प्रेग्नेंसी के समय बुखार को लेकर चर्चा करने वाले हैं दोस्तों अक्सर गर्भवती महिला को बुखार की समस्या देखने में आ जाती है. आज हम चर्चा करने वाले हैं कि
बुखार होता क्या है
क्या बुखार आना गर्भावस्था का संकेत माना जाता है
प्रेगनेंसी में बुखार आने से बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है
प्रेग्नेंसी के समय बुखार को लेकर रिसर्च चलती रहती है और रिसर्च में यह भी पता चला है कि कुछ बीमारियां अगर प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में महिला को बुखार आ जाए तो कुछ बीमारियां हो सकती हैं. इन पर भी चर्चा करेंगे पहले चर्चा करते हैं--
बहुत कम है लेकिन यह भी देखा जाता है कि कुछ मनुष्यों के शरीर का तापमान अर्थात सामान्य तापमान 98.6 फॉरेनहाइट से भी थोड़ा सा अधिक होता है. लेकिन इसे हम बुखार नहीं मान सकते क्योंकि वह उन का सामान्य तापमान है.
मैं जब शरीर के अंदर किसी भी प्रकार के संक्रमण या बैक्टीरिया का अटैक होता है या ब्लड में आ जाता है तो शरीर उस बैक्टीरिया को समाप्त करने के लिए शरीर का तापमान बढ़ाता है जिसे हम बुखार कहते हैं.
इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के दौरान किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए - Part #10
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गर्भावस्था के दौरान हाइपोथर्मिया अर्थात शरीर का तापमान अचानक से बढ़ जाता है तो भ्रूण के विकास में बाधा आने का खतरा रहता है.
महिलाओं को शुरुआती गर्भावस्था के दौरान या उससे ठीक पहले सर्दी या फ्लू के साथ बुखार आता है, उनके नवजात शिशु में जन्म दोष की आंशका बढ़ जाती है.
गर्भावस्था के दौरान बुखार होने से शिशुओं में ओरल क्लीफ (ऊपरी होंठ का नाक के संपर्क में आना) का खतरा बढ़ जाता है.
अध्ययन से यह बात भी साबित हुई है कि जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान बुखार की समस्या थी उनके नवजात शिशुओं में न्यूरल ट्यूब दोष की आशंका अधिक पाई गई थी.
गर्भवती स्त्री को बुखार की समस्या होने के कारण ऑटिज्म की समस्या हो सकती है और ऑटिज्म मतलब बच्चे को बातचीत करने में समस्या आती है.
बुखार होता क्या है
क्या बुखार आना गर्भावस्था का संकेत माना जाता है
प्रेगनेंसी में बुखार आने से बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है
प्रेग्नेंसी के समय बुखार को लेकर रिसर्च चलती रहती है और रिसर्च में यह भी पता चला है कि कुछ बीमारियां अगर प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में महिला को बुखार आ जाए तो कुछ बीमारियां हो सकती हैं. इन पर भी चर्चा करेंगे पहले चर्चा करते हैं--
बुखार क्या होता है - Fever kya Hota Hai
वैसे तो हर व्यक्ति के शरीर का तापमान थोड़ा बहुत अलग अलग हो सकता है लेकिन वैज्ञानिकों ने एक स्टैंडर्ड माना है कि 98. 6 फॉरेनहाइट अधिकतम तापमान शरीर का हो सकता है अगर इससे ज्यादा होता है तो बुखार की स्थिति मानी जाती है.बहुत कम है लेकिन यह भी देखा जाता है कि कुछ मनुष्यों के शरीर का तापमान अर्थात सामान्य तापमान 98.6 फॉरेनहाइट से भी थोड़ा सा अधिक होता है. लेकिन इसे हम बुखार नहीं मान सकते क्योंकि वह उन का सामान्य तापमान है.
मैं जब शरीर के अंदर किसी भी प्रकार के संक्रमण या बैक्टीरिया का अटैक होता है या ब्लड में आ जाता है तो शरीर उस बैक्टीरिया को समाप्त करने के लिए शरीर का तापमान बढ़ाता है जिसे हम बुखार कहते हैं.
क्या बुखार आना गर्भावस्था का संकेत है - Kya fever Pregnancy ka Symptoms Hai
बुखार आना गर्भावस्था का संकेत हो सकता है क्योंकि जब ओव्यूलेशन पीरियड शुरू होता है तो शरीर का तापमान थोड़ा सा बढ़ जाता है. समय पर पीरियड्स नहीं आता है एक या डेढ़ हफ्ता लेट हो जाता है तो प्रेगनेंसी हो सकती है.इन्हें भी पढ़ें : प्रेगनेंसी के दौरान किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए - Part #10
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इन्हें भी पढ़ें : यह सपने बताते हैं घर में पुत्र होगा या पुत्री
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इन्हें भी पढ़ें : ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार गर्भ में पुत्र होने की पहचान
इन्हें भी पढ़ें : महिला के पेशाब के रंग से कैसे जाने गर्भ में क्या पल रहा है
प्रेग्नेंसी में बुखार आने से बच्चे पर प्रभाव - Pregnancy me Fever Aane Per Bacche Per Prabhav
प्रेग्नेंसी के समय किसी भी प्रकार से बुखार को हल्के में नहीं लेना चाहिए इससे कई प्रकार की जन्मजात बीमारी आया जन्म दोष बच्चों को होने की आशंका रहती है.गर्भावस्था के दौरान हाइपोथर्मिया अर्थात शरीर का तापमान अचानक से बढ़ जाता है तो भ्रूण के विकास में बाधा आने का खतरा रहता है.
महिलाओं को शुरुआती गर्भावस्था के दौरान या उससे ठीक पहले सर्दी या फ्लू के साथ बुखार आता है, उनके नवजात शिशु में जन्म दोष की आंशका बढ़ जाती है.
गर्भावस्था के दौरान बुखार होने से शिशुओं में ओरल क्लीफ (ऊपरी होंठ का नाक के संपर्क में आना) का खतरा बढ़ जाता है.
अध्ययन से यह बात भी साबित हुई है कि जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान बुखार की समस्या थी उनके नवजात शिशुओं में न्यूरल ट्यूब दोष की आशंका अधिक पाई गई थी.
गर्भवती स्त्री को बुखार की समस्या होने के कारण ऑटिज्म की समस्या हो सकती है और ऑटिज्म मतलब बच्चे को बातचीत करने में समस्या आती है.