गर्भावस्था में कम रक्तचाप का घरेलू उपचार
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गर्भावस्था में कम रक्तचाप की जांच कैसे की जाती है. गर्भवती महिला के कम रक्तचाप से क्या-क्या जोखिम होते हैं. गर्भ वस्था में कम रक्तचाप का इलाज कैसे किया जाता है. गर्भावस्था में कम रक्तचाप का घरेलू उपचार क्या क्या होते हैं. गर्भावस्था के दौरान कम रक्तचाप के दौरान महिला देखभाल अपनी कैसे करें. कम रक्तचाप से गर्भस्थ शिशु प्रभावित होता है और किस अवस्था में डॉक्टर से मिले
आदि विषय पर चर्चा करते हैं.
गर्भावस्था में कम रक्तचाप की जांच कैसे की जाती है
किसी भी गर्भवती स्त्री का रक्तचाप अर्थात ब्लड प्रेशर नापने का एक ही तरीका होता है. चाहे महिला उच्च रक्तचाप से ग्रसित हो चाहे निम्न रक्तचाप से ग्रसित हो.
रक्तचाप की जांच के लिए पहले महिला के हाथ को चारों ओर से रबर के पट्टे को लपेट दिया जाता है.
इसके बाद ब्रेकियल धमनी में 200 mm Hg का दबाव देते हुए पंप करते हैं. स्फाइगनोमैनोमीटर में इस दबाव को देखा जा सकता है.
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गर्भवती महिला के कम रक्तचाप से क्या-क्या जोखिम होते हैं
गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप से अर्थात हाई ब्लड प्रेशर से नुकसान होने के चांसेस बहुत ज्यादा रहते हैं. उसकी तुलना में कम रक्तचाप से जोखिम उतना नहीं होता है.
गर्भावस्था के दौरान बीपी लो होने पर चक्कर आ सकते हैं. चक्कर आने पर महिला गिर सकती है. और गिरने से महिला को जो चोट लगती है. उससे जोखिम काफी बड़ा हो सकता है. क्योंकि गिरने से गर्भस्थ शिशु को चोट आने का डर रहता है .
अगर किसी कारणवश महिला का रक्तचाप तेजी से कम हो जाता है, तो महिला के शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति सही तरीके से नहीं होती है. और अगर गर्भ शिशु को ऑक्सीजन की आपूर्ति सही तरीके से नहीं होगी, तो उसके दिल और दिमाग के विकास में बाधा पहुंच सकती है.
लगातार ब्लड प्रेशर का कम रहना मृत शिशु के जन्म का खतरा बढ़ा सकता है.
गर्भावस्था में कम रक्तचाप का इलाज कैसे करें
गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की दवाई सोच समझ कर ही दी जाती है. निम्न रक्तचाप अर्थात लो ब्लड प्रेशर के केस में डॉक्टर जल्दी से महिलाओं को दवाई देना पसंद नहीं करते हैं.
क्योंकि इस प्रकार की दवाइयां शिशु के लिए हानिकारक हो सकती हैं. कम ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत पाने के लिए महिला को अपने खाने पीने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है.
गर्भावस्था में कम रक्तचाप का घरेलू उपचार
लेकिन काफी सारे घरेलू उपाय ऐसे हो सकते हैं, या खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं. जिन्हें प्रेगनेंसी में खाकर महिला अपने रक्तचाप की समस्या को अर्थात लो बीपी की समस्या को काबू कर सकती है.
- कम रक्तचाप की समस्या में महिला को 1 हफ्ते तक लगातार चुकंदर के जूस का सेवन करना चाहिए. दिन में एक बार एक गिलास जूस इससे भी रक्तचाप सुधरता है.
- इस दौरान महिलाओं को अपने भोजन में तरल पदार्थ अधिक मात्रा में शामिल करने चाहिए. यह भी ब्लड प्रेशर को सही करने में मदद करेंगे.
- कॉफी कम रक्तचाप में फायदा पहुंचा सकती है. लेकिन ध्यान रहे कि आप इसका ज्यादा सेवन न करें.गर्भावस्था के दौरान एक से दो कप कॉफी पीने से कम रक्तचाप की समस्या को टाला जा सकता है. कॉफी पीने से रक्तचाप तेज होता है.
- सेब का मुरब्बा आंवले का मुरब्बा यह दोनों कम रक्तचाप की समस्या में मदद करते हैं.
- अगर गर्भवती स्त्री का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है ,तो नमक वाली चीजें खाने की सलाह देते हैं. और मिर्च मसाला भी खाने की सलाह देते हैं.
- लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान महिला को नमक डालकर पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसमें सोडियम होता है. जो रक्तचाप को बढ़ाने में मदद करता है.
- रक्तचाप कम होने पर एक गिलास पानी में आप आधा चम्मच नमक डालकर पी सकते हैं. लेकिन इसका प्रयोग उच्च रक्तचाप में नहीं किया जाता है, और कम रक्तचाप में भी इसका संयमित प्रयोग करना चाहिए.
- कम रक्तचाप की समस्या में आप दो-तीन छुहारे दूध में उबालकर रात के समय पी सकती हैं. इससे भी कुछ राहत मिलती है.
- एक अदरक के टुकड़े पर नींबू का रस और सेंधा नमक लगाकर भोजन से पहले थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाते रहें. इस घरेलू उपाय से कम रक्तचाप से राहत मिल सकती है.
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निम्न रक्तचाप में ध्यान रखने योग्य बातें
निम्न रक्तचाप की समस्या में महिला को अपना ध्यान रखने की काफी आवश्यकता होती है.
सावधानी और परहेज करके इस पर नियंत्रित नियंत्रण पाया जा सकता है. महिला को ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने के लिए सही खानपान की आवश्यकता होती है. हरी पत्तेदार सब्जियां और फल अपने भोजन में शामिल करना चाहिए. फलों का जूस लेना चाहिए.
महिला को जितना हो सके उतना आराम करना चाहिए. उठने और बैठने में जल्दी बाजी नहीं करनी चाहिए. धीरे से बिस्तर से उठना चाहिए.
महिला को लो ब्लड प्रेशर की समस्या है. तो आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए.
कम रक्तचाप मेरे बच्चे को प्रभावित करेगा
लो ब्लड प्रेशर के वैसे तो ज्यादा साइड इफेक्ट नहीं होते हैं. लेकिन अगर महिला चक्कर खाकर गिर जाती है, तो उससे बच्चे को चोट लगने का खतरा रहता है. यही सबसे बड़ी समस्या नजर आती है.
डॉक्टर से कब मिले
कुछ लक्षण है जो दिखे तो महिला को डॉक्टर से मिलना चाहिए जैसे कि
सर दर्द,
चक्कर आना,
दिखना सांस लेने में तकलीफ होना,
यह सब समस्याएं अगर महिला को लगातार बनी हुई है तो डॉक्टर से मिलना चाहिए.