प्रेगनेंसी में बेल खाने के फायदे और नुकसान को लेकर बात करने वाले हैं.
प्रेगनेंसी के दौरान कुछ भी खाने पीने से पहले बहुत ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. जो खाद्य पदार्थ अत्यधिक पोस्टिक माने जाते हैं. और जिन्हें आप खाना बहुत ज्यादा पसंद करते हैं. उन्हें भी बहुत ज्यादा सोच समझ कर खाने की आवश्यकता होती है.
ऐसे ही एक फल जिसे बेल का फल कहते हैं, जो कि अत्यधिक पौष्टिक माना जाता है. लेकिन प्रेगनेंसी में भी इसे खाने से पहले इसके लाभ और हानि को देखकर ही आप निर्णय करें, कि यह आपके लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक है.
प्रेगनेंसी में बेल खाने के फायदे
प्रेगनेंसी में बेल के फायदे और नुकसान को लेकर चर्चा कर लेते हैं इन्हें जानकर आप इस बात का निर्णय स्वयं लेने में भी सक्षम होंगे कि यह आपके लिए कितना फायदेमंद है और कितना नुकसान दायक है साथ ही साथ हम भी आपको अपनी राय अवश्य देंगे.
बेल फल, जिसे कि Wood Apple के नाम से भी जाना जाता है, जो कि भूरे और हरे रंग का होता है। इसे तमाम और नामों से भी जाना जाता है, जैसे- गोल्डन एप्पल और मंकी फ्रूट, जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। वैसे तो इस फल के कई सारे फायदे हैं जैसे कि–
- कब्ज से राहत पाने,
- यह शरीर में खून की कमी को दूर करने,
- लू लगने से बचाने और
- डायबिटीज में फायदेमंद है
- बेल के अंदर विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, पोटेशियम और फाइबर इत्यादि उचित मात्रा में पाए जाते हैं.
- बेल के अंदर उचित मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स पाए जाते हैं जो संकुचन के समय यह शरीर में क्रैम्प की समस्या को होने से रोकता है.
- प्रेगनेंसी के दौरान पाचन का कमजोर होना एक बड़ी समस्या होती है. बेल की सबसे खास बात यही होती है, कि यह पाचन संबंधी समस्या को दूर करता है. अगर डायरिया की समस्या हो तो यह पेट को बांध देता है.
- कब्ज एक ऐसी समस्या है, जो लगभग हर एक गर्भवती महिला को नजर आती है. बेल इस समस्या को जड़ से समाप्त करने की क्षमता रखता है.
- वुड एप्पल एक्सट्रेक्ट में स्ट्रोंग एंटीमाइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण होते हैं. जो शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं.
इसके अलावा भी बहुत सारे और दूसरे फायदे प्रेगनेंसी के दौरान बेल खाने से हो सकते हैं.
प्रेगनेंसी में बेल के नुकसान
जहां बेल इतने सारे फायदे दिखाई पड़ रहे हैं, वहां इसके काफी सारे साइड इफेक्ट भी प्रेगनेंसी के दौरान माने जाते हैं.
- वुड एप्पल अर्थात बेल के अंदर टैनिन होता है. जो लंबे समय तक बेल का प्रयोग करते हैं तो गर्भपात अथवा मिसकैरेज होने की संभावना बन जाती है. जिन महिलाओं को पहले गर्भपात की समस्या हुई है उन्हें बेल नहीं खाना चाहिए .
- जिन गर्भवती महिलाओं को पाचन की समस्या है और वो इसका अधिक मात्रा में सेवन करती हैं, तो उन्हें इसके साइड इफेक्ट्स के रूप में गैस, सूजन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
- दोस्तों काफी सारी रिसर्च और स्टडी हुई है. जिसके अनुसार यह माना जाता है, कि प्रेगनेंसी के दौरान बेल का सेवन किसी भी गर्भवती महिला के लिए नुकसानदायक हो सकता है. यह बात हर एक महिला के साथ तो नहीं लेकिन महिला के प्रेगनेंसी की प्रकृति और शरीर की प्रकृति के आधार पर अलग-अलग होती है.
- कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह गर्भस्थ शिशु पर भी नेगेटिव प्रभाव डालता है और जो माताएं अपने नवजात शिशु को दूध पिलाती हैं अगर वह माता बेल का शरबत या बेल खाती है तो उसके दूध में कमी आती है.
बहुत से लोग इसे सुरक्षित भी मानते हैं और धार्मिक दृष्टि से भी इसे सुरक्षित माना जाता है लेकिन हमारा मानना यही है कि अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान बेल का प्रयोग करना चाह रहे हैं तो आप एक बार अपने डॉक्टर से अवश्य पूछे.
दूसरी बात बेल एक पौष्टिक फल है. अगर यह प्रेगनेंसी में नुकसान देगा तो थोड़ा अधिक मात्रा में या लगातार खाने पर ही नुकसान देगा.
कभी-कभी हफ्ते, 2 हफ्ते में अगर आप अपने मुंह का स्वाद बदलने के लिए एक गिलास बेल का जूस या शरबत प्रयोग में लाते हैं. तो यह आपके लिए नुकसानदायक नहीं होगा.
वैसे भी यह माना जाता है, कि प्रेगनेंसी में जो भी खाद्य वस्तु जरा सा भी नुकसान दे सकती है. उसे प्रयोग में नहीं लाना चाहिए. अगर आप की प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की थोड़ी सी भी परेशानी है, या कॉम्प्लिकेशन है, या मिसकैरेज पहले हुआ है, तो आपको बेल का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना है.