थायराइड क्या होता है.
गर्भावस्था के दौरान थायराइड हार्मोन का क्या महत्व है .
गर्भावस्था के दौरान थायराइड कितना होना चाहिए.
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इस POST के नेक्स्ट पार्ट में हम चर्चा करेंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड के कारण लक्षण और प्रभाव पर चर्चा करते हैं.
जब महिला गर्भवती होती है तो उसके कई सारे टेस्ट डॉक्टरों के द्वारा कराए जाते हैं जिनमें से एक टेस्ट थायराइड का टेस्ट भी होता है थायराइड के असंतुलन होने पर कई तरह की परेशानियां गर्भस्थ महिला और उसके गर्भस्थ शिशु को आ सकती हैं. यहां तक कि अगर थायराइड पर ध्यान ना दिया जाए तो गर्भ शिशु को भी थायराइड होने की संभावना हो जाती है और दूसरे प्रकार की गंभीर बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है.
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आइए चर्चा करते हैं कि
थायराइड होता क्या है – Thyroid Kya Hota Hai
हमारे गले में आगे की तरफ तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, उसे हम थायराइड ग्रंथि कहते हैं. थायराइड ग्रंथि का मुख्य कार्य हमारे भुजे पदार्थ को ऊर्जा में बदलने का होता है साथी साथी है हमारे शरीर के अंदर और दूसरे कार्य को भी मॉनिटर करती है.
यह ग्रंथि दो प्रकार के हार्मोन का निर्माण करती है T3, T4
T3 अर्थात ट्राईआयोडोथायरोनिन
T4 अर्थात थायरॉक्सिन
ये दोनों हार्मोंस हमारी सांस, ह्रदय गति, पाचन तंत्र, शरीर के तापमान, हड्डियाें, मांसपेशियों व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं. थायराइड के असंतुलन से हमारे शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लगता है, और इसे ही थायराइड की बीमारी का नाम दिया जाता है.
गर्भावस्था के दौरान थायराइड की इंपोर्टेंस
गर्भावस्था के दौरान थायराइड हार्मोन की क्या इंपोर्टेंस है इस पर चर्चा करते हैं….
गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए थायराइड हार्मोंस जरूरी होते हैं. यह हारमोंस गर्भस्थ शिशु के तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क के विकास में काफी महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं.
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में यह हारमोंस गर्भनाल के द्वारा महिला के शरीर से शिशु को प्राप्त होता है 3 महीने आते आते गर्भ शिशु के शरीर में भी थायराइड ग्रंथि का विकास हो जाता है और वह स्वयं थायराइड ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन का उत्पादन शुरू कर देते हैं.
अगर महिला के शरीर में थायराइड हार्मोन के उत्पादन में असंतुलन होता है तो शुरू के 3 महीने में ही मिसकैरेज के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं.
गर्भावस्था के दौरान ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (Human Chorionic Gonadotropin) और एस्ट्रोजन (Estrogen) नामक हार्मोंस का निर्माण होता है। इन दोनों हार्मोंस के कारण गर्भवती के रक्त में थायराइड हार्मोंस का स्तर ज्यादा पाया जाता है.
डॉक्टर्स के अनुसार महिला के शरीर में थायराइड की थोड़ी सी भी अधिकता काफी गंभीर विषय होता है.
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महिला के शरीर में हार्मोन का स्तर कितना होना चाहिए
हमारा मानना है कि सभी गर्भवती महिलाओं को यह पता होना चाहिए कि उनके शरीर में हार्मोन का स्तर कितना होना चाहिए हालांकि वह इसे चेक नहीं कर सकती है लेकिन फिर भी वह चेक करा कर संतुष्ट तो हो ही सकती है क्योंकि उन्हें रेंज पता होती है.
थायराइड का पता टीएसएच के जरिए लगाया जाता है.
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पहली तिमाही
टीएसएच (MIU/L) कम : 0.1
टीएसएच (MIU/L) अधिक : 2.5
दूसरी तिमाही
टीएसएच (MIU/L) कम : 0.2
टीएसएच (MIU/L) अधिक : 3.0
तीसरी तिमाही
टीएसएच (MIU/L) कम : 0.3
टीएसएच (MIU/L) अधिक : 3.0
कोई भी महिला अपने ओवुलेशन टाइम में गर्भवती होती है. इसलिए महिला को अपना ओवुलेशन टाइम पता होना चाहिए. ओवुलेशन टाइम का
पता लगाने के लिए मार्केट में kit उपलब्ध है, जिसे प्रयोग करके महिला अपना
ओवुलेशन टाइम पता लगा सकती है. किट के बारे में अधिक जानकारी के लिए लिंक
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