डिलीवरी के बाद पेट दर्द के कारण | Back pain after delivery

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प्रसव के बाद पीठ में दर्द , अक्सर प्रसव के बाद महिलाओं की कमर में दर्द की समस्या बनी रहती है. तो आज हम चर्चा करेंगे

डिलीवरी के बाद पेट दर्द के कारण | Back pain after delivery

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क्या पीठ में दर्द होना सामान्य बात है

प्रसव की क्रिया अपने आप में काफी बड़ी प्रक्रिया होती है. इस दौरान महिलाओं की पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है, और यह दर्द प्रसव के बाद होना सामान्य माना जाता है.

अक्सर प्रसव के तुरंत बाद महिलाओं को पीठ दर्द की समस्या होती है, और यह पीठ का दर्द लगभग 2 दिन के बाद अपने आप काफी हद तक कम हो जाता है. और अगले कुछ दिनों तक यह दर्द बना रह सकता है, और धीरे-धीरे निकल जाता है.

लेकिन कुछ विशेष कारणों से या विशेष अवस्थाओं में यह दर्द कुछ महिलाओं को डेढ़ साल से लेकर 2 साल तक बना रह सकता है.

एक रिसर्च के सामने कुछ अलग प्रकार के आंकड़े सामने आए हैं इसके अनुसार लगभग 19% महिलाओं को डिलीवरी के बाद कमर और पीठ दोनों में दर्द दोबारा से हो सकता है. वहीं 65% महिलाओं को पीठ में दर्द अक्सर उठता रहता है और 15 से 16% महिलाओं को यह दर्द लगाता रहता है.

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डिलीवरी के बाद कमर दर्द कब तक रहता है

ऐसा कुछ भी निश्चित नहीं है कि यह दर्द एक निश्चित समय के लिए ही होता है. यह
महिला के शरीर पर, महिला के लाइफस्टाइल पर और महिला के भोजन पर काफी हद तक निर्भर करता है. साथ ही महिला के इम्यून सिस्टम पर भी निर्भर करता है.

अधिकतर महिलाओं में अगर कमर दर्द की समस्या है, तो यह लगभग 4 महीने तक धीरे-धीरे अपने आप समाप्त हो जाता है. लेकिन कुछ महिलाओं में यह 2 साल तक रह सकता है. इस से जल्दी छुटकारा पाने के लिए आपको अपनी डाइट में पौष्टिक आहार को शामिल करना होगा. एक्सरसाइज करनी होंगी और अपने बॉडी मास इंडेक्स को भी दुरुस्त करना होगा.

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गर्भावस्था के बाद कमर या पीठ दर्द के कारण

प्रेगनेंसी के बाद कमर में दर्द होने के कई सारे कारण हो सकते हैं इनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से कमर दर्द हो सकता है. –

अगर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान ही पीठ दर्द की समस्या लगातार बनी रहती है, तो यह काफी ज्यादा चांस रहते हैं कि उसे डिलीवरी के बाद भी पीठ दर्द की समस्या हो सकती है.

गर्भावस्था के दौरान गर्भ को संभालने के लिए काफी सारे परिवर्तन महिला के शरीर में होते हैं. काफी सारे हार्मोन बनते हैं और काफी कुछ शरीर में चेंज जाते हैं. इन चेंज जिसके कारण भी महिला के शरीर में प्रसव के बाद पीठ दर्द की समस्या हो सकती है.

 

बोन डेंसिटी का कम होना

इसका अर्थ है कि महिला की हड्डियों का थोड़ा सा कमजोर हो जाना. यह भी पीठ दर्द की समस्या का कारण हो सकता है. होता क्या है कि अगर महिला के आहार में कैल्शियम की मात्रा कम होती है तो बच्चे के विकास के लिए महिलाओं की हड्डी से कैल्शियम जाना शुरू हो जाता है. जिसके कारण महिला की हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं कमजोर होने की वजह से यह पीठ दर्द गर्भावस्था के दौरान भी बना रह सकता है और गर्भावस्था के बाद भी काफी लंबे समय तक रह सकता है. जब तक कि महिला की हड्डियां दोबारा से सही डेंसिटी में ना आ जाए मजबूत ना हो जाए.

महिला को प्रेगनेंसी के बाद लगभग 40 दिन तक काफी आराम करने की आवश्यकता होती है और साथ ही साथ ठंडी चीजों से दूर रहने की आवश्यकता होती है उसे अपने भोजन में गर्म चीजों का ही सेवन करना चाहिए. अगर महिला सही ढंग से परहेज नहीं कर पाती है तो शरीर में काफी नुकसान होता है. इस वजह से भी कभी-कभी पीठ दर्द की समस्या आ सकती है.

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साथ ही साथ अगर महिला कुछ ही दिन में दोबारा से सामान्य जिंदगी में लौट जाती है और जितने आराम की आवश्यकता होती है उतना आराम अपने शरीर को नहीं देती है, उतना आराम नहीं करती है तब भी कमर दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

प्रेगनेंसी के दौरान महिला का वजन काफी बढ़ जाता है अगर महिलाएं इस भजन के लिए कार्य नहीं करती है वजन अधिक ही रह जाता है तो भी यह पीठ दर्द की समस्या का कारण हो सकता है.
अगर प्रसव के बाद महिला बुक कर भारी चीजें उठाना शुरू कर देती है तो यह दर्द होने लगता है.

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