शिवलिंगी से पुत्र प्राप्ति का यह उपाय अचूक मन जाता है - बाँझ महिला को भी पुत्र होता है
दोस्तों पुत्र प्राप्ति के लिए शिवलिंग के बीजों का आयुर्वेदिक महत्व तथा इसे लेने का धार्मिक महत्व दोनों ही हैं, धार्मिक महत्व से मतलब है अगर हम शिवलिंगी के बीजों को पुत्र प्राप्ति के लिए विधि विधान से लेते हैं तो इसका फल अवश्य ही फलीभूत होता है
अगर आप शिवलिंगी के बीजों को पुत्र प्राप्ति के लिए प्रयोग करना चाह रहे हो तो आपको कुछ सावधानियों का ध्यान रखना होगा कुछ नियमों का पालन करना होगा तभी आप इसके संपूर्ण फल की प्राप्ति अपनी इच्छा अनुसार कर पाएंगे.
शिवलिंगी के बीजों में कुछ इस प्रकार के औषधीय गुण होते हैं जोकि महिलाओं में पुत्र प्राप्ति के लिए जिम्मेदार तत्व को बढ़ाती है उनको एक्टिव करती है तथा पुत्री के लिए जिम्मेदार तत्वों में उदासीनता आती है, साथ ही साथ शिवलिंगी के बीज महिला के शरीर में हार्मोन को बैलेंस करते हैं तथा पीरियड्स में आई अनियमितता को भी ठीक करते हैं
यह नुस्खा महिलाओं के लिए है
अगर आप शिवलिंगी के बीजों का प्रयोग कर रहे हैं तो आपको मांस मदिरा बीड़ी गुटके का त्याग करना होगा,
शिवलिंगी औषधि का प्रयोग करने से पहले ही आपको तला भुना मीट मसालेदार नॉनवेज इत्यादि खाना बिल्कुल छोड़ना होगा इसके पीछे कारण यह है कि आपका जो शरीर है उसका पाचन तंत्र अत्यंत दुरुस्त होना चाहिए ताकि शिवलिंगी के बीज आसानी से आपके शरीर में डाइजेस्ट हो सके |
शिवलिंगी के बीज 3 महीने तक खाने हैं तो इस दौरान आपको संयमित जीवन जीना है केवल निश्चित समय पर ही पुत्र प्राप्ति के लिए प्रयास करना है, अन्यथा पति पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन ही करना है.
जब से महिला शिवलिंगी औषधि का प्रयोग करें और मसालेदार चटपटा नॉनवेज खाना छोड़ें तभी से पुरुष को भी यही सब खाना छोड़ना होगा और अपने भोजन में दूध और दूध से बनी चीजें जैसे कि पनीर मक्खन दूध दही इत्यादि का प्रयोग अधिक करना होगा साथ ही साथ रोजाना योगाभ्यास भी करना होगा जिससे पुत्र प्राप्ति के लिए जिम्मेदार Y क्रोमोसोम अधिक बने और पुरुष की स्तंभन शक्ति की मजबूत हो
दोस्तों इस के अलावा और भी कुछ सावधानियां रखनी है लेकिन उनका वर्णन हम अंत में करेंगे तभी वह अच्छे से समझ में आएगी उससे पहले हम औषधि तैयार कैसे करते हैं और उसे कैसे लेना है इस बात पर चर्चा करते हैं
आपको 100 ग्राम शिवलिंगी के बीजों की आवश्यकता होगी यदि यह पौधा आप जानते हैं आप के आस पास ही है तो आप वहां से प्राप्त कर लीजिए अन्यथा आप को यह किसी भी जड़ी बूटी विक्रेता या पंसारी के यहां पर बड़ी आसानी से मिल जाएंगे
शिवलिंगी के बीज ज्यादा पुरानी नहीं होने चाहिए और उन्हें कीड़ा भी ना लगा हो इस बात का भी ध्यान रखें
अब आप शिवलिंगी के बीजों पीस लीजिए यह भी जितने महीन पीसगे उतना ही अच्छा है उतनी ही आसानी से शरीर में पस जाएंगे पच जाएंगे
लीजिए आप की औषधि तैयार है अब आप इन 100 पिसे पाउडर को 30 बराबर बराबर भागों में बांटकर 30 पुड़िया बना ले.
अब आप रोज सुबह सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद सूरज निकलने से पहले एक गिलास दूध से इस एक पुड़िया को 30 दिन लगातार खाएं 30 दिन पूर्ण होने के बाद अगले 30 दिन के लिए आप औषधि तैयार कर ले
इन 30 दिनों के बाद जब भी महिला की महावारी समाप्त होती है उसके 5 दिन बाद से आपको पुत्र प्राप्ति के लिए प्रयास करना है अगले 1 हफ्ते तक
हमारा कहने का मतलब यह है कि आपको ओवुलेशन पीरियड में संतान प्राप्ति के लिए कोशिश करनी है और पुरुष का स्तंभन महिला के स्तंभन से ज्यादा स्ट्रांग होना चाहिए अर्थात महिला पहले चरमोत्कर्ष पर पहुंचे तो और भी अच्छा है.
अगर महिला प्रेग्नेंट हो जाती है तो भी आप यह शिवलिंगी के बीज की औषधि 3 माह तक अवश्य ही खाएं |
अगर प्रथम महा के बाद प्रयास करने पर महिला गर्भवती नहीं होती है तो आप आगे इसी प्रकार से अगले महीने प्रयास करें बाकी समय आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना है, और पुरुष की जीवन चर्या जैसी बताई है वैसी ही रखी है खाने पीने का विशेष ध्यान रखना है
महिला ने जैसे प्रथम महा में औषधि ग्रहण की है या करनी है उसी तरह से 3 माह तक इसी नियम का पालन करते हुए औषधि ग्रहण करने करनी है
औषधि सुबह सुबह गाय के दूध से सूरज निकलने से पहले लेनी है यह सोते उठे ही यह औषधि नहीं लेनी है सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद टॉयलेट बाथरूम जाने के बाद नहाने के बाद और भगवान शिव का स्मरण करने के बाद सूरज निकलने से पहले यह औषधि दूध के साथ लेनी है.
इस औषधि को लेने के बाद आपको 1 घंटे के बाद चाहे तो पानी पी सकती है कम से कम दो ढाई घंटे के बाद ही कुछ खाएं ताकि है औषधि अच्छे से आपके शरीर में पच सके अपना असर दिखा सके
शिवलिंगी के बीजों को गर्भवती महिला के लिए भी काफी सुरक्षित माना जाता है अगर आप इसी बीच गर्भवती हो जाती है तो आप एक बार किसी अच्छे आयुर्वेदाचार्य से सभी बातें बताकर ही आगे इस औषधि का प्रयोग करें.
एक और इंपॉर्टेंट बात आपको गाय का दूध उस गाय का लेना है जिस गाय ने बछड़े को जन्म दिया हो और बचा जीवित भी हो,
हो सके तो उस गाय और बछड़े को गुड़ रोटी भी खिलाएं, अगर आप हिंदू शास्त्रों की माने तो बछड़े वाली गाय का दूध अगर आप प्रेगनेंसी से 3 माह पूर्व से पी रही है तो भी यह अपने आप में पुत्र प्राप्ति की अचूक दवा माना जाता है,
और अंत में हम आपको बता दें अगर आप इस प्रयोग को कर रहे हैं तो किसी और को ना बताएं केवल पति पत्नी को पता हो बस, हो सकता है यह बात ऐसे व्यक्ति को पता चल जाए जो आप के यहां पुत्र प्राप्ति हो यह नहीं चाहता है तो ऐसे में उसकी जो इच्छा है कि आप के यहां पुत्र ना हो उसकी जो एनर्जी है वह आपके कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकती है
सीधी भाषा में बोले तो बद्दुआ दे सकता है और बद्दुआ की एनर्जी आपकी इच्छा पुत्र प्राप्ति की इच्छा को कमजोर बना सकती है
अगर आपको शिवलिंगी के बीजों और पुत्रजीवक बीजों की आवश्यकता है, तो आप नीचे दी गई इमेज पर क्लिक कर ले. यहां आपको बीजों की कीमत तथा कैसे इसे पाएं इस संबंध में जानकारी मिलेगी.
अगर आप शिवलिंगी के बीजों को पुत्र प्राप्ति के लिए प्रयोग करना चाह रहे हो तो आपको कुछ सावधानियों का ध्यान रखना होगा कुछ नियमों का पालन करना होगा तभी आप इसके संपूर्ण फल की प्राप्ति अपनी इच्छा अनुसार कर पाएंगे.
शिवलिंगी के बीजों में कुछ इस प्रकार के औषधीय गुण होते हैं जोकि महिलाओं में पुत्र प्राप्ति के लिए जिम्मेदार तत्व को बढ़ाती है उनको एक्टिव करती है तथा पुत्री के लिए जिम्मेदार तत्वों में उदासीनता आती है, साथ ही साथ शिवलिंगी के बीज महिला के शरीर में हार्मोन को बैलेंस करते हैं तथा पीरियड्स में आई अनियमितता को भी ठीक करते हैं
इन्हें भी पढ़ें : घर पर साबुन से प्रेगनेंसी कैसे चेक करें
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंट हो जाने के बाद नारियल द्वारा पुत्र प्राप्ति का तरीका
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी होने के बाद पुत्र प्राप्ति की आयुर्वेदिक औषधि
इन्हें भी पढ़ें : साइंस और धर्म विज्ञान दोनों के अनुसार पुत्र प्राप्ति का सटीक उपाय
इन्हें भी पढ़ें : पुत्र प्राप्ति के लिए फेमस आयुर्वेदिक औषधि - बांझपन भी दूर होता है,
आप अगर शिवलिंगी के बीजों का प्रयोग कर रहे हैं तो इन सावधानियों को जरूर रखें
यह नुस्खा महिलाओं के लिए है
अगर आप शिवलिंगी के बीजों का प्रयोग कर रहे हैं तो आपको मांस मदिरा बीड़ी गुटके का त्याग करना होगा,
शिवलिंगी औषधि का प्रयोग करने से पहले ही आपको तला भुना मीट मसालेदार नॉनवेज इत्यादि खाना बिल्कुल छोड़ना होगा इसके पीछे कारण यह है कि आपका जो शरीर है उसका पाचन तंत्र अत्यंत दुरुस्त होना चाहिए ताकि शिवलिंगी के बीज आसानी से आपके शरीर में डाइजेस्ट हो सके |
शिवलिंगी के बीज 3 महीने तक खाने हैं तो इस दौरान आपको संयमित जीवन जीना है केवल निश्चित समय पर ही पुत्र प्राप्ति के लिए प्रयास करना है, अन्यथा पति पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन ही करना है.
दोस्तों इस के अलावा और भी कुछ सावधानियां रखनी है लेकिन उनका वर्णन हम अंत में करेंगे तभी वह अच्छे से समझ में आएगी उससे पहले हम औषधि तैयार कैसे करते हैं और उसे कैसे लेना है इस बात पर चर्चा करते हैं
आपको 100 ग्राम शिवलिंगी के बीजों की आवश्यकता होगी यदि यह पौधा आप जानते हैं आप के आस पास ही है तो आप वहां से प्राप्त कर लीजिए अन्यथा आप को यह किसी भी जड़ी बूटी विक्रेता या पंसारी के यहां पर बड़ी आसानी से मिल जाएंगे
शिवलिंगी के बीज ज्यादा पुरानी नहीं होने चाहिए और उन्हें कीड़ा भी ना लगा हो इस बात का भी ध्यान रखें
अब आप शिवलिंगी के बीजों पीस लीजिए यह भी जितने महीन पीसगे उतना ही अच्छा है उतनी ही आसानी से शरीर में पस जाएंगे पच जाएंगे
अब आप रोज सुबह सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद सूरज निकलने से पहले एक गिलास दूध से इस एक पुड़िया को 30 दिन लगातार खाएं 30 दिन पूर्ण होने के बाद अगले 30 दिन के लिए आप औषधि तैयार कर ले
इन्हें भी पढ़ें : मनचाही संतान प्राप्ति का प्राचीन तरीका - part #3
इन्हें भी पढ़ें : इसे खाने से बांझ को भी पुत्र पैदा होता है - Putra Prapti Part #1
इन्हें भी पढ़ें : घर पर टूथपेस्ट से प्रेगनेंसी कैसे चेक करें
इन 30 दिनों आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना हैहमारा कहने का मतलब यह है कि आपको ओवुलेशन पीरियड में संतान प्राप्ति के लिए कोशिश करनी है और पुरुष का स्तंभन महिला के स्तंभन से ज्यादा स्ट्रांग होना चाहिए अर्थात महिला पहले चरमोत्कर्ष पर पहुंचे तो और भी अच्छा है.
अगर महिला प्रेग्नेंट हो जाती है तो भी आप यह शिवलिंगी के बीज की औषधि 3 माह तक अवश्य ही खाएं |
अगर प्रथम महा के बाद प्रयास करने पर महिला गर्भवती नहीं होती है तो आप आगे इसी प्रकार से अगले महीने प्रयास करें बाकी समय आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना है, और पुरुष की जीवन चर्या जैसी बताई है वैसी ही रखी है खाने पीने का विशेष ध्यान रखना है
कुछ बातों का ध्यान रखना है जैसे कि हमने बताया था बाद में बताएंगे
महिला ने जैसे प्रथम महा में औषधि ग्रहण की है या करनी है उसी तरह से 3 माह तक इसी नियम का पालन करते हुए औषधि ग्रहण करने करनी है
औषधि सुबह सुबह गाय के दूध से सूरज निकलने से पहले लेनी है यह सोते उठे ही यह औषधि नहीं लेनी है सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद टॉयलेट बाथरूम जाने के बाद नहाने के बाद और भगवान शिव का स्मरण करने के बाद सूरज निकलने से पहले यह औषधि दूध के साथ लेनी है.
इस औषधि को लेने के बाद आपको 1 घंटे के बाद चाहे तो पानी पी सकती है कम से कम दो ढाई घंटे के बाद ही कुछ खाएं ताकि है औषधि अच्छे से आपके शरीर में पच सके अपना असर दिखा सके
शिवलिंगी के बीजों को गर्भवती महिला के लिए भी काफी सुरक्षित माना जाता है अगर आप इसी बीच गर्भवती हो जाती है तो आप एक बार किसी अच्छे आयुर्वेदाचार्य से सभी बातें बताकर ही आगे इस औषधि का प्रयोग करें.
इन्हें भी पढ़ें : पुपुत्र प्राप्ति का यह वैज्ञानिक तरीका 99% पुत्र देगा
इन्हें भी पढ़ें : पुत्र प्राप्ति के 3 बलशाली टोटके
इन्हें भी पढ़ें : पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्य देव के 2 उपाय
इन्हें भी पढ़ें : ये पुत्र प्राप्ति का रामबाण उपाय माना जाता है - शिवलिंगी के बीज
इन्हें भी पढ़ें : गर्भ में पुत्र प्राप्ति का उपाय - गाय का दूध
और अंत में हम आपको बता दें अगर आप इस प्रयोग को कर रहे हैं तो किसी और को ना बताएं केवल पति पत्नी को पता हो बस, हो सकता है यह बात ऐसे व्यक्ति को पता चल जाए जो आप के यहां पुत्र प्राप्ति हो यह नहीं चाहता है तो ऐसे में उसकी जो इच्छा है कि आप के यहां पुत्र ना हो उसकी जो एनर्जी है वह आपके कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकती है
अगर आपको शिवलिंगी के बीजों और पुत्रजीवक बीजों की आवश्यकता है, तो आप नीचे दी गई इमेज पर क्लिक कर ले. यहां आपको बीजों की कीमत तथा कैसे इसे पाएं इस संबंध में जानकारी मिलेगी.
Post a Comment