जब एक बच्चा दुनिया में आता है तो और सबसे पहला भोजन उसका उसकी माता का पहला दूध ही होता है, और लगभग 4 महीने तक बच्चा बहुत तेज गति से विकास करता है.
उस दौरान उसे जितने भी पोषक तत्व की आवश्यकता होती है, और जितनी मात्रा में आवश्यकता होती है, वह उसे उसकी माता के दूध से ही प्राप्त होते रहते हैं.
बस आपको यह ध्यान रखना है, कि बच्चा भूखा ना रहे. और पर्याप्त मात्रा में माता का दूध पीता रहे.
कुछ ऐसे पोषक तत्व, न्यूट्रिशन बच्चे के शरीर में माता के शरीर से आते हैं, जो लगभग 4 महीने तक बच्चे के लिए पर्याप्त होते हैं. उसके बाद वह उसे पोषाहार से मिलना शुरू होते हैं.
अब आपका शिशु 4 महीने पूरे कर चुका है. पांचवे महीने में चल रहा है. ऐसे में उसे आपको धीरे-धीरे पोषाहार देने की आवश्यकता होती है.
अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार के भोजन का प्रचलन देश के अंदर है. ऐसे में हर क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार के भोजन बच्चे के लिए दिए जाते हैं. कुछ ऐसे ही fruits के बारे में हम आपसे यहां पर चर्चा कर रहे हैं कि कौन से फल बच्चे को 4 महीने के बाद आपको देने शुरू करने हैं और कैसे दें.
जब आप अपने शिशु को पहली बार पोषाहार दे रहे हैं तो आप उसे माता के दूध में मिलाकर दे सकते हैं. क्योंकि बच्चे के भोजन में एकदम से परिवर्तन नहीं करना होता है.
सबसे पहले आप माता के दूध में थोड़ा सा पानी मिलाकर बच्चे को पिलाएं. साथ ही साथ आप चावल का उतरा हुआ पानी जिसे उत्तर भारत में मांड कहा जाता है. वह बच्चे को एक चम्मच खिला सकते हैं.
साथ ही साथ दाल का पतला पतला पानी भी आप बच्चे को देना शुरू करें. जब बच्चा थोड़ा थोड़ा पोषाहार लेना शुरू कर दे तो आप उसके बाद उसे फल इत्यादि का सेवन करा सकते हैं.
जब बच्चे को एक या दो हफ्ते पोषाहार लेते हुए हो जाए जैसे कि आपने शुरू शुरू में चावल का पानी (मांड), दाल का पानी देना शुरू किया है. तो दो-चार दिन बाद या 5 दिन बाद चावल के और दाल के 5-6 दाने मसल कर बच्चे को देना शुरू करें. यह आपको चावल और दाल के पानी में ही देने हैं.
अब बच्चे ने थोड़ा-थोड़ा खाना शुरू कर दिया है तो आप अगर गर्मियों का मौसम है तो अब बच्चे को थोड़ा थोड़ा दही देना भी शुरू करें and बच्चों को फल देना शुरू कर सकते हैं.
आइए चर्चा करते हैं कौन कौन से फल देने हैं
चुकंदर
चुकंदर
यह एक मौसमी फल है आप चुकंदर को उबालकर और उसे मसल कर बच्चे को खिला सकते हैं चुकंदर में फोलिक एसिड होता है जो बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए काफी फायदेमंद है और चुकंदर को बच्चे आराम से खा भी लेते हैं.
सेब
सेब
यह एक खट्टा मीठा स्वादिष्ट फल होता है बच्चों को इसका स्वाद पसंद आ सकता है हालांकि बच्चों की स्वाद ग्रंथियां अभी भी इतनी मजबूत नहीं होती है, लेकिन बच्चे इसे बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं. आप दही में मिलाकर सेब बच्चों को दे सकते हैं अगर सर्दियों का मौसम है तो केवल सेब ही दें.
नाशपाती
नाशपाती
बच्चों को शुरुआती समय में नाशपाती भी दी जा सकती है. यह बच्चों के पाचन को मजबूत करती है. नाशपाती में प्रचुर मात्रा में फास्फोरस कैल्शियम होता है. जो बच्चे की हड्डियों को मजबूत करने का कार्य करता है. नाशपाती का छिलका उतारकर ही खिलाएं, और उसके बीजों को भी जरूर निकालें और मसलकर खिलाएं.
दही
दही
7 से 8 महीने के बच्चे को दही खिला सकते हैं. दही बहुत नरम होती है इसलिए शुरुआती ठोस आहार के रूप में दही खिला सकते हैं. ये कैल्शियम का अच्छा स्रोत होता है और इससे शिशु का पाचन भी दुरुस्त रहता है.
केला और शकरकंद
केला और शकरकंद
यह दोनों के दोनों सुपरफूड माने जाते हैं बच्चों को शुरुआती समय में अकेला और शकरकंद खिलाया जा सकता है केले को मसल कर बच्चे को खिलाना चाहिए और शकरकंद को उबाल लेने पर उसके बाद उसे मसल कर बच्चे को खिलाना चाहिए यह अधिकतर पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं