प्रेग्नेंसी के समय किसी भी महिला के शरीर का इम्यून सिस्टम थोड़ा सा कमजोर हो जाता है क्योंकि प्रेगनेंसी होने पर इम्यून सिस्टम का काम डबल हो जाता है वह महिला के शरीर के साथ-साथ बच्चे की देखभाल और उसकी प्रतिरक्षा करने का कार्य भी करता है और बच्चे की रक्षा, प्रतिरक्षा उसका पहला कार्य होता है. और दूसरा कार्य उसका आपकी शरीर की सुरक्षा होता है.
छोटा-मोटा संक्रमण अगर शरीर को लगता है तो शरीर का प्रतिरोध क्षमता उससे निपट लेती है. लेकिन अगर प्रेग्नेंसी के समय छोटा-मोटा संक्रमण लगता है तो शरीर उससे निपट नहीं पाता है और उस संक्रमण की वजह से शरीर में अनचाहे बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं और बुखार की समस्या हो जाती है .
कुछ कारण है जिसकी वजह से प्रेगनेंसी में बुखार आने की समस्या हो सकती है.
मूत्रमार्ग का संक्रमण: Fever due to urine infection in Pregnancy
ब्लड आ सकता है, ठंड लगती है.बुखार की समस्या हो सकती है.वैसे अक्सर यह होता नहीं है लेकिन इसका खतरा प्रेगनेंसी में बना रहता है.
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इंफ्लुएंजा : Fever due to Influenza in Pregnancy
गर्भावस्था में हृदय, प्रतिरक्षा प्रणाली और फेफड़ों में परिवर्तन होता है. इसलिए, गर्भवती महिलाओं को फ्लू होने पर बुखार होने की संभावना तथा दूसरे प्रकार की समस्याओं का डर लगा रहता है.
सर्दी-जुकाम : Fever due to cold in Pregnancy
अगर गर्भावस्था है तो सर्दी जुखाम के माध्यम से भी बुखार की संभावना बनी रहती है. इस दौरान गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई, नाक बहना आदि समस्याएं हो सकती हैं, अगर यह सब काफी दिन तक होता रहता है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए.
पायरो वायरस : Fever due to Pyro virus in Pregnancy
यह एक दुर्लभ किस्म का वायरस है जो लगभग 5% से भी कम महिलाओं को होता है, अगर यह वायरस महिलाओं को लग जाता है, तो इससे बुखार आने की संभावना रहती है. तथा दूसरे प्रकार की दिक्कतें जैसे कि गले में खराश, जुखाम, दर्द इत्यादि भी नजर आ सकते हैं.
लिस्टेरियोसिस : Fever due to Listeriosis in Pregnancy
भोजन या दूषित पानी से लिस्टेरियोसिस होने की आशंका रहती है. इसमें तेज बुखार, मतली मांसपेशियों में दर्द, गले में सूजन, दर्द, दस्त आदि की समस्या देखने में आती है.