प्रेगनेंसी में झाड़ू पोछा | करना क्यों जरूरी | कैसे करें | क्या फायदा है | क्या नुकसान हो सकते हैं

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 प्रेगनेंसी में झाड़ू पोछा करना क्यों जरूरी और कैसे करें. झाड़ू पोछा करने में क्या फायदा है और क्या नुकसान हो सकते हैं.

हमने आपसे चर्चा की थी कि प्रेगनेंसी के दौरान हमें कब अर्थात कौन-कौन से महीनों में झाड़ू पोछा करना चाहिए. और किन किन महीनों में हमें झाड़ू पोछा करने नहीं करना चाहिए आज अपने इस Article के माध्यम से चर्चा करने वाले हैं कि

प्रेगनेंसी में झाड़ू पोछा करना क्यों जरूरी होता है. प्रेगनेंसी में झाड़ू पोछा करने में कौन-कौन सी सावधानी रखनी चाहिए. और प्रेगनेंसी में झाड़ू पोछा करते समय किस किस प्रकार के नुकसान होने का डर रहता है.

अगर किसी महिला को प्रेगनेंसी है तो उसे शुरू के 3 महीनों में बिल्कुल भी झाड़ू पोछा नहीं करना चाहिए. और कुछ विशेष परिस्थितियों में भी नहीं करना चाहिए. जिसका चर्चा हमने की है.

प्रेगनेंसी के तीसरी तिमाही अर्थात अंत के 3 महीनों में महिलाओं को झाड़ू पोछा करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसके पीछे कुछ कारण है जिन पर हम चर्चा करेंगे.

प्रेगनेंसी में झाड़ू पोछा लगाना क्यों जरूरी

अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में झाड़ू पोछा लगाना क्यों जरूरी बताया जाता है.

लगातार आराम में रहने के कारण महिलाओं की मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या आ जाती है तो हाथ पैर की मांसपेशियों को फ्लैक्सिबल और मजबूत करने के लिए झाड़ू पोछा लगाना बताया जाता है.

शरीर में रक्त का संचरण ढंग से होता है, और महिला को यह झाड़ू लगाना, पोछा करना एक्टिव रहने में काफी मदद करता है.

डिलीवरी के समय महिलाओं की पेल्विक मसल्स मजबूत और फ्लैक्सिबल होनी चाहिए. इससे डिलीवरी आसानी से हो जाती है. इसी मसल्स की मजबूती और फ्लैक्सिबिलिटी के लिए झाड़ू पोछा करना एक अच्छा उपाय होता है.

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प्रेगनेंसी में झाड़ू पोछा करने में सावधानियां

  • महिलाओं को झाड़ू पोछा कभी भी केमिकल युक्त पदार्थों को पानी में मिलाकर नहीं करना चाहिए. इससे यह उनके शरीर में पहुंचकर शिशु को नुकसान पहुंचा सकते हैं. और यह संक्रमण का कारण भी बन सकते हैं.
  • गर्भवती महिला को झाड़ू पोछा बड़े आराम से करना चाहिए. कोई भी जल्दी बाजी नहीं दिखानी चाहिए.
  • महिला को झाड़ू पोछा करते वक्त अगर जरा सी भी थकान लगे, तो उसे तुरंत झाड़ू पोछा छोड़ देना चाहिए, और आराम करना चाहिए.
  • जिन महिलाओं ने कभी झाड़ू पोछा नहीं किया. उन्हें डिलीवरी में लाभ लेने के वजह से पूरे घर का झाड़ू पहुंचा नहीं करना चाहिए. वह सावधानी वश एक कमरे में यह कार्य कर सकती हैं, और धीरे-धीरे अपनी कैपेसिटी को बढ़ाएं.
  • जिन महिलाओं को डॉक्टर ने कहा है कि आपको बेड रेस्ट करना कि अधिक आवश्यक है तो उन्हें कोई सा भी मेहनत कश कार्य करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछना चाहिए. क्योंकि झाड़ू पोछा भी एक मेहनत का काम है.
  • जिन महिलाओं को धूल से एलर्जी है उन्हें या तो झाड़ू पोछा नहीं करना चाहिए या फिर मुंह पर कपड़ा बांधकर झाड़ू पोछा करें.
  • प्रेगनेंसी के समय ऊंचे स्थानों पर झाड़ू पहुंचा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए.
  • अगर झाड़ू पोछा करने के बाद आपको लगातार किसी प्रकार की समस्या या शारीरिक दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो आप झाड़ू पोछा बंद करें और तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें.

 

झाड़ू पोछा करने से क्या नुकसान हो सकते हैं

प्रेगनेंसी के दौरान झाड़ू पोछा करने से नुकसान की बात करें तो असावधानी पूर्वक कार्य करने से काफी सारे नुकसान होने का डर भी रहता है .

अगर गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के पहली तिमाही के दौरान झाड़ू पोछा करती है, तो इस दौरान कुछ गलती हो जाने से या पेट पर दबाव आ जाने से गर्भपात की संभावना बहुत ज्यादा बन जाती है.

गर्भवती महिला के पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ने से दर्द और ब्लडिंग की समस्या नजर आ सकती है.

प्रेगनेंसी के अंतिम तिमाही में महिलाओं को उठने और बैठने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ऐसे में झाड़ू पोछा करने की वजह से फर्श गीला रह सकता है और महिला फिसल सकती है.

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