प्रेगनेंसी में अधिक वजन के 5 नुकसान
हम महिला के वजन को लेकर चर्चा करने वाले हैं दोस्तों अगर महिला यह जानना चाहे और इंटरनेट पर सर्च करें कि महिला का वजन कितना होना चाहिए तो इस पर कई सारी Post आपको देखने को मिल जाएंगे जिसमें कुछ कहेंगे कि महिला का वजन ज्यादा होना चाहिए. कुछ कहेंगे कि महिला का वजन कम होना चाहिए, टोटल कन्फ्यूजन
आज हम आपसे चर्चा करेंगे
महिला का वजन प्रेगनेंसी के दौरान कितना होना चाहिए
महिला के शरीर पर वजन कहां-कहां बढ़ता है
अगर गर्भावस्था में वजन आवश्यकता से ज्यादा है –
तो उसके क्या क्या नुकसान है
और वजन कम कैसे करें
चर्चा करते हैं वीडियो शुरू करते हैं...
गर्भावस्था में वजन कितना होना चाहिए ?
किसी भी व्यक्ति का वजन बॉडी मास इंडेक्स (BMI) पर निर्भर करता है. प्रत्येक महिला को अपना वजन पता होना चाहिए और उसे यह भी ज्ञात होना चाहिए कि उसका वजन प्रेगनेंसी के दौरान कितना बढ़ना चाहिए.
गर्भावस्था में वजन कहां-कहां बढ़ता है (pregnancy weight gain)
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में वजन विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग मात्रा में बढ़ता है
लगभग साडे 3 किलो वजन तो शिशु का ही अंत समय तक होना चाहिए ,
बच्चे का पोषण करने वाली अपरा जिसे हम प्लेसेंटा भी कहते हैं उसका वजन भी लगभग डेढ़ किलो तक होता है ,
बच्चा जिस एमनीओटिक द्रव में रहता है वह भी लगभग 1 किलो से लेकर डेढ़ किलो के बीच में उसका वजन होता है ,
1 किलो से डेढ़ किलो तक महिला के स्तनों का वजन भी बढ़ जाता है ,
अत्यधिक रक्त की आवश्यकता होती है इसलिए रक्त संचार सिस्टम का वजन बढ़ता है 4 किलो ,
महिला के शरीर में इस दौरान ढाई किलो से लेकर 4 किलो तक फैट बढ़ सकता है,
और गर्भाशय का वजन भी 1 किलो से लेकर ढाई किलो के बीच में हो जाता है.
गर्भावस्था में वजन ज्यादा होने के नुकसान
जो महिलाएं गर्भवती होती है उनमें से लगभग 18 से 20% महिलाएं तो ऑलरेडी मोटापे का शिकार होती ही है और कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान मोटापे का शिकार हो जाती हैं तो यह आंकड़ा लगभग 40% के आसपास है.
मोटापे का शिकार किसी भी महिला को तभी माना जाता है जब उसका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 से ऊपर चला जाता है यह एक क्रिटिकल स्थिति मानी जाती है
इस स्थिति के कुछ नुकसान सामने नजर आते हैं जैसे कि
महिला को उच्च रक्तचाप अर्थात हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नजर आ सकती है, और इसकी वजह से महिलाओं के कई सारे अंगों पर प्रभाव पड़ता है जिसमें किडनी प्रमुख है.
ज्यादा वजन होने की वजह से महिला को मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है.
अधिक वजन होना अर्थात सिजेरियन बेबी की डिलीवरी माना जाता है.
अधिक मोटापे की वजह से महिला का इम्यून सिस्टम भी सही तरीके से काम नहीं करता है. छोटे-मोटे रोग खांसी जुखाम बुखार बहुत जल्दी लग जाते हैं.
अधिक वजन होना गर्भस्थ शिशु को भी काफी नुकसान पहुंचाता है इसकी वजह से बच्चे का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है उसे पोषण भी प्रॉपर तरीके से नहीं मिल पाता है. जन्मजात दोष होने का खतरा इस प्रकार के बच्चों को अधिक होता है.
गर्भावस्था में वजन कैसे कम करें
अगर किसी भी गर्भवती महिला को अधिक वजन की समस्या नजर आ रही है तो उसे उन चीजों को तो खाने से बचना चाहिए जिसमें एनर्जी अधिक होती है.
गर्भावस्था के दौरान आपको इस प्रकार का भोजन खाना चाहिए जिसमें कैलोरी ना के बराबर होती है तथा दूसरे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं.
आप अपने संतुलित आहार में कम मात्रा के अंदर कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन और फैट को शामिल करें.
आपको रोजाना अपने वजन को कम करने के लिए व्यायाम भी करना चाहिए इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह करें.
जंक फूड खाने से आपको बचना है.
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