मेरी बेटी मुझसे डरती है मुझे क्या करना चाहिए | my daughter is afraid of me what should i do

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एक प्रश्न आया था. मेरी बेटी जो कि 5-10 साल के उम्र के आसपास की है. वह मुझसे काफी ज्यादा डरती है. इसके लिए मुझे क्या करना चाहिए.

 साथ में उन्होंने यह भी बताया था कि मेरी बिटिया बहुत ज्यादा बातूनी है, और वह परिवार के दूसरे सदस्यों से और अपनी माता से बहुत ज्यादा बातें करती है, लेकिन मेरे सामने हमेशा चुप रहती है. 

मेरे कुछ पूछने पर जल्दी से जवाब भी नहीं देती है. इस बात को लेकर मैं काफी ज्यादा परेशान हूं. मुझे क्या करना चाहिए.

my daughter is afraid of me what should i do

हम प्रश्न को थोड़ा सा और विस्तार दे देते हैं, हो सकता है कि बिटिया पिताजी के साथ-साथ माता जी से भी डरती हो और पिताजी से अच्छे से बात करती हो. इन दोनों अवस्थाओं में जो यहां पर बताई गई है, किसी भी अवस्था में बिटिया की मानसिक स्थिति लगभग एक जैसी हो सकती है.

इस समस्या को लेकर अलग अलग व्यक्ति की अलग-अलग राय हो सकती है. अलग-अलग तरीके से वह इस समस्या को सुलझाने के लिए उपाय कर सकते हैं. इसी संदर्भ में कुछ सुझाव हमारे भी है.

जैसा कि हम पहले भी बताते रहे हैं, कि हर बच्चे की अपनी अलग मानसिक स्थिति होती है, जो प्रयोग एक बच्चे के ऊपर सफल हो जाता है. जरूरी नहीं कि वह प्रयोग उसी प्रकार की समस्या में किसी दूसरे बच्चे के ऊपर भी सफल हो जाए. 

क्योंकि हर बच्चे की किसी भी एक पर्टिकुलर घटना को लेकर अपनी अलग अलग समझ होती है. अगर एक बच्चा आपकी एक निश्चित प्रतिक्रिया पर कुछ सीखता या समझता है.

तो जरूरी नहीं कि दूसरा बच्चा भी उसी निश्चित प्रतिक्रिया पर बिल्कुल पहले बच्चे की तरह ही सीखे या समझे. उसकी सोच उस पहले बच्चे से अलग है. इसलिए आपके प्रति उसकी समझ भी अलग होगी.

अगर आप चाहे माता है या आप चाहे पिता है. इसके लिए सबसे पहले आपको अपने बच्चे की आचार, विचार, समझ पर पूर्ण रुप से ध्यान देने की आवश्यकता है.

माना कि आप पिता है और आपकी बच्ची आपकी माता से काफी ज्यादा familiar है, और आप से नहीं है, तो इसके लिए आपको अपनी धर्मपत्नी की सोच और समझ को भी समझना अत्यधिक आवश्यक है. जिसे आपकी बच्ची पसंद करती है.

अगर आप भी अपनी बच्ची के साथ घुलना मिलना चाहते हैं, तो आपको अपने आचार विचार और नेचर में परिवर्तन लाने की कोशिश करनी चाहिए. 

भले ही आप अपने बच्चे के साथ बहुत ज्यादा नरमी के साथ पेश आते हो. अगर आप उसके सामने परिवार के या किसी अन्य व्यक्ति के साथ काफी ज्यादा सख्ती के साथ पेश आएंगे तो है, तो आपका बच्चा उसके ऊपर भी कैलकुलेशन करता है कि
आपको क्या पसंद है,
क्या पसंद नहीं है,
आपके साथ उसे कैसा व्यवहार रखना है,
कब बोलना है,
कब नहीं बोलना है.

 
यह ऑटोमेटिक उसके दिमाग में चलता रहता है. और ऐसा होने पर एक नया ही व्यवहार आपके सामने उसका नजर आता है.

 आपको इस बात पर भी काफी ज्यादा फोकस करने की आवश्यकता है कि आप उसके सामने दूसरे लोगों के साथ भी नरमी से पेश आएं. अच्छे से उनसे बातें करें. आपकी कोई भी गुस्से वाली या नेगेटिव छवि उसके मन में नहीं बननी चाहिए.

क्योंकि जब आप घर में किसी दूसरे व्यक्ति के गुस्से वाला व्यवहार करेंगे तो बच्चे के मन में यह बात तो आएगी ही कि यह काम आप उसके साथ भी कर सकते हैं. भले ही आप कभी ना करें.

 अधिकतर अधिक संवेदनशील बच्चों में इस प्रकार की समस्या देखने में आती है, और हम यह मानकर चल रहे हैं कि आपकी गुड़िया भी संवेदनशील है. 

सबसे पहले तो आपको अपने परिवार के साथ और अपनी बच्ची के साथ व्यवहार को बहुत ज्यादा दोस्ताना और शांत रखना है. आप अपने परिवार की या अपने बिजनेस की या अपनी नौकरी की किसी भी प्रकार की परेशानी को अपने चेहरे पर अपने बच्चे के सामने नहीं आने दे.

अब आपको अपने बच्ची की पसंद को, नापसंद को बहुत ज्यादा अच्छे से समझने की आवश्यकता है, और उसके अनुसार ही उससे व्यवहार करना शुरू करें. धीरे-धीरे वह आपसे खुलने लगेगी आपसे बातें करने लगे लगेगी.


बात को एक उदाहरण के द्वारा समझने की कोशिश करते हैं
. उसे जिस प्रकार के खेल में रुचि है, आप उस खेल को उसके साथ खेलें. उसे जो भी खाना या पीना पसंद है, आप उसकी इस पसंद का ख्याल रखना शुरू करें. उसे यह महसूस करवाएं कि आपको उनकी बहुत ज्यादा चिंता है. आप  बहुत ज्यादा प्यार करते हैं. देखिए आप की कोशिश जरूर रंग लाएगी.

आपको लगातार बच्चे से बात करते रहना है, और जो भी बात आपको ऐसी लगे कि बच्चा नहीं समझ पाएगा अर्थात अपने आप नहीं समझ पाएगा तो उसे समझाएं.

बच्चों के साथ लगातार अलग-अलग टॉपिक पर बात करते रहने से बच्चे का नेचर, उसकी इच्छाएं बच्ची की इच्छाएं आपको पता लगने लगती है फिर आपके लिए बहुत आसान हो जाता है.

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