डॉक्टर के अनुसार कौन-कौन से तरीके प्रेगनेंसी के लिए गर्भपात के लिए असुरक्षित होते हैं. गर्भपात के घरेलू नुस्खे जो डॉक्टर रिस्की बताते हैं.
हमारे देश के अंदर एलोपैथी व्यापक रूप से प्रयोग में लाई जाती है. ऐसे में एलोपैथिक डॉक्टर द्वारा कौन-कौन से ऐसे घरेलू तरीके हैं, जिनके द्वारा गर्भपात सुरक्षित होता है.
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हालांकि इनमें से कुछ तरीके आयुर्वेदिक कसौटी पर खरे उतर सकते हैं, लेकिन एलोपैथी डॉक्टर्स के द्वारा यह तरीके और सुरक्षित माने जाते हैं. इस बात की जानकारी आपको भी होनी चाहिए.
गर्भपात के घरेलू नुस्खे
आइए जानते हैं वह कौन-कौन से गर्भपात के घरेलू नुस्खे हैं जिनका प्रयोग करने को डॉक्टर रिस्की मानते हैं.
गर्भपात के लिए पपीता
प्रेगनेंसी के दौरान पपीता खाने से मना किया जाता है. इसका कारण यह है, कि कच्चा पपीता हो या पका पपीता हो मुख्यता कच्चा पपीता प्रेगनेंसी के दौरान संकुचन पैदा करने का कार्य करता है.
जिस वजह से महिला को गर्भपात की संभावना बन जाती है. थोड़ा और डिटेल में जाएं तो कच्चे पपीते में लेटेक्स होता है. जिसका रंग दूध की तरह सफेद होता है. आपने देखा भी होगा.
इस लेटेक्स में प्रोस्टाग्लैंडीन और ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन पाए जाते हैं. प्रसव के दौरान होने वाली संकुचन प्रक्रिया (labour contractions) को बढ़ाने में ये दोनों हार्मोन अहम भूमिका निभाते हैं.
पपीते के अंदर पपेन नाम का एंजाइम भी पाया जाता है. जो प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस की उपस्थिति को कम करता है.
अर्थात उसे बनने से रोकता है, और प्रेगनेंसी में इस हारमोंस का लगातार उच्च मात्रा में बने रहना प्रेगनेंसी बने रहने के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है.
इसकी कमी से महिला को संकुचन पैदा हो जाते हैं, और गर्भपात हो जाता है. इसे भी डॉक्टर असुरक्षित तरीका मानते हैं.
गर्भपात के लिए अनानास
ऐसे ही अनानास के द्वारा, अनानास को अधिक मात्रा में खाकर गर्भपात की कोशिश करवाना भी डॉक्टर्स की नजर में एक असुरक्षित तरीका ही होता है. क्योंकि अनानास के अंदर ब्रोमेलैन एंजाइम पाया जाता है. इस एंजाइम को भी गर्भपात का एक कारण माना जा सकता है.
एक शोध के अनुसार इसका अधिक सेवन करने से गर्भाशय संकुचन बढ़ सकता है, और गर्भपात हो जाता है. हालांकि इससे इतना ज्यादा संकुचन पैदा नहीं होता है, कि गर्भपात हो जाए, लेकिन यह आपको एक असुरक्षित गर्भपात की ओर ले जा सकता है.
गर्भपात के लिए अजमोद
अजमोद का प्रयोग यह एक जड़ी बूटी होती है. आमतौर पर माना जाता है कि इसका प्रयोग करने से गर्भपात हो जाता है. लेकिन जैसे-जैसे समय बदल रहा है मनुष्य के शरीर में बदलाव आ रहे हैं.
हालांकि एक समय पहले यह कार्य कर सकता होगा लेकिन लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार यह माना जाता है कि इसका प्रयोग करने से पूर्ण रूप से गर्भपात नहीं होता है.
बल्कि गर्भवती महिलाओं को कुछ गंभीर समस्याएं प्रेगनेंसी के दौरान हो सकती हैं, जिनकी वजह से मृत्यु तक होने की संभावना बनी रहती है. आज के समय में डॉक्टर इसका प्रयोग करने की सलाह नहीं देते हैं इसके द्वारा गर्भपात असुरक्षित श्रेणी में आता है.
चाइनीस फल गोजी बेरी
जैसा कि हमने बताया कि यह एक चाइनीस फल है और यह सूखे मेवे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अंदर भी गर्भपात को प्रेरित करने वाले तत्व पाए जाते हैं.
इसके अंदर बीटाइन पाया जाता है. यह तत्व मासिक स्राव और मासिक धर्म उन दोनों को उत्तेजित करता है. इसके अधिक सेवन से गर्भ गिर भी सकता है. इसे भी असुरक्षित तरीका ही माना जाता है.
गर्भपात के लिए विटामिन-सी
विटामिन-सी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, लेकिन आम धारणा है कि इसके अधिक सेवन से गर्भपात हो सकता है.
महिलाएं इसके लिए विटामिन-सी से युक्त फलों का सेवन करती हैं या फिर विटामिन-सी की गोलियों का सेवन करती हैं. फिर विटामिन-सी का सेवन गर्भपात कर सकता है या नहीं इस पर संदेह की स्थिति बनी हुई है.
अगर मेडिकल रिसर्च की बात करें, तो विटामिन-सी का सेवन गर्भपात का जोखिम नहीं पैदा करता है
गर्भपात के लिए तिल
तिल के बीजों का प्रयोग दिल के बीजों का प्रयोग एक तरह से प्राकृतिक माना जाता है, लेकिन अधिक मात्रा में लेकर इससे गर्भपात कराना असुरक्षित माना जाता है.
क्योंकि तिल के बीज एस्ट्रोजन के स्तर को प्रभावित करते हैं. अगर इस हार्मोन का स्तर शरीर में कम हो जाता है, तो फिर गर्भपात की संभावना बहुत ज्यादा बन जाती है.
साथ ही साथ यह एचसीजी अर्थात मुख्य प्रेगनेंसी हारमोंस की मात्रा को भी कम कर देता है. इसलिए इसका प्रयोग करना और उसके द्वारा गर्भपात कराना एक असुरक्षित तरीका माना जाता है.
यह थे गर्भपात के घरेलू नुस्खे जिनका प्रयोग करना डॉक्टर असुरक्षित मानते हैं इनका प्रयोग करने से किसी भी दंपत्ति को हमेशा बचना चाहिए.