हम प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं.
इस दौरान भ्रूण का विकास किस प्रकार से होता है.
महिलाओं को कौन-कौन सी सावधानी रखने की आवश्यकता होती है.
महिलाओं को कैसा महसूस हो सकता है.
यह चर्चा करते हैं
तो दोस्तों जैसा कि हमने प्रेगनेंसी के तीसरे सप्ताह में आपसे बताया था कि भ्रूण अब डिवेलप हो रहा है. उसे अब ब्लास्टोसिस्ट कहा जाता है. अब वह फेलोपियन ट्यूब से गर्भाशय में पहुंच चुका है, और वह गर्भाशय में अपने आप को मजबूत रखने के लिए गर्भाशय की दीवार पर अपने आप को स्थापित करने की कोशिश करता है.
ऐसा करते समय गर्भाशय की दीवार पर जब वह अपने आप को स्थापित करने की कोशिश कर रहा होता है, तो कभी-कभी ब्लड धमनियों में नुकसान पहुंच जाता है. और गर्भवती महिलाओं को स्पॉटिंग की समस्या नजर आ जाती है.
इन रक्त की कुछ बूंदों को देखकर महिलाओं को कई प्रकार के विचार उनके मन में आते हैं.
महिलाओं के मन में आता है कि उन्हें पीरियड हो रहे हैं, और पहले की अपेक्षा काफी कम हो रहे हैं.
दूसरा उन्हें लगता है कि उनका गर्भपात हो गया है.
तीसरा उन्हें इस बात का भी अंदेशा रहता है कि गर्भ को किसी प्रकार का नुकसान हुआ है और गर्भपात की स्थिति आगे बन सकती है, जिसे समझ कर वह काफी तनाव की स्थिति में भी आ सकती हैं.
अब ऐसा भी नहीं है कि लगभग चौथे हफ्ते के आसपास जब पीरियड का भी समय होता है और ऐसे में इस स्पोटिंग के स्थान पर ब्लड थोड़ा ज्यादा आ रहा है, तो यह समस्या भी हो सकती है. इसे स्पॉटिंग समझ कर लापरवाही ना बरतें.
इस स्पॉटिंग में मात्र एक या दो बूंद ना के बराबर ब्लडिंग होती है. अगर ब्लडिंग इससे ज्यादा हो रही है, और लगातार हो रही है तो यह खतरे की बात हो सकती है. ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.
प्रेगनेंसी का यह चौथा सप्ताह माना जाता है. अगर इस महीने तक आपके पीरियड मिस हो गए हैं, तो आप गर्भवती हैं.
इस सप्ताह आप अगर किट के माध्यम से चेक करती हैं और प्रेगनेंसी हारमोंस काफी उचित मात्रा में आपके शरीर में बन रहा है. वह मूत्र और खून में भी अच्छी मात्रा में आ गया है, तो किट के माध्यम से यह पता चल जाएगा कि आप गर्भवती हैं.
जब भी किट के माध्यम से अपनी प्रेगनेंसी को चेक करना चाहे तो यह टेस्ट आपको सुबह के पहले यूरिन के माध्यम से करना चाहिए. क्योंकि इस वक्त यूरिन में एचसीजी अर्थात प्रेगनेंसी हारमोंस की मात्रा सबसे अधिक होती है, और रिजल्ट की सटीकता की संभावना भी सबसे अधिक होती है.
दिन के समय शुरुआती दिनों में टेस्ट करने पर कभी-कभी आप गर्भवती होते हुए भी रिजल्ट पॉजिटिव नहीं आता है. क्योंकि दिन के समय प्रेगनेंसी हारमोंस की मात्रा आपके यूरिन में कम हो सकती है.
जिस वजह से आप के रिजल्ट पर प्रभाव पड़ सकता है, और गलत रिजल्ट प्राप्त हो सकता है. क्योंकि गर्भावस्था के चौथे हफ्ते में शरीर के अंदर प्रेगनेंसी हारमोंस तो होता है, लेकिन किसी किसी महिला में यह काफी कम मात्रा में होता है, जो उचित रिजल्ट को प्रदर्शित नहीं कर पाता है.
यह वह समय है जब आपको अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. आपको अपनी दिनचर्या अर्थात लाइफस्टाइल में काफी परिवर्तन करने की आवश्यकता है. अगर आप ऑफिस जाती है, तो फिर आपको आने जाने में काफी सावधानी रखने की आवश्यकता है. ऐसी अवस्था में आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करती है तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है.
इस वक्त भी शिशु इतना छोटा होता है कि उसे आप नंगी आंखों से नहीं देख सकते हैं. वह कुछ कोशिकाओं का एक गुच्छा होता है और हर एक कोशिकाओं का कार्य प्री डिफाइंड होता है कि उसे क्या करना है. यह सब कुदरत ने पहले से ही तय करके रखा है.