साथ ही साथ उनके और भी दूसरे प्रश्न होते हैं. जैसे कि —
प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता/चलती है.
मैं गर्भवती क्यों नहीं हो पा रही हूं.
सब कुछ सही है लेकिन फिर भी एक प्रेगनेंसी नहीं हो रही है.
प्रेगनेंसी कैसे होती है.
और भी काफी सारे प्रश्न है. इनमें से कुछ प्रश्न तो अलग है, लेकिन कुछ प्रश्न आज के टॉपिक से मिलते जुलते हैं. अगर आप यह जान जाएंगे कि प्रेगनेंसी होने में कितना समय लगता है. तो काफी हद तक आपके ऊपर जो भी प्रश्न हैं. उनका समाधान मिल जाएगा.
क्योंकि यह प्रश्न मुख्यता तभी आते हैं, जब आपको, आपके समय अनुसार प्रेगनेंसी नहीं हो रही होती है.
बड़ी मिसअंडरस्टैंडिंग है कि दंपत्ति जिस महीने भी चाहे गर्भ ठहर सकता है,
प्रेगनेंसी को प्रभावित करने वाले तथ्य – Pregnancy ko effect karne wale Factor
लेकिन यह दोस्तों बिल्कुल सरासर गलत है. ऐसा नहीं होता है. इसको लेकर बहुत सारी रिसर्च की गई है. जिसके आधार पर बहुत ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.दोस्तों यह तो विदेशी धरती पर की गई रिसर्च है. जबकि हम भारतीय तो एक अशुद्ध वातावरण में रहते हैं.
वर्ल्ड के टॉप पोल्यूटेड पोलूशन शहरों में टॉप 10 शहर तो भारतीय
शहर ही है. आज के समय में हमारा भोजन भी विषाक्त
है. हमारे शरीर की क्षमता धीरे धीरे कम हो रही है, तो हम कह सकते हैं, कि भारतीय स्त्रियों
की क्षमता इस चीज से जरूर प्रभावित होती होगी.
नहीं है. हम जिस हवा में सांस ले रहे
हैं, वह हवा शुद्ध नहीं है.
हमारी
जीवन शैली जैसे कि हमारे शास्त्रों में बताई गई है, बिल्कुल उसके अनुसार नहीं हैं. तो क्या ऐसे में हमारे शरीर की क्षमता घटेगी
नहीं.
इन्हें भी पढ़ें : गर्भ में पुत्र प्राप्ति का उपाय – गाय का दूध
इन्हें भी पढ़ें : गर्भ में पुत्र प्राप्ति का वैज्ञानिक तरीका
इन्हें भी पढ़ें : ये पुत्र प्राप्ति का रामबाण उपाय माना जाता है – शिवलिंगी के बीज
इन्हें भी पढ़ें : आयुर्वेदिक नुस्खे से पुत्र प्राप्ति – शिवलिंगी के बीज और पुत्रजीवक बीज
इन्हें भी पढ़ें : 3 फलों की औषधि से पुत्र प्राप्ति का नुस्खा – इसे खाने से पुत्र की प्राप्ति हो जाती है
प्रजनन क्षमता भी कम हो जाती है क्योंकि शरीर में यही एक ऐसा कार्य है जिसमें बहुत
ज्यादा ऊर्जा और ताकत की आवश्यकता होती है तो इसमें शरीर की क्षमता बहुत मायने रखती
है.
दोस्तों मैंने लगभग 15 से 20
साल पहले एक रिपोर्ट पढ़ी थी. अमर उजाला पेपर में थी, कि पुरुषों की फर्टिलिटी कैपेसिटी (capacity of fertility in men) कम हो रही है. यह रिपोर्ट ऑस्ट्रेलिया से थी.
वहां इस पर रिसर्च की गई थी. ऑस्ट्रेलिया का वातावरण काफी हद तक भारतीय
वातावरण से अच्छा है, शुद्ध है. पापुलेशन बहुत कम है. आप सोचिए क्या यह कैपेसिटी भारतीय
पुरुषों में कम नहीं हुई होगी क्या.
फूड के कारण बांझपन – Fast Foods ke Karan infertility
भारत में आजकल फास्ट फूड का काफी
चलन हो गया है. हम आपको बता दें कि फास्ट फूड खाने वाली महिलाएं जल्दी से प्रेग्नेंट
नहीं हो पाती है. उनकी प्रेगनेंसी की कैपेसिटी कमजोर होने लगती है.
मैंने तो बड़े शहरों
में यहां तक देखा है, कि महिलाओं को प्रेगनेंसी कंसीव करने से पहले अपना ट्रीटमेंट कराना
पड़ता है, लेकिन यह बात प्रत्येक दंपत्ति पर लागू नहीं होती है.
हैं, और यह चेक करते हैं, कि अगर वह पहले महीने से कोशिश कर रहे हैं. तो कितने समय में
मतलब कितने महीने में महिला प्रेग्नेंट हो सकती है.
कम दंपत्ति ही बच्चे की कोशिश सफल कर पाते हैं. लगभग 15 से 20
हैं.
उनमें से 50-60 लगभग अगले 5 महीने तक अपनी कोशिश को सफल कर पाते हैं .
कोशिश सफल कर लेते हैं.
समय लग जाता है .
इन्हें भी पढ़ें : पुत्र प्राप्ति का आयुर्वेदिक नुस्खा (नींबू + दूध + देसी घी)
इन्हें भी पढ़ें : प्राचीन ऋषियों द्वारा पुत्री प्राप्ति के दिए गए पांच सूत्र
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में जेंडर प्रेडिक्शन की 6 फनी ट्रिक्स
इन्हें भी पढ़ें : पुपुत्र प्राप्ति का यह वैज्ञानिक तरीका 99% पुत्र देगा
संतान प्राप्ति के लिए क्या करें – Santan Prapti ke liye Kya Karen
हैं, या उन्हें क्षमता नहीं होती है. उनकी क्षमता भी ठीक होती है. और वह स्वस्थ भी होते
हैं. उसके बाद भी इतना समय लगता है. इस बात को आप समझिए अगर आप 2 – 4 महीने तक कोशिश करने
पर सफल नहीं हो पा रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप में किसी प्रकार की कमी है,
में रहते हैं, रिलेशन में रहते हैं , उनके यहां संतान जल्दी प्राप्त होती है.