एसिडिटी और छाती की जलन अर्थात हार्टबर्न में क्या अंतर है | What is the difference between acidity and heartburn

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आज हम कुछ बातों पर चर्चा करेंगे जैसे कि
एसिडिटी और छाती की जलन अर्थात हार्टबर्न में क्या अंतर है
जलन से राहत के लिए अपनी लाइफ स्टाइल में क्या परिवर्तन करें जिससे आराम मिले

एसिडिटी और छाती की जलन अर्थात हार्टबर्न में क्या अंतर है | What is the difference between acidity and heartburn
 

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एसिडिटी और छाती की जलन अर्थात हार्टबर्न में क्या अंतर है

नॉर्मल भाषा में देखा जाए तो एसिडिटी और हार्टबर्न किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए एक ही चीज होती है.  चिकित्सीय भाषा में इन्हें अलग-अलग परिभाषित किया जाता है.

जब भोजन नलिका में या पेट में  कहीं भी जलन महसूस होती है, तो इस एसिडिटी कह देते हैं. ऐसी स्थिति तब होती है जब हमारा पेट भोजन को पचाने के लिए जरूरत से ज्यादा एसिड का उत्पादन शुरू कर देता है.  इससे पेट में या ठीक ऊपर भोजन नलिका में जलन महसूस होती है. इसमें कई बार दर्द भी महसूस हो सकता है.

हार्टबर्न की अनुभूति आमतौर पर हमारे गले के निचले हिस्से तक रहती है. ऐसा तब होता है जब एसिड ऊपर भोजन नलिका तक पहुंच जाता है. यह कभी-कभी गले या मुंह तक भी आ जाता है. एसिडिटी और हार्टबर्न को मेडिकल साइंस में अलग-अलग माना जाता है. लेकिन एक व्यक्ति के लिए जो कि डॉक्टर नहीं है दोनों में लगभग एक ही जैसी स्थिति महसूस होती है.

 

कैसे कंट्रोल करें

हार्टबर्न या एसिडिटी की स्थिति को कंट्रोल करने के बहुत सारे तरीके होते हैं, लेकिन प्रेगनेंसी में सभी तरीके नहीं अपनाए जा सकते हैं. हमें खासकर अपनी लाइफ स्टाइल में इस प्रकार के परिवर्तन करने चाहिए, जिससे कि यह समस्या कम हो जाए. हमें मेडिसिन का प्रयोग करने से बचना चाहिए.

हमें पेट में गड़बड़ी या दिक्कत पैदा करने वाले भोज्य पदार्थों से दूर रहना है. हमें ऐसे भोज्य पदार्थों को सेलेक्ट करना है,  जिन्हें पचा पाना आसान होता है. इससे एसिडिटी की स्थिति कम ही बनती है. जिन भोजन से बचना है उनमें है जैसे कि पैकेट वाली सॉस, बाजारी खाद्य पदार्थ , मसालेदार, तला हुआ भोजन न प्रसंस्कृत भोजन (Processed food), पुदीना, सिरका, टमाटर, सरसों, बाजारी  जूस, शराब ,कैफीन चॉकलेट, सोडा  युक्त पेय पदार्थ इन सब से बचें.

पाचन तंत्र कमजोर होता है, इसलिए थोड़ा-थोड़ा खाएं आप दिन में कई बार खा सकती हैं, और आप को चबा चबा कर खाना है, ताकि पचने में आसानी हो. आप हर 3 घंटे बाद भोजन करें.

आप जब भी पानी पिए या तो भोजन करने से पहले पानी पिए या फिर भोजन करने के 40 मिनट के बाद ही पानी पीएं, अगर आप सूखा भजन भोजन खा रही है, तो थोड़ा पानी बीच में ले सकती है. यह डाइजेस्टिव जूस को हल्का कर देता है. जिससे खाना नहीं पचता है, और परेशानी होती हैं.

जब भी आप खाना खाते हैं तो आपके बैठने का तरीका काफी मायने रखता है आप झुककर नहीं बैठे एकदम सीधा बैठे हैं इससे जलन होने की संभावना कम रहती है.

आप जब भी सोए अपने पेट से ऊपर वाले हिस्से को थोड़ा ऊंचा करके सोए इससे ग्रेविटी का सहारा लगने से एसिटिक जूस ग्रास नलिका में नहीं आएंगे आपको आराम लगेगा.

खाना खाने के तुरंत बाद आपको बिस्तर पर नहीं लेटना है आप बैठे या फिर आप थोड़ा घूम भी सकती हैं इससे आपका भोजन पच जाएगा और आप 1 घंटे बाद आराम कर सकते हैं.

प्रेगनेंसी के दौरान आपको आरामदायक कपड़े पहनने हैं. आपको धूम्रपान का सेवन बिलकुल भी नहीं करना है.

आप यह छोटे-छोटे परिवर्तन अपने जीवन में लाइए देखेंगे कि आपको एसिडिटी समस्या या हार्टबर्न की समस्या में काफी आराम पड़ गया है.

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