पहले 3 माह में गर्भपात होने के मुख्य कारण - Miscarriage ke Karan Part 2
महिलाओं के लिए मां बनना इस दुनिया में सबसे स्पेशल खुशियों में से एक खुशी होती है मां बनने के साथ ही महिला को संपूर्ण भी माना जाता है, इसलिए महिला का मां बनना कितना जरूरी और प्रेगनेंसी का समय कितना क्रिटिकल होता है इस बात को समझा जा सकता है ऐसे में कई बार कई महिलाओ को शुरूआती महीनो में खून का थक्का लग जाता हैं, बच्चा खराब हो जाता हैं. बच्चे के ख़राब होने के कई कारण हो सकते हैं. क्योंकि प्रेगनेंसी के शुरूआती महीने किसी भी महिला के लिए बहुत खास होते हैं. ऐसे में जरुरी होता हैं की महिलाएं आपन पूरा ध्यान रखें,
इन्हें भी पढ़ें : पहले 3 माह में मिसकैरेज होने के कुछ मुख्य कारण पार्ट -1
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शुरुआती 3 महीनों में मिसकैरेज के कुछ लक्षण हमने आपको अपने इससे पहले POST में बताए थे, उसका लिंक आपको मिल जाएगा आप उसे भी जरूर देखें और कुछ लक्षण हम आपको इस POST के माध्यम से बताने वाले हैं कि मिसकैरेज क्यों हो जाता है, कुछ टेक्निकल और कुछ सामान्य लक्षणों पर चर्चा करेंगे, अगर आपको यह पता होंगे तो आप सावधानी रखेंगे इस स्थिति से बच सकते हैं इसी उम्मीद के साथ दोस्तों article शुरू करते हैं.
जैसे कि हमने चर्चा की थी की खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से मिसकैरेज होता है साथ ही साथ जेनेटिक कारणों से भी यह समस्या आती है इसे थोड़ा सा समझ लेते हैं फिर लक्षणों पर चर्चा करेंगे ---
हम सभी के शरीर में पाई जाने वाली कोशिकाओं में कुछ गुणसूत्र होते हैं, जिनमें जीन होतें हैं. हर कोशिका में 23 गुणसूत्रों के जोड़े होते हैं, इनकी कुल संख्या 46 होती है. प्रजनन की प्रकिया के दौरान जब शुक्राणु , अण्डों से मिलते हैं तब दो तरह के गुणसूत्र आपस में मिलतें हैं. जब भी इनकी संख्या सामान्य से ज्यादा या कम रह जाती है तब गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है और इसका समय रहते उपचार नहीं किया जाए तो प्रसव के समय या उससे पहले गर्भपात होने की संभावना होती है.
इन्हें भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी के समय महिला का कमरा कैसा हो जानिए - 7 #2
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मिसकैरेज के लक्षण Miscarriage ke Lakshan
वजन कम होना: जहां एक तरफ प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में वजन बढ़ने लगता है, वहीं अगर वजन घटने लगे तो गर्भपात का लक्षण माना जाएगा.
पीठ दर्द : प्रेगनेंसी में पीठ दर्द कई कारणों से हो सकता है, लेकिन अगर पीठ दर्द की समस्या है तो इसे हल्के मंन नहीं लेना चाहिए, डॉक्टर से मिले . पीठ दर्द मिसकैरेज के लक्षण में भी आता है
यह इशारा कर सकता है कि गर्भाशय में थक्के हैं जो शरीर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं और इसलिए या किसी आंतरिक संक्रमण के कारण यह दर्द हो सकता है.
स्तनों में ढीलापन : अगर महिला के स्तनों में प्रेगनेंसी के दौरान ढीलापन आने लगे तो यह भी मिसकैरेज की तरफ इशारा करता है.
खून का थक्का : अगर महिला को खून का थक्का निकलता है तो यह मिसकैरेज की वजह से भी हो सकता है, तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करने की आवश्यकता है.
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पेट दर्द : अगर 5 मिनट से लेकर 20 मिनट के अंतराल में पेट में मरोड़े वाला दर्द उठता है तो यह एक सीरियस बात है इसे हल्के में ना लें, डॉक्टर से मिले.
गर्भावस्था के लक्षणों में कमी : घर परिवार की सभी महिलाएं जानती है कि गर्भावस्था के क्या क्या लक्षण होते हैं अगर उन लक्ष्यों में कमी आने लगे तो इसे इग्नोर ना करें, गर्भपात का मामला हो सकता है.
बच्चे के दिल की धड़कनों का रुक जाना: प्रेग्नेंसी के छठे सप्ताह में अल्ट्रा साउंड के दौरान बच्चे के दिल की * धड़कन न मिलना भी गर्भपात का संकेत है.
बुखार : प्रेगनेंसी में बुखार आना खतरे का संकेत नहीं है लेकिन अगर पीठ दर्द के साथ बुखार आता है और पेरासिटामोल से भी ठीक नहीं होता है लगाकर बना रहता है तो यह खतरे के बात है, शरीर में किसी प्रकार का इन्फेक्शन चल रहा है जो प्रेगनेंसी को नुकसान दे सकता है.
उतक,द्रव या बलगम निकलना: प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार जब योनि के माध्यम से खून के साथ-साथ बलगम, उत्तक या द्रव आने लगे तो यह भी एक गंभीर लक्षण है यह गर्भपात कि ओर संकेत करता है. इसके साथ ही खून में सफ़ेद और गुलाबी रंग के थक्के आने लगते है, जो किसी भी प्रेग्नेंट महिला के लिए सही नहीं है.
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ब्लडिंग : गर्भवती महिलाओं को ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए अगर ब्लीडिंग हो रही है तो यह गर्भपात का एक संकेत है, लेकिन ब्लडिंग किसी दूसरे कारणों से भी हो सकती है, इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
सफेद और गुलाबी रंग का डिसचार्ज, वजन में गिरावट, ब्रेस्ट का कड़ा होना, मतली आना आदि संकेतो से आसानी से पता चल सकता है कि मिसकैरेज होने वाला है.
भ्रूण की हार्टबीट और मूवमेंट में कमी आना भी मिसकैरेज का साफ और सीधा संकेत होता है.
गर्भपात होने की स्थिति में महिला के शरीर के हार्मोन्स का स्तर कम होने लगता हैं. ऐसे में महिला को अधिक कमजोरी महसूस होती हैं.
ज्यादातर मिसकैरेज लगभग (80%) असामान्य क्रोमोसोम की वजह से होते हैं. इसका यह मतलब नहीं हैं कि यह समस्या जेनटिक होती है. यह मिसकैरेज तुरंत ही नहीं होता बल्कि कई हफ्तों के बाद होता है, जब भ्रण की मृत्यु हो जाती है. मां की सेहत भी तुरंत मिसकैरेज होने का एक कारण होता है. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी समस्या यूट्रस में असामान्यता होना मिसकैरेज के लक्षण होते हैं.
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क्या करें- जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी डॉक्टर के पास जाएं. अपना टेस्ट करवाएं और डॉक्टर की दी हुई सारी सलाह को माने.
कोई भी महिला अपने ओवुलेशन टाइम में गर्भवती होती है. इसलिए महिला को अपना ओवुलेशन टाइम पता होना चाहिए. ओवुलेशन टाइम का पता लगाने के लिए मार्केट में kit उपलब्ध है, जिसे प्रयोग करके महिला अपना ओवुलेशन टाइम पता लगा सकती है. किट के बारे में अधिक जानकारी के लिए Amazon लिंक को क्लिक करें.
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शुरुआती 3 महीनों में मिसकैरेज के कुछ लक्षण हमने आपको अपने इससे पहले POST में बताए थे, उसका लिंक आपको मिल जाएगा आप उसे भी जरूर देखें और कुछ लक्षण हम आपको इस POST के माध्यम से बताने वाले हैं कि मिसकैरेज क्यों हो जाता है, कुछ टेक्निकल और कुछ सामान्य लक्षणों पर चर्चा करेंगे, अगर आपको यह पता होंगे तो आप सावधानी रखेंगे इस स्थिति से बच सकते हैं इसी उम्मीद के साथ दोस्तों article शुरू करते हैं.
जैसे कि हमने चर्चा की थी की खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से मिसकैरेज होता है साथ ही साथ जेनेटिक कारणों से भी यह समस्या आती है इसे थोड़ा सा समझ लेते हैं फिर लक्षणों पर चर्चा करेंगे ---
हम सभी के शरीर में पाई जाने वाली कोशिकाओं में कुछ गुणसूत्र होते हैं, जिनमें जीन होतें हैं. हर कोशिका में 23 गुणसूत्रों के जोड़े होते हैं, इनकी कुल संख्या 46 होती है. प्रजनन की प्रकिया के दौरान जब शुक्राणु , अण्डों से मिलते हैं तब दो तरह के गुणसूत्र आपस में मिलतें हैं. जब भी इनकी संख्या सामान्य से ज्यादा या कम रह जाती है तब गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है और इसका समय रहते उपचार नहीं किया जाए तो प्रसव के समय या उससे पहले गर्भपात होने की संभावना होती है.
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वजन कम होना: जहां एक तरफ प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में वजन बढ़ने लगता है, वहीं अगर वजन घटने लगे तो गर्भपात का लक्षण माना जाएगा.
पीठ दर्द : प्रेगनेंसी में पीठ दर्द कई कारणों से हो सकता है, लेकिन अगर पीठ दर्द की समस्या है तो इसे हल्के मंन नहीं लेना चाहिए, डॉक्टर से मिले . पीठ दर्द मिसकैरेज के लक्षण में भी आता है
यह इशारा कर सकता है कि गर्भाशय में थक्के हैं जो शरीर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं और इसलिए या किसी आंतरिक संक्रमण के कारण यह दर्द हो सकता है.
स्तनों में ढीलापन : अगर महिला के स्तनों में प्रेगनेंसी के दौरान ढीलापन आने लगे तो यह भी मिसकैरेज की तरफ इशारा करता है.
खून का थक्का : अगर महिला को खून का थक्का निकलता है तो यह मिसकैरेज की वजह से भी हो सकता है, तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करने की आवश्यकता है.
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में नींद पर्याप्त सोना क्यों जरूरी है
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पेट दर्द : अगर 5 मिनट से लेकर 20 मिनट के अंतराल में पेट में मरोड़े वाला दर्द उठता है तो यह एक सीरियस बात है इसे हल्के में ना लें, डॉक्टर से मिले.
गर्भावस्था के लक्षणों में कमी : घर परिवार की सभी महिलाएं जानती है कि गर्भावस्था के क्या क्या लक्षण होते हैं अगर उन लक्ष्यों में कमी आने लगे तो इसे इग्नोर ना करें, गर्भपात का मामला हो सकता है.
बच्चे के दिल की धड़कनों का रुक जाना: प्रेग्नेंसी के छठे सप्ताह में अल्ट्रा साउंड के दौरान बच्चे के दिल की * धड़कन न मिलना भी गर्भपात का संकेत है.
बुखार : प्रेगनेंसी में बुखार आना खतरे का संकेत नहीं है लेकिन अगर पीठ दर्द के साथ बुखार आता है और पेरासिटामोल से भी ठीक नहीं होता है लगाकर बना रहता है तो यह खतरे के बात है, शरीर में किसी प्रकार का इन्फेक्शन चल रहा है जो प्रेगनेंसी को नुकसान दे सकता है.
उतक,द्रव या बलगम निकलना: प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार जब योनि के माध्यम से खून के साथ-साथ बलगम, उत्तक या द्रव आने लगे तो यह भी एक गंभीर लक्षण है यह गर्भपात कि ओर संकेत करता है. इसके साथ ही खून में सफ़ेद और गुलाबी रंग के थक्के आने लगते है, जो किसी भी प्रेग्नेंट महिला के लिए सही नहीं है.
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ब्लडिंग : गर्भवती महिलाओं को ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए अगर ब्लीडिंग हो रही है तो यह गर्भपात का एक संकेत है, लेकिन ब्लडिंग किसी दूसरे कारणों से भी हो सकती है, इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
सफेद और गुलाबी रंग का डिसचार्ज, वजन में गिरावट, ब्रेस्ट का कड़ा होना, मतली आना आदि संकेतो से आसानी से पता चल सकता है कि मिसकैरेज होने वाला है.
भ्रूण की हार्टबीट और मूवमेंट में कमी आना भी मिसकैरेज का साफ और सीधा संकेत होता है.
गर्भपात होने की स्थिति में महिला के शरीर के हार्मोन्स का स्तर कम होने लगता हैं. ऐसे में महिला को अधिक कमजोरी महसूस होती हैं.
ज्यादातर मिसकैरेज लगभग (80%) असामान्य क्रोमोसोम की वजह से होते हैं. इसका यह मतलब नहीं हैं कि यह समस्या जेनटिक होती है. यह मिसकैरेज तुरंत ही नहीं होता बल्कि कई हफ्तों के बाद होता है, जब भ्रण की मृत्यु हो जाती है. मां की सेहत भी तुरंत मिसकैरेज होने का एक कारण होता है. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी समस्या यूट्रस में असामान्यता होना मिसकैरेज के लक्षण होते हैं.
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क्या करें- जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी डॉक्टर के पास जाएं. अपना टेस्ट करवाएं और डॉक्टर की दी हुई सारी सलाह को माने.
कोई भी महिला अपने ओवुलेशन टाइम में गर्भवती होती है. इसलिए महिला को अपना ओवुलेशन टाइम पता होना चाहिए. ओवुलेशन टाइम का पता लगाने के लिए मार्केट में kit उपलब्ध है, जिसे प्रयोग करके महिला अपना ओवुलेशन टाइम पता लगा सकती है. किट के बारे में अधिक जानकारी के लिए Amazon लिंक को क्लिक करें.
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