बच्चों को पहले पोषाहार में क्या दें

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बच्चों को शुरुआती समय में कौन कौन से खाद्य पदार्थ पोषाहार के रूप में पहली पहली बार देने चाहिए. साथ ही साथ हम बात करेंगे कि कौन कौन सी सावधानियां बच्चों को पोषाहार देने में रखनी चाहिए

डॉक्टर्स के अनुसार पहले 6 महीने बच्चे के लिए पोषाहार देने का समय निश्चित किया गया था लेकिन धीरे-धीरे रिसर्च हुई तो यह बात सामने आई कि बहुत सारे ऐसे पोषक तत्व बच्चे के शरीर में होते हैं जो माता के शरीर से जन्म के समय बच्चे को प्राप्त होते हैं वह लगभग 4 महीने तक के लिए ही पर्याप्त होते हैं.

लगभग 4 महीने बीत जाने के बाद बच्चे को धीरे-धीरे पोषाहार देना शुरू कर देना चाहिए. और अधिक जानकारी के लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
बच्चों को शुरुआती समय में ऐसे भोजन देना चाहिए जो पचने में अत्यधिक आसान होते हैं.

बच्चों को पहले पोषाहार में क्या दें

सब्जियों वाला सूजी का उपमा

यह स्वादिष्ट शिशु आहार नाश्ते और दोपहर के खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह प्रोटीन और विटामिन का अच्छा स्रोत है और बच्चों को बहुत पसंद आता है.

मसला हुआ चावल

आलू के चोखे की तरह मसला होआ चावल शिशु के लिए एक बेहतरीन शिशु आहार है. यह प्रोटीन के लिए एक सर्वोत्तम स्रोत है और इससे शिशु को विटामिन, कैल्शियम और कार्बोहायड्रेट भी मिलता है.

सूजी का उपमा

यह बेहद ही आसानी से त्यार हो जाने वाला शिशु आहार है और प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है. यह भारत में नाश्ते के रूप में काफी प्रसिद्ध है.

चावल की खिचड़ी

खिचड़ी भारत का एक परंपरागत व्यंजन है. इस आहार से शिशु को प्रोटीन,  विटामिन, कैल्शियम और कार्बोहायड्रेट भरपूर मात्रा में मिलता है. खिचड़ी को त्यार करने में दाल का भी इस्तेमाल होता है इसलिए खिचड़ी से शिशु को दाल के भी पोषक तत्त्व मिलते हैं.

फ्राइड राइस

यह प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन और कार्बोहायड्रेट का बहुत अच्छा स्रोत है.

ठोस आहार देने में इन बातों का रखें ध्यान

  • बच्चे आसानी से खाना नहीं खाते हैं. आपको उन्हें खेल-खेल में खाना खिलाना पड़ता है.
  • ठोस आहार शुरू करने से पहले ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क को चम्मच और कटोरी से पिलाना शुरू करें.
  • बच्चे के खाने में चीनी और नमक का इस्तेमाल न या कम करें.
  • खाना ज्यादा गर्म या ठंडा नहीं होना चाहिए. बच्चे को खिलाने से पहले खाने का तापमान चैक जरूर कर लें.
  • शिशु के बीमार या खराब मूड में होने पर ठोस आहार देने से बचें. इससे हो सकता है कि उनमें ठोस आहार के प्रति गलत धारण बन जाए.

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