प्रेगनेंसी एक ऐसी अवस्था है जिसके दौरान महिलाओं को काफी सारी समस्याओं से गुजरना पड़ता है ऐसी ही एक समस्या है गैस का बनना. प्रेगनेंसी शुरू होने के तुरंत बाद महिलाओं को गैस बनने की समस्या अक्सर नजर आने लगती है.
इसका मुख्य कारण प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में हारमोंस का बढ़ जाना और उसके साइड इफेक्ट के रूप में महिला को गैस की समस्या होने लगती है. हारमोंस सीधे तौर पर तो गैस बनाने के लिए जिम्मेदार नहीं होते हैं , लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से यह अपना कार्य करते हैं आइए जानते हैं --
गैस क्यों बनती है और
इसके
लक्षण क्या है
इन्हें भी पढ़ें : जानें क्यों प्रेगनेंसी में सौंफ खाने से किया जाता है मना
इन्हें भी पढ़ें : गर्भावस्था में कब आंवला खाना चाहिए कब नहीं खाना चाहिए
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में अमरूद खाते हैं इन बातों का ध्यान रखें
इन्हें भी पढ़ें : क्या प्रेगनेंसी में सेब खाना चाहिए
इन्हें भी पढ़ें : ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार गर्भ में पुत्र होने की पहचान
दोस्तों प्रेग्नेंसी के समय गर्भवती स्त्री की आंते प्रेगनेंसी हारमोंस की वजह से मुलायम हो जाती हैं. वैसे तो यह हारमोंस गर्भावस्था की गर्भाशय की दीवारों को मुलायम करने के लिए होता है ताकि शिशु को कोई दिक्कत ना हो लेकिन यह जब ब्लड में मिलता है तो शरीर की अधिकतर मांसपेशियों को शिथिल कर देता है. जिसकी वजह से वह अपना कार्य की ढंग से नहीं कर पाती हैं. इसके कारण हमारा पेट और हमारी आंते भी मुलायम हो जाती हैं जब आते मुलायम हो जाती है तो वहां कार्बोहाइड्रेट को पचाने में सक्षम नहीं हो पाती हैं. और यह कार्बोहाइड्रेट गैस में परिवर्तित कर दिया जाता है वैसे तो यह गैस गंध हीन होती है लेकिन इसमें जब मिथेन का समावेश हो जाता है, तो इसमें गंध आने लगती है. गुदा के रास्ते जब यह गैस पास होती है तो वहां पर मौजूद बैक्टीरिया इसमें सल्फर मिला देते हैं. जिसकी वजह से बदबू आने लगती है.
कुछ लक्षण है जिससे आपको पता लग सकता है कि आपको गैस बन रही है.
जब पेट में मरोड़े उड़ती है तो समझ लीजिए गैस का प्रकोप है
गैस पास करते समय दुर्गंध आना
बार बार पेट फूलना
बार बार डकार आना
पेट में भारीपन महसूस होना यह सब गैस बनने के लक्षण होते हैं.