हम उन्हें प्रेग्नेंट होने के शुरुआती 13 लक्षणों के बारे में बताएंगे. जिससे कि उन्हें इस बात का आईडिया लग सके कि वह गर्भवती हो गई है, यह चर्चा करते हैं.
किसी एक लक्षण के आधार पर हम यह निर्णय नहीं ले सकते हैं कि महिला गर्भवती है या नहीं है. हमें काफी सारे लक्षणों को गौर से देखना पड़ता है. जब काफी सारे लक्षण मिलने लगते हैं, तभी हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि गर्भ अवस्था है.
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण इस प्रकार से आते हैं.
सीने में जलन की समस्या
होता क्या है कि प्रेगनेंसी हारमोंस की वजह से मांसपेशियां मुलायम हो जाती है तो जो फूड पाइप और पेट के बीच में जो वाल्व होता है वह मुलायम हो जाता है अपना कार्य ठीक ढंग से नहीं कर पाता है इस वजह से एसिड पेट से फूड पाइप में आ जाता है और जलन होती है.
सिर दर्द होना
गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं का रक्तचाप बढ़ जाता है. इसकी वजह से भी सर दर्द की समस्या होने लगती है.
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कब्ज
जैसा कि हमने अभी पहले बताया था कि प्रेगनेंसी हारमोंस की वजह से मांसपेशियां मुलायम हो जाती हैं. ऐसे ही पेट की मांसपेशियां भी मुलायम हो जाती है. जिसकी वजह से खाना आसानी से नहीं पच पाता है और महिलाओं को कब्ज की समस्या नजर आने लगती है.
सांस लेने में तकलीफ होना
गर्भधारण करने के बाद आप गहरी सांसें लेना शुरू कर सकती हैं, क्योंकि भ्रूण तक ऑक्सीजन आपके द्वारा ही पहुंचती है. असल में, इस दौरान प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन का उत्पादन होता है, जो आपके फेंफड़ों के ऑक्सीजन लेने की क्षमता को बढ़ाता है. इससे आपको लगता है कि आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
बार बार पेशाब जाना
यह भी काफी प्रमुख लक्षण माना जाता है. जब महिला गर्भवती हो जाती है तो महिलाओं को बार बार पेशाब जाने की इच्छा होती है.
पीरियड मिस होना
यह एक ऐसा लक्षण है जो कि स्पष्ट नजर आता है और इसी लक्षण के नजर आने पर महिलाएं अक्सर यह बात सोचने को मजबूर हो जाती है कि वह कहीं प्रेग्नेंट तो नहीं है. क्योंकि प्रेग्नेंट होने पर यह मिस होता ही होता है.
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स्पॉटिंग आना
जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसके पीरियड मिस हो जाते हैं. यह तो सभी जानते हैं, लेकिन पीरियड में कई और कारणों की वजह से भी होते हैं. प्रेगनेंसी होने पर स्पॉटिंग की शिकायत आती है अक्सर यह गर्भ ठहरने पर ही होता है.
फूड क्रेविंग
अक्सर प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में महिलाओं का किसी विशेष प्रकार के भोजन के प्रति या स्वाद के प्रति काफी आकर्षण बढ़ जाता है. यह भी प्रेगनेंसी की ओर इशारा करता है.
मूड स्विंग
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में हार्मोन परिवर्तन होते हैं जिसकी वजह से फूड क्रेविंग के साथ साथ मूड स्विंग की समस्या भी देखने में आती है. महिला अक्सर चिड़चिड़ी सी हो जाती है. ऐसे में परिवार वालों को महिला की स्थिति को समझना चाहिए और आपसी सामंजस्य बनाकर भी रखना चाहिए. यह प्रेगनेंसी का एक लक्षण मात्र है जो कुछ समय बाद दूर हो जाता है.
थकान
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अक्सर थकान की समस्या काफी ज्यादा रहती है. यह एस्ट्रोजन हार्मोन की वजह से माना जाता है. यह हार्मोन एक प्रेगनेंसी हार्मोन है, जो कि गर्भ शिशु के लिए काफी आवश्यक होता है .
स्तनों का मुलायम होना
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्तन बहुत ज्यादा नाजुक और सेंसेटिव हो जाते हैं और उनका आकार भी बढ़ने लगता है.
ऐठन की समस्या
अक्सर प्रेग्नेंसी के शुरुआती समय में महिलाओं के हाथ पैर में और शरीर के दूसरे अंगों में ऐठन होने जैसा प्रतीत होता है यह नई-नई गर्भ अवस्था की वजह से भी हो सकता है.
मॉर्निंग सिकनेस
देखा गया है कि अधिकतर महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों से ही मॉर्निंग सिकनेस की समस्या दिखाई देने लगती है यह जैसे-जैसे प्रेगनेंसी हार्मोन महिला के शरीर में बढ़ते जाते हैं मॉर्निंग सिकनेस की समस्या भी बढ़ती जाती है और शुरू के 3 महीने काफी ज्यादा यह देखने में आती है .
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मतली लगना
यह भी एक बड़ी समस्या है अक्सर 80% से ज्यादा महिलाओं को यह समस्या देखने में आती है. उन्हें हमेशा ऐसा महसूस होता है कि उनका भोजन अभी बाहर आ जाएगा . उन्हें काफी सारी गंधो से परेशानी का अनुभव भी होता है. बार बार उल्टी आएगी ऐसा अनुभव होता है.