You May Also Like : प्रेगनेंसी के दौरान किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए – Part #10प्रेग्नेंसी के समय सांस फूलने की समस्या को वैसे तो हल्के में नहीं लेना चाहिए लेकिन फिर भी हम कुछ उपायों द्वारा स्वयं ही इस पर काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं.
प्रेगनेंसी के दौरान सांस की तकलीफ से बचने के उपाय – Pregnancy ke dauran saans ke takaleeph se bachane ke upaay
बॉडी पोश्चर
प्रेगनेंसी के समय अगर किसी महिला को सांस फूलने की समस्या सामने आ रही है तो उसे अपने पोश्चर का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जिससे कि फेफड़ों को फैलाव के लिए पर्याप्त स्थान मिले . अपने पोश्चर के विषय में जानने के लिए अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए वह आपको बिल्कुल सही सही है बता सकते हैं कि किस प्रकार से आपको अपने पोश्चर का ध्यान रखना है.
खुद को आराम दें
अगर महिला को कोई कार्य करते समय या चलते समय चढ़ते समय अगर सांस फूलने की समस्या सामने आ जाती है तो उन्हें तुरंत आराम करना चाहिए और महिला को चाहिए कि वह उस स्थिति को पहचाने जब उसकी सांस फूलती है ऐसी स्थिति को खासकर प्रेग्नेंसी के समय अवॉइड करना चाहिए.
स्लीपिंग पोश्चर
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि गर्भावस्था में भ्रूण का बढ़ता आकार डायफ्राम के साथ-साथ छाती के लिए जगह को भी सीमित कर देता है, जिससे एक महिला सांस में तकलीफ का अनुभव करती है. इस दौरान सोने का अपराइट पोजिशन आपकी मदद कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह अवस्था फेफड़ों को पूरी जगह देती है और फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ती है. अपराइट पॉजिशन के लिए महिलाएं पीठ के पीछे दो-तीन तकिए लगाकर सोएं.
ब्रीथिंग एक्सरसाइज
तीसरे महीने में जब खासकर जब बच्चे का विकास काफी हद तक हो जाता है तो शरीर में फेफड़े को फैलने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं मिलता है. ऐसी स्थिति में एक्सपर्ट से सलाह करके महिला को ब्रीडिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए इससे उन्हें काफी हद तक फायदा मिलेगा.
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• किसी आरामदायक पॉजीशन में बैठ जाएं या पीठ के पीछे कुछ तकिए लगाकर लेट जाएं।
• अब नाक से गहरी सांस लें और मुंह से छोड़ें.
• यह प्रक्रिया रोजाना कुछ देर करें.
गर्भावस्था में ब्रीथिंग एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें.
अन्य फिजिकल एक्टिविटी : सांस फूलने की समस्या से आराम पाने के लिए आप कुछ अन्य शारीरिक गतिविधियां कर सकती हैं, जिसमें पैदल चलना, बॉडी स्ट्रेचिंग या हाइड्रोथेरेपी (पानी में एक्सरसाइज) आदि शामिल है.
सांस की तकलीफ के कुछ कारण – Saans kee takaleeph ke kuchh kaaran
कभी-कभी प्रेगनेंसी में एनीमिया के कारण महिला को सांस फूलने की समस्या का सामना करना पड़ता है इसलिए अगर महिला की सांस फूल रही है तो उसे अपने भोजन में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए या डॉक्टर की सलाह पर आईरन की टेबलेट भी ली जा सकती है महिला भोजन में पालक बींस आदि का सेवन थोड़ा बढ़ाएं.
प्रेग्नेंसी के समय महिला को थोड़ा अधिक खाना खाने का फैशन किया जाता है लेकिन महिला कभी कभी गलती से अधिक फैट वाला भोजन खाना शुरु कर देती है जिसकी वजह से आवश्यकता से अधिक मोटापा महिला को हो जाता है. हाई फैट युक्त भोजन का सेवन न करें, क्योंकि गले और छाती पर चढ़ा अतिरिक्त फैट सांस की तकलीफ का कारण बन सकता है.
महिला को ऐसे कार्य और एक्सरसाइज से बचना चाहिए जिसमें अत्यधिक मेहनत लगती हो.
डॉक्टरी सलाह पर विटामिन-सी युक्त आहार का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि विटामिन-सी शरीर में आयरन की पूर्ति को बढ़ावा देता है.
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सांस की तकलीफ में कब डॉक्टर से मिले – Saans kee takaleeph me kab doctor se mile
अगर महिला सोते समय सांस की तकलीफ की वजह से उठ बैठे अर्थात उसकी नींद टूट जाए तब भी समस्या को गंभीर माना जाएगा डॉक्टर से मिलना चाहिए.
अगर महिला को सांस लेने में कुछ ज्यादा ही तकलीफ हो रही है उसे दम घुटता हुआ सा महसूस हो रहा है तो उसे तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
अगर महिला को सांस लेने में अत्यधिक जोर लगाना पड़ रहा है तो भी यह ठीक नहीं है तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
महिला को सांस लेने में तकलीफ काफी लंबे समय तक बनी रहे लगातार बनी रहे तो यह एनीमिया या अस्थमा का लक्षण हो सकता है तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
अगर महिला के गले में संकुचन हो रहा है तो उसे डॉक्टर से मिलना चाहिए.