यह तो हम सभी जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिला के एक शरीर को अपने साथ साथ एक और शरीर का पालन अपने शरीर के अंदर करना पड़ता है जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ा कार्य होता है. शरीर की कार्यक्षमता लगभग दुगनी हो जानी चाहिए.
ऐसी अवस्था में किसी भी महिला की जो आयरन की रोज की खुराक होती है वह भी काफी बढ़ जाती है. किसी भी आम महिला को डेली लाइफ में लगभग जितनी आयरन की आवश्यकता होती है लगभग उससे 50% अधिक आयरन की आवश्यकता उसे प्रेगनेंसी के दौरान पड़ती है.
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महिलाओं में आयरन की जरूरत हीमोग्लोबिन बनाने के लिए होती है। यह प्रोटीन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है जो शरीर के विभिन्न अंगों तथा ऊतकों में ऑक्सीजन वहन करने का काम करता है.
गर्भवती महिलाओं को सामान्य से 50 प्रतिशत अधिक रक्त की मात्रा चाहिए होती है, इसलिए आयरन की जरुरत भी बढ़ जाती है.
सामान्य अवस्था में किसी भी गर्भवती स्त्री को 15 से 18 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता रोज होती है और वही प्रेग्नेंसी के समय किसी भी महिला को लगभग 30 से 35 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है. जबकि एक अनुमान के मुताबिक महिलाओं को उनके आहार से केवल 18 मिलीग्राम ही आयरन मिल पाता है.
इस कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर महिला को आयरन की गोली खाना सजेस्ट करते हैं.
गर्भावस्था की पहली एवं तीसरी तिमाही में आयरन की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। एनीमिया से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं को रोज 120 मिलीग्राम का आयरन सप्लीमेंट लेना चाहिए.
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साथ ही साथ एनीमिया से ग्रस्त गर्भवती महिला को अपने भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिनके अंदर आयरन की मात्रा काफी अच्छी होती है .