गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में अच्छी नींद के लिए क्या करें | What to do to sleep well in the second trimester of pregnancy

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 हम दूसरी तिमाही में महिलाओं की नींद को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं. अक्सर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को नींद सही से ना आने की समस्या होती है. दूसरी तिमाही के दौरान महिला अच्छी नींद किस प्रकार से प्राप्त कर सकती है.
हम चर्चा करेंगे
दूसरी तिमाही में नींद नहीं आने के क्या कारण है. गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में सोते समय स्थिति.
अच्छी नींद के लिए सुझाव. 

 आदि विषयों पर बात करेंगे.

What to do to sleep well in the second trimester of pregnancy
 

मुख्यतः पूरी प्रेगनेंसी के दौरान महिला को नींद सही से ना आने की समस्या हो सकती है. शुरू के 3 महीने में महिला के शरीर में कोई खास परिवर्तन नहीं होते हैं, जिसकी वजह से उससे अधिक समस्या हो.

काफी सारे अच्छे लक्षण आते हैं, जिनके कारण नींद की समस्या हो सकती है. दूसरी तिमाही के दौरान महिला के शरीर में भी प्रेगनेंसी के सिंपटम्स नजर आने लगते हैं. महिला का शरीर अब भारी हो जाता है. पेट बाहर निकलने लगता है, तो ऐसे में नींद लेने के साथ-साथ बच्चे की रक्षा में भी ध्यान लगाना होता है.

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दूसरी तिमाही में नींद नहीं आने के क्या कारण है

पहली तिमाही में काफी सारे लक्षण जो परेशान करते हैं, वह समाप्त हो जाते हैं. तो यह कहा जा सकता है, कि दूसरी तिमाही में पहली तिमाही की तुलना में अच्छी नींद आती है. लेकिन कुछ समस्याएं भी होती है, जो आपकी नींद में खलल डाल सकती हैं.

अपच की समस्या
पैरों में खिंचाव होना
सीने में जलन की समस्या
अजीब से सपने आना
नसों में मरोड़ उठना
पैरों में छटपटाहट की समस्या होना
सांसो की गति में अनियमितता इत्यादि
दूसरी तिमाही में बच्चे की एक्टिविटी शुरू हो जाती हैं जिसकी वजह से कई बार महिलाओं की नींद में बाधा उत्पन्न होती है.
शारीरिक असुविधा और अवसाद, तनाव की स्थिति भी नींद में खलल डालती है.

वैसे दूसरी तिमाही के दौरान पेशाब कम आना शुरू हो जाता है जिसकी वजह से रात में बार-बार नहीं उठना पड़ता है और नींद सही आती है.

 

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में सोते समय स्थिति

•    जब आपके गर्भस्थ शिशु का विकास हो रहा होता है तो आपके पेट का आकार भी बढ़ता जाता है, और आपको पीठ के बल सोने में भी परेशानी का अनुभव हो सकता है. गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में अगर आप बाई करवट सोते हैं, तो यह सबसे अच्छी स्थिति होती है. इस प्रकार सोने से रक्त प्रभाव और गर्भनाल द्वारा बच्चे को पोषक तत्व पहुंचते रहते हैं.

•    अगर आपको सीने में जलन का अनुभव हो रहा है, तो आप अपने शरीर का अगला हिस्सा थोड़ा ऊपर करके सोइए, इसके लिए आप तकिए का सहारा ले सकती हैं.

•    यदि आप को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो आप अलग-अलग तकिओं के सहायता से आरामदायक स्थिति में लेट सकती हैं. जिससे आपको सांस लेने में तकलीफ नहीं हो.

•    अपनी कमर में दर्द अनुभव हो रहा है, तो आप पेट के नीचे तकिया लगा कर लेट सकते हैं आपको अच्छा लगेगा.

•    ऐसा हो सकता है, कि प्रेगनेंसी के पहली तिमाही में आप पेट के बल सो गई हो, लेकिन दूसरी तिमाही में आपको पेट के बल बिल्कुल भी नहीं सोना है.

•    पेट में उभार के चलते पीठ के बल लेटने में भी काफी तकलीफ होती है.
आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.

निम्न रक्तचाप की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

रक्तस्राव और पीठ दर्द की समस्या भी हो सकती है.

ऐसा होता इसलिए है क्योंकि रक्त वाहिकाओं और आंतो पर दबाव बढ़ जाता है, और इससे हृदय और भ्रूण के बीच में रक्त संबंधी संचार भी बाधित हो जाता है.

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गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में नींद संबंधी सुझाव

गर्भवती महिला को अगर अच्छी नींद चाहिए तो उसे कुछ विशेष बातों का ध्यान हमेशा रखना चाहिए.

•    गर्भवती स्त्री को हमेशा रात के समय हल्का भोजन खाना चाहिए, अर्थात सुपाच्य भोजन ग्रहण करना चाहिए, और खाना हमेशा रात को सोने से 2 से 3 घंटे पहले ही खाना चाहिए.

•    गर्भवती स्त्री का पाचन तंत्र थोड़ा सा कमजोर होता है. इसलिए उसे मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए. इसकी वजह से एसिडिटी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. और रात के समय सीने में जलन की समस्या हो सकती है, जो नींद में अत्यधिक बाधा पहुंचाती है.

•    नियमित दिनचर्या किसी भी गर्भवती महिला के लिए काफी लाभदायक होती है. महिला को चाहिए, कि वह अपने सोने और उठने का टाइम निश्चित करें. इससे सही समय पर नींद आएगी और यह सेहत के लिए भी लाभदायक है.

•    महिला को सोने जाने से पहले टीवी और मोबाइल जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के संपर्क में आने से बचना चाहिए. यह आंखों की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाती है. नींद ना आने की समस्या का शिकार महिला हो सकती है.

•    किसी भी गर्भवती स्त्री को अपने वस्त्रों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है. खासकर सोते समय उसे ऐसे ढीले वस्त्र पहनने चाहिए, जो उसकी नींद में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न करें.

•    किसी भी गर्भवती महिला को चाहिए कि उसका बिस्तर और उसका शयन कक्ष हमेशा साफ रहे, स्वच्छ रहे, और उसके कमरे में प्रॉपर वेंटिलेशन की व्यवस्था भी होनी चाहिए, अर्थात कमरे में शुद्ध हवा का आवागमन बना रहे.

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