हम बात करेंगे सामान्य प्रसव क्या होता है. नेचुरल प्रसव के लक्षण क्या-क्या होते हैं. कौन-कौन से संकेत यह बताते हैं, कि प्रसव सामान्य रहेगा.
सामान्य प्रसव का अर्थ यहां पर नेचुरल प्रसव से है, जब बच्चा स्वयं पैदा होता है. वैसे तो बच्चे स्वयं ही अपने आप पैदा होते हैं, लेकिन यहां नेचुरल प्रसव से मतलब है कि बच्चे को पैदा कराने में दवाइयों और सर्जरी का प्रयोग नहीं किया जाएगा.
जब शिशु गर्भ में अपना समय पूरा करने के बाद स्वयं योनि से बाहर आता है. यह कम क्षति पहुँचाने वाली और प्रकृति द्वारा नियोजित प्रक्रिया है.
सामान्य प्रसव क्यों जरूरी
प्रसव को लेकर महिलाओं के मन में तरह-तरह की भ्रांतियां होती हैं. बहुत सी महिलाओं के मन में प्रसव समय के दौरान होने वाले दर्द को लेकर काफी ज्यादा डर देखने में नजर आता है.
इसलिए बहुत सी महिलाएं सिजेरियन बेबी को ज्यादा महत्व देती हैं, लेकिन अगर आप कष्ट की बात देखें तो नेचुरल प्रसव महिलाओं के लिए काफी स्वास्थ्यवर्धक रहता है, और सिजेरियन प्रसव से महिला के शरीर की काफी सारी क्रियाएं जोकि कंप्लीट नहीं होती है.
उनकी वजह से आगे चलकर समस्याओं का सामना महिलाओं की को करना होता है. यह महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है.
हालांकि यह भी सत्य है कि प्रसव के दौरान महिलाओं को दर्द होता है, लेकिन उस वक्त महिलाओं के शरीर में ऐसे हारमोंस भी रहते हैं, जो महिलाओं के दर्द को कंट्रोल करने का कार्य करते हैं. उनकी वजह से नेचुरल प्रसव बड़ी आसानी से हो जाता है.
एक स्वस्थ युवा महिला आराम से सामान्य प्रसव पीड़ा से गुजर सकती है। सक्रिय जीवन शैली, सामान्य रक्तचाप और भ्रूण की स्थिति – ये सभी एक सामान्य प्रसव के सूचक होते हैं.
महिलाओं को प्रसव का सोच सोच के जितना कष्ट होता है उतना कष्ट प्रसव के समय भी नहीं होता है.
प्रेगनेंसी के अंतिम दौर में जब लगभग 8 महीना और 15 दिन बीत जाते हैं, तो उसके बाद महिलाओं को डिलीवरी कभी भी हो सकती है. ऐसे में कुछ लक्षण हैं जो आपको नजर आएंगे जिन का अर्थ है कि आप एक सामान्य अर्थात नेचुरल प्रसव की ओर बढ़ रही है.
सामान्य प्रसव के संकेत
जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता है, वैसे वैसे शिशु अपनी स्थिति को बदलने लगता है. उसका सिर नीचे की ओर आने लगता है. महिला को ऐसा लगता है, कि बच्चे का स्थान यहां कुछ ऊपर था. वह खिसक कर नीचे पहुंच गया और उसे निचले हिस्से पर दबाव भी महसूस होता है, तो समझ जाइए कि प्रसव का समय नजदीक आ रहा है.
- स्तनों में दर्द भी सामान्य प्रसव का संकेत होता है. जैसे ही आप अंतिम चरण में पहुँचती हैं, ये भारी और असहज महसूस हो सकते हैं.
- आप योनि स्राव में वृद्धि देख सकती हैं. यह सफेद या गुलाबी रंग का हो सकता है और कभी–कभी थोड़ा सा खून भी निकल सकता है। यह एक स्वस्थ, सामान्य गर्भावस्था का संकेत है.
- हार्मोनल गतिविधि में बदलाव आने के कारण मलत्याग संबंधी परेशानी उत्पन्न होती है. इसके कारण पेट में थोड़ी ऐंठन और असुविधा हो सकती है, और अन्य समस्याएं हो सकती है.
- ऐंठन, पेशाब करने की इच्छा बढ़ती है क्योंकि बच्चे का सिर श्रोणि क्षेत्र पर दबाव बढ़ाता है और मूत्राशय पर दाब डालता है.
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द होगा, क्योंकि भ्रूण उस पर दबाव डालना शुरू कर देता है (पीठ के निचले हिस्से पर). ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि भ्रूण खुद को सिर नीचे करने की स्थिति में लाने का प्रयास कर रहा होता है.
- पानी की थैली के टूटने की प्रक्रिया भी आमतौर पर प्रसव के दौरान होती है. कभी–कभी यह प्रसव की शुरुआत से पहले भी हो सकती है. ऐसे में तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.