इंट्राहेप्टिक कोलेस्टासिस ऑफ प्रेग्नेंसी (ICP) | Intrahepatic cholestasis of pregnancy
प्रेगनेंसी के दौरान आईसीपी एक गंभीर समस्या है इसकी वजह से काफी गंभीर खुजली होने की आशंका हो जाती है. यह समस्या गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में अक्सर लीवर ठीक से काम नहीं करता है इसकी वजह से होती है लीवर से निकलने वाला पित्त अर्थात पाचक रस का प्रभाव शरीर में सही तरह से नहीं होता है.
यह पाचक रस त्वचा की अंदरूनी सतह पर जम जाता है , परिणाम स्वरूप खुजली, रेसेज इत्यादि की समस्या होती है.
इस समस्या की वजह से पेट पर लाल चकत्ते बनने लगते हैं यही लाल चकत्ते हथेली और तलवों पर भी नजर आते हैं. साथ ही साथ उल्टी सा महसूस होना, भूख कम लगने की समस्या नजर आ सकती हैं. ICP को एक गंभीर समस्या माना जाता है. इसकी वजह से शिशु के मृत पैदा होने की आशंका भी होती है.
यह परेशानी आपको पेट, कमर, बगल, स्तन के नीचे और जांघों पर सबसे ज्यादा नजर आएगी. इसके कारण बुखार, डायरिया, उल्टी, जी मिचलाने समस्याएं भी हो सकती हैं.
इस तरह की समस्या होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए प्रेगनेंसी समाप्त होने के बाद धीरे-धीरे यह समस्या समाप्त हो जाती है.
पेम्फिगॉइड जेस्टेसिस | Pemphigoid Gestation
वायरल संक्रमण जैसी लगने वाली यह भी त्वचा संबंधी रोग है. शुरुआत में इसमें हाइव्स के साथ खुजली होती है और बाद में बड़े-बड़े फफोले हो जाते हैं.
यह समस्या गर्भवती स्त्रियों को दूसरी या तीसरी तिमाही में शुरू हो सकती है और डिलीवरी के बाद लगभग एक 2 हफ्ते तक रह सकती है. इसमें यह फफोले पहले पेट के निचले हिस्से से निकलना शुरू होते हैं धीरे-धीरे आपके हाथ, पैर और तलवों तक फैल सकते हैं.
जब माता स्तनपान कराती है तो धीरे-धीरे अपने आप कम होने लगते हैं यह काफी गंभीर समस्या है. इसमें तुरंत डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराने की आवश्यकता होती है. कई मामलों में यह रैशेज शिशु तक के शरीर पर नजर आते हैं जो बाद में ठीक हो जाते हैं.
प्रुरिेगो | Prurigo
अगर आपके शरीर पर छोटी-छोटी फुंसियां हो जाएं और रगड़ने पर कट जाएं, तो इसका मतलब यह है कि आपको प्रुरिगो नामक खुजली की समस्या है।
यह कोई खतरनाक बीमारी नहीं मानी जाती है. इसके लिए डॉक्टर आपको क्रीम वगैरह रेफर कर सकते हैं. जिनसे यह ठीक हो सकती है. यह फुंसियां शरीर में कहीं भी हो सकती है मुख्य रूप से पेट पर ही होती है. यह समस्या दूसरी तिमाही के अंत में या तीसरी तिमाही के शुरू में ज्यादा नजर आती है.
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प्रुरिटस अर्टिकरिअल पैप्यूल एंड प्लैक ऑफ प्रेग्नेंसी (पीयूपीपीएस) | Pruritus urticarial papule and plaque of pregnancy
यह बीमारी काफी खतरनाक मानी जाती है यह बच्चे को काफी नुकसान दे सकती है.
इसके अंदर महिला के पेट पर लाल लाल रंग के निशान नजर आते हैं, रैशेज नजर आते हैं. यह परेशानी गर्भवती स्त्री को तीसरी तिमाही में हो सकती या फिर अंतिम 5 हफ्तों में यह नजर आती है. कुछ मामलों में यह समस्या डिलीवरी के बाद भी नजर आती है.
इसमें रैशेज महिला के पेट के साथ-साथ नितंबों, जांघो, बाजू, टांग ,पीठ इत्यादि पर भी नजर आ सकते हैं. कुछ मामलों में यह चेहरे गर्दन और हाथ पर भी हो सकते हैं. इस समस्या के होने पर आप अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. वह इसके लिए आपको क्रीम इत्यादि दे सकते हैं जिनसे इसका इलाज हो जाएगा.