प्रेगनेंसी के दौरान उच्च रक्तचाप - High blood pressure during pregnancy Part 2
पहले पार्ट में हमने आपसे ब्लड प्रेशर क्या होता है, इसके कारण और लक्षण पर चर्चा की थी और भी दूसरे विषय हमने लिए थे.
आज हम अपने से जो यह दूसरा पार्ट है इसमें हम आपसे बात करेंगे
हाई बीपी का इलाज क्या है।
हाई बीपी होने के जोखिम क्या-क्या है क्या परेशानियां हैं, जटिलताएं हैं।
अगर हाई बीपी हो जाए तो कौन कौन से खाद्य पदार्थ में खाने चाहिए जिससे इस को कंट्रोल में लाया जा सके.
इन सब विषय पर चर्चा करेंगे ---
क्रॉनिक हाइपरटेंशन की स्थिति
प्रीक्लेम्पसिया , उच्च रक्तचाप विकारों की स्थिति जो कि गर्भावस्था के दौरान एक अच्छी स्थिति नहीं मानी जाती है.
गर्भावस्था के दौरान क्रॉनिक हाइपरटेंशन आगे चलकर प्रीक्लेम्पसिया का कारण भी बन सकता है. इसलिए इसका भी इलाज बहुत जरूरी हो जाता है. इसके लिए डॉक्टर आपका रेगुलर रक्तचाप का चेकअप करते हैं. रक्तचाप को कम करने के लिए डॉक्टर आपको एंटीएर्हाइपरटेंसिव दवाइयां भी दे सकते हैं.
इसके अलावा महिला की मौजूदा स्थिति को देखते हुए जो उन्होंने टेस्ट किए हैं. उनकी रिजल्ट को देखते हुए डॉक्टर अपने विवेक से महिला का इलाज कर सकते हैं.
प्रीक्लेम्पसिया अगर यह हल्का है, तो डॉक्टर महिला के प्रसव का इंतजार कर सकते हैं. गर्भवती महिला का रक्तचाप कम करने और नाल में रक्त प्रवाह को बढ़ाने के लिए डॉक्टर महिला को बेड रेस्ट करने की सलाह देते हैं. प्रीक्लेम्पसिया की मौजूदा स्थिति को जानने के लिए डॉक्टर महिला की शारीरिक स्थिति का मॉनिटर करेंगे और कई सारे टेस्ट करते हैं, जिससे कि उन्हें प्रीक्लेम्पसिया स्थिति का पता चल जाए.
इस अवस्था में डॉक्टर भ्रूण की हृदय गति की जांच करेंगे एमनीओटिक द्रव की स्थिति का पता करने की कोशिश करेंगे. उसका मूल्यांकन करेंगे सिजेरियन डिलीवरी से बचने के लिए डॉक्टर महिला को मैग्नीशियम सल्फेट जैसे एंटीकॉन्वल्सिव दवाई दे सकते हैं.
गंभीर स्थिति में डॉक्टर महिलाओं को 24 घंटे निगरानी के लिए भर्ती होने की सलाह भी दे सकते हैं.
अगर प्रीक्लेम्पसिया की स्थिति में महिला अपने गर्भावस्था के 34 सप्ताह या उससे ज्यादा का समय पार कर चुकी है, तो डॉक्टर जल्द से जल्द प्रसव का फैसला ले सकते हैं।
अगर उच्च रक्तचाप की समस्या गर्भावस्था के दौरान हो जाती है, तो महिलाओं को अपने भोजन में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है.
इसके लिए महिलाओं को साबुत अनाज मछली और नट्स का सेवन करना चाहिए लेकिन ध्यान रहे मछली में मरकरी की मात्रा नहीं होनी चाहिए।
कम फैट वाले और पोटेशियम युक्त मिठाई व पेय पदार्थ आदि भी खाने की सलाह दी जाती है.
प्रोटीन, मैग्निशियम, कैलशियम, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है
फल सब्जियां और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद भी भोजन में शामिल किए जाने चाहिए।
कम रेटेड फैट और पेट्रोल वाले खाद्य पदार्थ भी महिलाओं को कुल फैट और कलेक्टर वाले खाद्य पदार्थ महिलाओं को दी जाने बताए जाते हैं.
कम सैचुरेटेड फैट, कुल फैट और कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ.
गर्भावस्था के दौरान उच्च बीपी की रोकथाम के लिए महिलाओं को फिजिकल एक्टिविटी करने की सलाह दी जाती है अपने डॉक्टर से पूछ कर महिलाओं को व्यायाम करने चाहिए.
स्वस्थ आहार खाना चाहिए. ऐसा भजन खाएं जो पचने में आसान हो.
रक्तचाप का बहुत ज्यादा संबंध तनाव से होता है महिलाओं को तनाव से बचना चाहिए.
अगर महिला धूम्रपान का सेवन करती है तो धूम्रपान ना करें. शराब का सेवन करती है तो शराब ना पिए.
आज हम अपने से जो यह दूसरा पार्ट है इसमें हम आपसे बात करेंगे
हाई बीपी का इलाज क्या है।
हाई बीपी होने के जोखिम क्या-क्या है क्या परेशानियां हैं, जटिलताएं हैं।
अगर हाई बीपी हो जाए तो कौन कौन से खाद्य पदार्थ में खाने चाहिए जिससे इस को कंट्रोल में लाया जा सके.
इन सब विषय पर चर्चा करेंगे ---
हाई बीपी का इलाज - Pregnancy me High Blood Pressure ka Ilaj
हाई बीपी इलाज दो पैमानों से किया जाता है एक तो है,
क्रॉनिक हाइपरटेंशन की स्थिति
प्रीक्लेम्पसिया , उच्च रक्तचाप विकारों की स्थिति जो कि गर्भावस्था के दौरान एक अच्छी स्थिति नहीं मानी जाती है.
गर्भावस्था के दौरान क्रॉनिक हाइपरटेंशन आगे चलकर प्रीक्लेम्पसिया का कारण भी बन सकता है. इसलिए इसका भी इलाज बहुत जरूरी हो जाता है. इसके लिए डॉक्टर आपका रेगुलर रक्तचाप का चेकअप करते हैं. रक्तचाप को कम करने के लिए डॉक्टर आपको एंटीएर्हाइपरटेंसिव दवाइयां भी दे सकते हैं.
इसके अलावा महिला की मौजूदा स्थिति को देखते हुए जो उन्होंने टेस्ट किए हैं. उनकी रिजल्ट को देखते हुए डॉक्टर अपने विवेक से महिला का इलाज कर सकते हैं.
प्रीक्लेम्पसिया अगर यह हल्का है, तो डॉक्टर महिला के प्रसव का इंतजार कर सकते हैं. गर्भवती महिला का रक्तचाप कम करने और नाल में रक्त प्रवाह को बढ़ाने के लिए डॉक्टर महिला को बेड रेस्ट करने की सलाह देते हैं. प्रीक्लेम्पसिया की मौजूदा स्थिति को जानने के लिए डॉक्टर महिला की शारीरिक स्थिति का मॉनिटर करेंगे और कई सारे टेस्ट करते हैं, जिससे कि उन्हें प्रीक्लेम्पसिया स्थिति का पता चल जाए.
इस अवस्था में डॉक्टर भ्रूण की हृदय गति की जांच करेंगे एमनीओटिक द्रव की स्थिति का पता करने की कोशिश करेंगे. उसका मूल्यांकन करेंगे सिजेरियन डिलीवरी से बचने के लिए डॉक्टर महिला को मैग्नीशियम सल्फेट जैसे एंटीकॉन्वल्सिव दवाई दे सकते हैं.
गंभीर स्थिति में डॉक्टर महिलाओं को 24 घंटे निगरानी के लिए भर्ती होने की सलाह भी दे सकते हैं.
अगर प्रीक्लेम्पसिया की स्थिति में महिला अपने गर्भावस्था के 34 सप्ताह या उससे ज्यादा का समय पार कर चुकी है, तो डॉक्टर जल्द से जल्द प्रसव का फैसला ले सकते हैं।
गर्भवती होने पर उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए खाद्य पदार्थ - High BP me Pregnancy Time Food
अगर उच्च रक्तचाप की समस्या गर्भावस्था के दौरान हो जाती है, तो महिलाओं को अपने भोजन में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है.
इसके लिए महिलाओं को साबुत अनाज मछली और नट्स का सेवन करना चाहिए लेकिन ध्यान रहे मछली में मरकरी की मात्रा नहीं होनी चाहिए।
कम फैट वाले और पोटेशियम युक्त मिठाई व पेय पदार्थ आदि भी खाने की सलाह दी जाती है.
प्रोटीन, मैग्निशियम, कैलशियम, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है
फल सब्जियां और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद भी भोजन में शामिल किए जाने चाहिए।
कम रेटेड फैट और पेट्रोल वाले खाद्य पदार्थ भी महिलाओं को कुल फैट और कलेक्टर वाले खाद्य पदार्थ महिलाओं को दी जाने बताए जाते हैं.
कम सैचुरेटेड फैट, कुल फैट और कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ.
गर्भावस्था के दौरान उच्च बीपी की रोकथाम के लिए महिलाओं को फिजिकल एक्टिविटी करने की सलाह दी जाती है अपने डॉक्टर से पूछ कर महिलाओं को व्यायाम करने चाहिए.
स्वस्थ आहार खाना चाहिए. ऐसा भजन खाएं जो पचने में आसान हो.
रक्तचाप का बहुत ज्यादा संबंध तनाव से होता है महिलाओं को तनाव से बचना चाहिए.
अगर महिला धूम्रपान का सेवन करती है तो धूम्रपान ना करें. शराब का सेवन करती है तो शराब ना पिए.
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