गर्भवती महिला के लिए शुरू के 3 महीने काफी चैलेंजिंग होते हैं और तीसरे महीने में काफी कुछ महिला के शरीर में परिवर्तन आने लगते हैं.
आज हम चर्चा करेंगे कि
महिला के शरीर में कौन-कौन से बदलाव तीसरे महीने में आपको देखने में नजर आने लगते हैं.
और हम तीसरे महीने में बच्चे के विकास और आकार पर भी चर्चा करने वाले हैं.
शारीरिक बदलाव
तीसरे महीने में महिला के शरीर में धीरे-धीरे बदलाव आने शुरू हो जाते हैं. यहां आपको अपनी जीवनशैली बदलने की आवश्यकता पड़ती है बल्कि अपने खानपान पर भी और जगह ध्यान देने की आवश्यकता होती है.
तीसरे महीने में एक शिशु का आकार लगभग एक अंगूर के दाने के बराबर हो जाता है.
इस महीने से महिला के स्तन स्तनपान के लिए तैयार होने लगते हैं वह भारी होने लगते हैं और निकल के आसपास का रंग भी गहरा होता जाता है.
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बच्चे के विकास के लिए पोषण के लिए बहुत ज्यादा रक्त की आवश्यकता पड़ती है दिल बहुत तेजी से पंप करता है और रक्त की मात्रा भी शरीर में बढ़ जाती है इसलिए नसें दिखाई पड़ना आम बात है. महिला के स्तनों पर भी नसें दिखाई पड़ती है, और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी न से नजर आने लगती है यह एक आम बात है. इसमें घबराने की कोई बात नहीं.
गर्भावस्था के तीसरे महीने से महिला का वजन बढ़ाना शुरू हो जाता है इस महीने लगभग 2 से 3 किलो तक वजन बढ़ना ही ठीक होता क्योंकि अभी भ्रूण का आकार बहुत छोटा है, ज्यादा वजन बढ़ना ठीक नहीं होता है. महिलाओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उनका वजन संयमित तरीके से बढ़े.
गर्भावस्था के तीसरे महीने में पेट और स्तनों पर महिला के स्ट्रेच मार्क भी नजर आ सकते हैं. हारमोंस में बदलाव के चलते त्वचा सूखी पड़ सकती है, जिसमें खुजली की समस्या भी आपको नजर आ सकती है. आपको कास्टिक सोडे वाले साबुन का प्रयोग नहीं करना है. आपको उच्च क्वालिटी का ग्लिसरीन युक्त साबुन ही प्रयोग करें,और घरेलू उबटन का प्रयोग कर सकते हैं.
तीसरे महीने के दौरान महिला के पेट पर लकीरे नजर आ सकती हैं यह भी एक परिवर्तन कुछ महिलाओं के साथ होता है.
गर्भ में बच्चे का विकास
गर्भावस्था के दौरान तीसरे महीने के अंत तक बच्चे का साइज एक अंगूर से एक नींबू या बेर के जितना हो जाता है तीसरे महीने के अंत तक अर्थात 12 सप्ताह तक बच्चा 2.5 इंच लंबा और उसका वजन लगभग 28 ग्राम के आसपास हो सकता है इस दौरान बच्चे की किडनी आंखें जननांग विकसित हो रहे होते हैं और दिल काम करना शुरू कर चुका होता है.
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अगर आपको गर्भावस्था को लेकर कोई डर, चिंता या कोई अन्य परेशानी है तो आपको अपनी डॉक्टार या स्त्री रोग विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए.
गर्भावस्था के दौरान मानसिक रूप से अपने शरीर में आ रहे शारीरिक परिवर्तन के लिए पूरी तरह तैयार रहे और होने बदलावों को लेकर बिल्कुेल भी तनाव ना लें. गर्भावस्था के तीसरे महीने से हल्केब और ढीले कपड़े पहनना शुरू कर दें.