गर्भ में लड़का हो ने के 8 लक्षण : मिथक या सच्चाई | Part 1

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प्रेग्नेंसी के समय ऐसे लक्षण जिनसे हम यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि गर्भ में लड़का है या लड़की है जो लक्षण लगभग लगभग 70 से 80% तक फिट बैठते हैं. 

उनमें से बहुत सारे लक्षणों को मिथक माना जाता है, क्योंकि मिथक साइंस के द्वारा माना जाता है और साइंस किसी भी चीज को 100% सिद्ध होने पर ही मानती है.
ऐसे बहुत सारे लक्षण हैं, जिन्हें साइंस नहीं मानती है कि यह गर्भ में लड़का है या लड़की के लक्षण है.

ऐसे ही कुछ लक्षणों पर हम चर्चा करते हैं जिन्हें समाज में जेंडर परीक्षण के लिए प्रयोग में लाया जाता है लेकिन इन्हें साइंस मिथक मानती है.
गर्भ में लड़का हो ने के 8 लक्षण : मिथक या सच्चाई  | Part 1

1.चेहरे पर  कील मुंहासे निकलना

ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान अगर गर्भ में लड़का होता है तो महिला के चेहरे पर कील मुंहासे ज्यादा निकलते हैं.
विज्ञान के अनुसार ऐसा कुछ भी नहीं होता है असल में गर्भावस्था के दौरान हारमोंस के स्तर में उतार-चढ़ाव होने की वजह से त्वचा संबंधी परेशानियां होती हैं इनका लड़का होने से कोई लेना-देना नहीं है ऐसा वैज्ञानिक मानते हैं. 

 

2. गर्भवती का वजन ज्यादा बढ़ना

ऐसा माना जाता है कि अगर गर्भवती स्त्री का वजन अपेक्षाकृत ज्यादा बढ़ता है तो गर्भ में महिला के लड़का होता है और वह ज्यादा खाना भी खाती है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्भावस्था में खानपान गर्भ में शिशु के विकास की वजह से घट बढ़ सकता है. अगर गर्भ में लड़का है तो ऐसा नहीं है, कि वजन तेजी से बढ़ेगा यह गर्भ में लड़की होने के कारण भी हो सकता है.

यह गर्भ में लड़का होने की बजाय मधुमेह का एक लक्षण हो सकता है. इस वजह से भी आपका वजन घट बढ़ सकता है.

3. प्रेग्नेंसी के समय सर दर्द की समस्या

लड़का होने के लक्षणों में यह भी एक लक्षण है, कि अगर महिला के गर्भ में लड़का होता है तो महिला को सर दर्द की समस्या ज्यादा रहती है. लेकिन वैज्ञानिक इसे एक मिथक ही मानते हैं. 


क्योंकि प्रेगनेंस क्योंकि गर्भावस्था के दौरान तनाव, पानी की कमी और थकान जैसी समस्याएं सर दर्द का कारण होती हैं. इसका गर्भ में लड़का होने से कोई भी संबंध नहीं है, अगर आप इस दौरान व्यायाम करें अपनी डाइट का ख्याल रखें प्रसन्न रहें तो यह समस्या नहीं होगी.

4. पिता का वजन बढ़ना

यह एक बड़ा ही पॉपुलर सिम्टम्स माना जाता है. खासकर भारतीय समाज में अगर गर्भ में महिला के बेटा होता है तो महिला के पति का वजन बढ़ता है.

वैज्ञानिकों ने सिर्फ इस पर इतना ही कहा है कि यह तो अत्यंत बचकानी बात है इसका संबंध महिला के गर्भ से किस प्रकार हो सकता है.

5. ठंड के समय गर्भधारण करना

समाज में माना जाता है कि महिला अगर जाड़े के मौसम में गर्भाधान करती है, तो महिला के गर्भ में लड़का होने के चांसेस बहुत ज्यादा रहते हैं.

लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बात का ठंड से कोई लेना देना नहीं है. अगर यह सच होता तो गर्मियों के मौसम में कोई लड़की ही पैदा नहीं होती.

6. महिला के पेशाब का रंग

माना जाता है कि अगर महिला के पेशाब का रंग अपेक्षाकृत थोड़ा सा गाढ़े रंग का हो गया है तो गर्भ में लड़का है.
लेकिन वैज्ञानिक ऐसा नहीं मानते हैं उनका कहना है कि यह कार्य पानी के ज्यादा या कम पीने की वजह से भी हो सकता है या महिला जो दवाई आदि का सेवन करती हैं. 


उसकी वजह से भी इस प्रकार की घटना हो सकती है इसका गर्भ में लड़का या लड़की होने से कोई संबंध नहीं है.

7. गर्भवती स्त्री को उल्टियां कम

ऐसा महिलाएं कहती हैं कि अगर गर्भवती स्त्री को उल्टियां कम हो रही है तो यह गर्भ में लड़का है, इसकी निशानी है.

लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है. किसी महिला को ज्यादा या किसी महिला को कम उल्टी होने की या मतली लगने की समस्या हो सकती है. यह सब महिलाओं के हारमोंस के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है.


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8. खट्टा चटपटा खाने का मन करना

माना जाता है कि महिला अगर तीखा खाना पसंद करती है खट्टा खाना पसंद करती है तो गर्भ में लड़का है लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसा कुछ भी नहीं होता है भोजन खाने की इच्छा सामान्य होती है इसका गर्भ में स्थित लिंग से कोई संबंध नहीं यह मिथक मात्र है.

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