एलर्जी क्या है, प्रेगनेंसी में अगर महिला को किसी प्रकार की एलर्जी हो जाती है, तो क्या उसे मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए या नहीं करना चाहिए.
हम बात करेंगे —
एलर्जी होती क्या है. क्या प्रेगनेंसी में एलर्जी जल्दी होती है. प्रेगनेंसी में एलर्जी की दवाई. क्या जुखाम एलर्जी का एक प्रकार है. एलर्जी से कैसे बचें.
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एलर्जी क्या है
एलर्जी एक प्रकार की ऐसी समस्या है, जो किसी भी वस्तु या भोज्य पदार्थ या मौसम के बदलने के कारण अक्सर नजर आती है.
जैसे की एलर्जी की वजह से खांसी, जुखाम, बार बार छींक आना, त्वचा पर खाज खुजली का आना या वस्तु विशेष या गंध विशेष से आपको परेशानी होना, कई प्रकार की एलर्जी होती है. यह बहुत ज्यादा खतरनाक तो नहीं होती है लेकिन इनमें परेशानी बहुत ज्यादा होती है.
क्या प्रेगनेंसी में एलर्जी जल्दी होती है
प्रतिरोधक क्षमता आपको किसी भी प्रकार की एलर्जी से और बीमारी से सुरक्षित रखने का कार्य करती है, और प्रेगनेंसी के दौरान यह थोड़ा कमजोर हो जाती है.
अगर व्यक्ति की इम्यून शक्ति थोड़ी सी कमजोर है, तो एलर्जी बहुत जल्दी होने का खतरा रहता है. जब महिला गर्भवती होती है तो उस अवस्था में जिस भी वस्तु से या मौसम से उन्हें एलर्जी है, वह बहुत जल्दी उसे पकड़ लेती है.
क्या एलर्जी के लिए प्रेगनेंसी में कोई भी दवाई ले ले
ऐसे में क्या किसी भी प्रकार की दवाई का असर महिलाओं को करना चाहिए क्योंकि प्रेगनेंसी में कुछ भी बहुत सोच समझ कर लेना पड़ता है. इस बात का ध्यान रखना पड़ता है, कहीं उस वस्तु का प्रयोग या दवाई का प्रयोग बच्चे को नुकसान तो नहीं दे रहा है.
अगर आप एलोपैथी की बात करते हैं तो एक प्रकार की एलर्जी को दूर करने के लिए कई प्रकार के साल्ट के साथ दवाइयां उपलब्ध होती हैं. बहुत सारे साल्ट प्रेगनेंसी के दौरान नाममात्र को खतरा पैदा करते हैं, और कुछ साल्ट प्रेगनेंसी में काफी ज्यादा नुकसानदायक होते हैं.
इसलिए प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की एलर्जी से संबंधित दवाई लेने से पहले आपको अपने डॉक्टर से उस दवाई को लेकर चर्चा जरूर करनी चाहिए.
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क्या जुखाम एलर्जी का एक प्रकार है
जुखाम मुख्यतः एलर्जी का ही एक रूप माना जाता है ऐसे में बहुत सारे नेजल स्प्रे प्रेगनेंसी में लेने में कोई नुकसान नहीं होता है और कुछ नेजल स्प्रे प्रेगनेंसी के नजरिए से ठीक नहीं होते हैं.
इनके विषय में यहां पर चर्चा करना उचित नहीं है इसकी सलाह अगर आप अपने डॉक्टर से ले तो ज्यादा अच्छा है.
अक्सर मौसम बदलने के साथ महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान
- आंखों में पानी आना
- नाक में जलन
- नाक बंद रहना
- श्वास नली में सूजन
- इन सब वजहों से नींद का नहीं आना
- उसके बाद सिर में भारीपन
- आंखों में भारीपन
यह सब समस्याएं नजर आने लगती हैं और बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है. एक तरह से यह सब समस्याएं ठंड की समस्या मानी जाती हैं, और इनका इलाज गर्म तासीर खाद्य पदार्थों द्वारा किया जाता है, जोकि प्रेगनेंसी के लिए नुकसानदायक है.
क्योंकि प्रेगनेंसी में ठंडी तासीर भोजन को खाने की सलाह दी जाती है.
इसलिए आपको काफी सोच समझकर और चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही दवाइयों का प्रयोग करना चाहिए. हालांकि आप सावधानी के तहत ऐसी स्थिति नहीं आने दे कि आपको यह समस्या हो यही सबसे उचित रहता है.
एलर्जी का देसी इलाज
- इसके लिए आपको अपने आप को हाइड्रेट रखना है.
- खिड़की दरवाजों को खुला रखने के बजाय अपने घर में एयर कंडीशनिंग का उपयोग करें. आजकल ऐसी हवा की अशुद्धि को भी दूर करने में मदद करते हैं.
- एकदम से किसी ऐसे व्यक्ति से मुलाकात नहीं करें, जो घर के बाहर से आ रहा हो.
- अगर आप घर के बाहर से आ रही है, तो आपको तुरंत आने के बाद कपड़े बदलने चाहिए.
- अगर आपको लगता है कि आप एलर्जी के संपर्क में आ चुके हैं, आपको लक्षण हल्के हल्के नजर आने लगते हैं, तो तुरंत डॉक्टरी सहायता लेने की कोशिश करें ताकि आपके लक्षण नहीं बढ़े.