प्रेगनेंसी में पेट टाइट होना एक आम समस्या है अक्सर महिलाओं को प्रेगनेंसी होने के बाद प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने की शिकायत होने लगती है.
प्रेगनेंसी में पेट टाइट होना एक आम समस्या है. अक्सर महिलाओं को प्रेगनेंसी होने के बाद प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने की शिकायत होने लगती है. हम बात करेंगे…..
प्रेगनेंसी में पेट टाइट होना क्या होता है, प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के क्या कारण है, प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने पर क्या करें.
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जैसे ही महिला को प्रेगनेंसी होती है, वैसे ही महिला के शरीर में प्रेगनेंसी हार्मोन की बड़ी मात्रा में बनना शुरू हो जाते हैं. हारमोंस हमारे शरीर के की हर एक गतिविधि को कंट्रोल करने का कार्य करते हैं.
जैसे ही प्रेगनेंसी होती है वैसे ही बड़ी मात्रा में जब हारमोंस बनते हैं तो शरीर प्रेग्नेंसी के लिए तैयारी शुरू कर देता है. शरीर में बड़ी मात्रा में बदलाव होते हैं. कुछ हार्मोन ऐसे होते हैं जिनके साइड इफेक्ट के रूप में पेट टाइट होने की समस्या नजर आने लगती है.
प्रेगनेंसी में पेट टाइट होना क्या होता है
पेट टाइट होना एक पेट खराब होने की समस्या के रूप में देखा जाता है जब पेट में गैस की समस्या हो जाती है तो वे टाइट हो जाता है और शरीर असहज महसूस करना शुरू कर देता है. यह एक प्रकार से कब्ज की समस्या मानी जा सकती है.
अक्सर हम जब अपने पेट को दबाते हैं, तो वह आराम से दब जाता है, और मुलायम रहता है. लेकिन जब पेट को दबाने पर वह सख्त महसूस देता है, तो इसे पेट टाइट होने की समस्या माना जाता है. यह मुख्यतः अपच और पेट में गैस बनने की वजह से होता है.
प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के क्या कारण है
प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने का कारण भोजन का सही तरीके से नहीं पचना होता है. यह स्पष्ट है कि प्रेगनेंसी के दौरान महिला की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है लेकिन कुछ महिलाओं में यह समस्या काफी अधिक देखने में आती है कुछ महिलाओं को एसिडिटी की समस्या अधिक बनती है, तो कुछ महिलाओं को गैस की समस्या नजर आने लगती है. इस वजह से पेट टाइट रहता है.
पाचन मांसपेशियों का मुलायम होना
कुछ प्रेगनेंसी हारमोंस गर्भाशय की मांसपेशियों को मुलायम रखने का कार्य करते हैं, ताकि गर्भ के अंदर गर्भस्थ शिशु को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो.
लेकिन यह हारमोंस ब्लड के माध्यम से शरीर के सभी हिस्सों में पहुंच जाते हैं. शरीर की सभी मांसपेशियों को मुलायम कर देते हैं.
अगर हमारे पेट की मांसपेशियां मुलायम हो जाएंगे तो वह घर्षण से भोजन को आसानी से बचाने में समर्थ नहीं हो पाती है. पेट में बिना पचा भोजन सड़ने लगता है. गैस उत्पन्न होने लगती है. जिसकी वजह से पेट टाइट होने की समस्या नजर आती है.
अगर महिला को अपच की समस्या है गैस की समस्या है एसिडिटी की समस्या है या कब्ज की समस्या है तो यह समस्या पूरी प्रेगनेंसी के दौरान रह सकती है इसलिए महिला को अपने भोजन का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है.
मल्टीविटामिन(s)
शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है उसकी पूर्ति के लिए आप मल्टीविटामिंस का प्रयोग कर सकते हैं. यह महिलाओं की ऊर्जा फ्लैक्सिबिलिटी और मजबूती को वापस लाएगा.
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गर्भाशय का विकास
जैसे-जैसे शिशु का विकास होता है. वैसे वैसे गरबा से फैलता है, और बढ़ता है. इस वजह से भी कभी-कभी पेट टाइट होने की समस्या नजर आती है.
पेशाब रोककर रखना
कभी-कभी महिलाओं के साथ इस प्रकार की परिस्थिति होती है कि उन्हें लंबे समय तक पेशाब को रोककर रखना पड़ता है इस वजह से भी प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने की समस्या नजर आती है.
क्या प्रेगनेंसी में पेट टाइट होना गर्भपात का लक्षण है
गर्भपात के समय भी पेट टाइट होने का लक्षण महिलाओं को नजर आता है.
अगर प्रेगनेंसी के दौरान महिला को पेट टाइट होने की समस्या साथ ही साथ ऐठन की समस्या भी नजर आ रही है, या दोनों में से कोई एक समस्या नजर आ रही है, तो महिला को तुरंत एक बार मात्र सावधानी के उद्देश्य से डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए.
गर्भपात के और भी दूसरे लक्षण होते हैं जैसे कि —-
पीठ के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन, ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना, पेट में जकड़न, योनि से तरल का निकलना इत्यादि.
प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने पर क्या करें
अगर गर्भवती स्त्री को पेट टाइट होने की समस्या प्रेगनेंसी हारमोंस के कारण हो रही है तो हम बताना चाहेंगे कि यह समस्या महिलाओं को पूरी प्रेगनेंसी के दौरान रह सकती हैं इसलिए महिला को अपनी लाइफ स्टाइल अपने भोजन के प्रकार के माध्यम से ही इस समस्या को कम करना होगा.
- महिला को अधिक सुपाच्य भोज्य पदार्थों का प्रयोग अपने भोजन में करना चाहिए. जैसे कि लौकी, तोरी और दूसरे प्रकार की मौसमी सब्जियां. इस प्रकार के भोजन को पचाने में कम मेहनत खर्च होती है. गैस की समस्या नहीं होगी. पेट टाइट होने से बचेगा.
- महिला को जितना हो सके उतना अधिक पानी अपने भोजन में शामिल करना चाहिए.
- महिला को गरिष्ठ भोजन पदार्थ जैसे कि राजमा चना उड़द और दूसरे प्रकार के गरिष्ठ भोज्य पदार्थ कभी भी रात के समय अपने भोजन में नहीं लेने चाहिए.
- प्रेगनेंसी में वात को बढ़ाने वाले भोजन से बचें जैसे की मूली, गोभी और भी दूसरे खाद्य पदार्थ है. आयुर्वेदाचार्य से इस संबंध में चर्चा करें.
- आयुर्वेद के अनुसार जैसे जैसे रात्रि बढ़ती जाती है वैसे वैसे शरीर की जठराग्नि कमजोर होती जाती है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वह रात्रि का भोजन जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी शाम के समय कर ले.
- प्रेगनेंसी में किए जाने वाले व्यायाम और योगा को अपने जीवन चर्या में शामिल करें.
- अपनी मांसपेशियों में खिंचाव नहीं आने दे. आराम से उठे, आराम से बैठे, आराम से चले
- एक ही पोजीशन में लंबे समय तक नहीं रहे.
- मांसपेशियों की मालिश इस समस्या का एक बेहतरीन ऑप्शन है.
- मिर्च मसालेदार भोजन, स्ट्रीट फूड, फास्ट फूड से दूरी बनाकर रखें.
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी में पेट टाइट होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं. इसलिए किसी भी छोटी से छोटी समस्या को प्रेगनेंसी के दौरान हल्के में नहीं लेना चाहिए.
अगर समस्या आपको समझ में नहीं आ रही है तो तुरंत डॉक्टर से संबंधित सलाह करनी चाहिए. छोटी-छोटी परेशानी किसी बड़ी समस्या के कारण कर सकती है.