बच्चे का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है.
कुपोषित शिशु पैदा होना
मिट्टी के अंदर कई सारे हानिकारक बैक्टीरिया और तत्व हो सकते हैं. जिसकी वजह से बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता है. और महिला भी काफी नुकसान उठा सकती है.
शिशु का समय से पहले शिशु पैदा होना
मिट्टी के विषैले प्रभाव से उसके अंदर पाए जाने वाले नुकसानदायक बैक्टीरिया की वजह से कभी कभी प्रीमेच्योर डिलीवरी होने की संभावना बन जाती है.
मृत शिशु पैदा होना
अगर मिट्टी के कारण महिला के शरीर में अत्यधिक विषैला प्रभाव आ गया है तो शिशु की मृत्यु तक हो सकती है.
गर्भावस्था के दौरान मिट्टी खाने की समस्या से छुटकारा कैसे पाएं
गर्भावस्था में आपको भी कुछ ऐसी चीजें खाने का मन हो रहा है तो इसे कोई हैरानी वाली बात ना समझें. यह काफी सामान्य प्रक्रिया है. परन्तु इस समस्या से दूर रहने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी हैं —
- अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान मिट्टी खाने की इच्छा अत्यधिक होती है, तो आपको इस संबंध में डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए.
- आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए.
- अगर आपको मिट्टी खाने की इच्छा हो रही है तो आप मिट्टी खाने के विकल्पों पर अवश्य सोचें. आप चिंगम खा सकते हैं पुदीने की पत्तियां चबा सकते हैं. तुलसी की पत्तियां आपकी मदद कर सकती है
- अपने दोस्तों एवं परिजनों की मदद लें.
- अपना ध्यान भटकायें.
- जरूरी सावधानियाँ एवं उचित जीवनशैली अपनाकर आप इस आदत से छुटकारा पा सकती हैं एवं अपना और अपने होने वाले बच्चें का बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण सुनिश्चित कर सकती हैं.