नमस्कार दोस्तों गर्मी का सीजन आ चुका है और गर्मियों के सीजन में भारत के अंदर आम बहुत बड़ी मात्रा में पैदा होता है. इसलिए भारत में आम को फलों का राजा भी माना जाता है, और आम खाने में बेहद स्वादिष्ट भी होता है.
आम खाने के क्या क्या लाभ और क्या क्या नुकसान होते हैं. जिन्हें जानकर आप बड़ी आसानी से इस बात का आइडिया लगा सकते हैं, कि प्रेगनेंसी में आपको आम खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए. आइए चर्चा करते हैं.
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प्रेगनेंसी में आम खाने के नुकसान – Pregnancy me Aam Khane Ke Side Effect
असल में भारत एक रामभरोसे देश है. आम को कृत्रिम रूप से ऐसे केमिकल के द्वारा पकाया जाता है, जो भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के अनुसार बैन है. यह स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक होता है. जिस केमिकल का नाम है, कैल्शियम कार्बाइड, यह अत्यधिक खतरनाक है. इसके अंदर आर्सेनिक और फास्फोरस के अवशेष होते हैं. यह दोनों तत्व आपके गर्भस्थ शिशु के लिए काफी खतरनाक होते हैं, इन्हें एक प्रकार से जहरीला माना जाता है.
इसके द्वारा पके आम गर्भस्थ शिशुओं और गर्भवती महिला दोनों के लिए कितने खतरनाक हो सकते हैं, कहने की आवश्यकता नहीं.
अब कृत्रिम रूप से पके हुए आम खाने के नुकसान जान लीजिए.
अत्याधिक नींद आना,
भ्रम की स्थिति,
चक्कर आना,
मनोदशा में परिवर्तन,
मुंह में छाले,
पेट में गड़बड़,
सिर दर्द,
दौरा पड़ना,
हाथों और पैरों का सुन्न सा पड़ना या फिर झुनझुनी या चुभन का एहसास.
कुछ और नुकसान सामान्य डाली के पके आम खाने से भी होते हैं. वह भी हम बता देते हैं, जैसे कि
अगर आपको किसी भी प्रकार की एलर्जी आम से है, तो आप मत खाइए.
आम में काफी उचित मात्रा में कैलोरी होती है. अगर आप पहले से ही मोटापे का शिकार है, तो आम आपको नहीं खाना है.
आम में अच्छी मात्रा में मीठा होता है. अगर आप डायबिटीज या जेस्टेशनल डायबिटीज का शिकार है, तो आम नहीं खाना है नुकसानदायक है.
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आम खाने के फायदे
जैसे कि अधिकतर फलों में फाइबर होता है. ऐसे ही आम के अंदर भी फाइबर की काफी अधिक मात्रा होती है. इस कारण से यह कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है.
आम के अंदर काफी ज्यादा कैलोरी होती है. इस वजह से यह आखिर कि 3 महीने में खाना काफी ज्यादा फायदेमंद रहता है. क्योंकि इस दौरान डॉक्टर की सलाह रहती है, कि महिला को अधिक कैलोरी का सेवन करना है. ऐसे में अधिक कैलोरी के लिए आम खाना फायदेमंद रहता है.
आम के अंदर पाया जाने वाला फोलिक एसिड भ्रूण के विकास में काफी अधिक योगदान देता है.
अक्सर प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने में महिला को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या रहती है. आम खाने से इस समस्या में काफी कमी आती है.
आम के अंदर पाया जाने वाला विटामिन ए शिशु के सर्वांगीण विकास में मदद करता है .
आम के अंदर आयरन की अच्छी मात्रा होती है. इस वजह से यह एनीमिया से बचाव करने में मदद करता है.
आम के अंदर काफी अधिक ऊर्जा और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो गर्भवती स्त्री के लिए अत्यधिक फायदेमंद है .
गर्भावस्था के दौरान अधिकतर महिलाओं के मुंह का स्वाद खराब रहता है. आम का स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है. यह महिला के मुंह के स्वाद को ठीक कर सकता है.