हम अपने एक दर्शक के प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश कर रहे हैं. जिसमें उन्होंने हमसे यह जानना चाहा था कि मेरे दूध तो बन रहा है लेकिन मुझे प्रेगनेंसी नहीं हो रही है. ऐसा क्यों हो रहा है. इसके क्या कारण है.
हमारे शरीर के अंदर बहुत सारे हारमोंस हमारे शरीर की गतिविधियों को संचालित करने के लिए कार्य करते हैं, और इनकी एक संयमित मात्रा ही हमारे शरीर में जरूरी होती है. अगर यह कम हो जाएगा, यह ज्यादा हो जाए तो फिर इनके साइड इफेक्ट शरीर में दिखाई पड़ने लगते हैं. बहुत सारी गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं.
जैसा कि स्तनों में दूध का तो निर्माण हो रहा है जो कि जो थोड़े से दबाव के साथ बाहर नजर आता है.
लेकिन प्रेगनेंसी बिल्कुल भी नहीं हो रही है. कोशिश करने के बाद भी नहीं हो पा रही है. देखा जाए तो यह अपने आप में बड़ी अलग स्थिति है. क्योंकि मिल्क का निर्माण तो महिला के शरीर में गर्भवती होने के बाद ही होता है. यहां सीधा सीधा सा इसका एक कारण यह है कि महिला के शरीर में हार्मोनअल डिसबैलेंस की स्थिति है.
अगर दूध बनाने वाली ग्रंथों से असमय दूध का रिसाव होने लगे तो इसे हाइपरलैक्टेशन कहा जाता है. यह किसी पुरुष, बच्चे या महिला किसी को भी हो सकता है. इसके काफी सारे कारण हो सकते हैं.
जैसे कि —-
अगर किसी महिला को यह समस्या है, तो वह महिला ऐसी कुछ दवाइयां ले रही हो सकती है. जिसकी वजह से उसकी दूधवाली ग्रंथियां एक्टिव हो जाती है, या प्रोलैक्टिन हार्मोन की अधिकता हो जाती है.
अगर किसी कारणवश थायराइड की ग्रंथियां थायराइड को उचित मात्रा में प्रोड्यूस नहीं कर पा रही होती है, तो वह कभी-कभी प्रोलैक्टिन हार्मोन का उत्पादन शुरू कर देती है.
अगर किसी महिला को या किसी भी पुरुष या बच्चे को ट्यूमर की शिकायत होती है, तब भी यह समस्या नजर आती है.
इसके और भी दूसरे काफी सारे कारण है जैसे कि —
अगर महिला को रीड की हड्डी में किसी भी प्रकार की चोट लग जाती है. तब यह समस्या हो सकती है.
कोई हमारी किडनीया ब्लड से अतिरिक्त प्रोलेक्टिन छानने का कार्य करती है. अगर वह यह काम नहीं करे तब यह समस्या हो सकती है.
छाती की कोई नर्व डैमेज हो जाती है तब भी है समस्या हो सकती है.
कुछ मसाले है जैसे कि जीरा मेथी सौंफ यादी यह दूध को बढ़ाने का कार्य करती है, तो इनके अधिक प्रयोग से भी हो सकता है.
अगर महिला के शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन किसी कारणवश अधिक हो जाए तो बिना प्रेगनेंसी के भी महिला के शरीर में दूध का निर्माण शुरू हो जाता है.
मुख्यता यह हार्मोन प्रेगनेंसी होने के बाद ही एक्टिव होता है. इसकी मात्रा बढ़ती है . लेकिन किसी कारणवश अगर यह बिना प्रेगनेंसी के भी बढ़ जाता है, तो इसका प्रभाव नजर आता है. महिला के स्तनों में दूध का निर्माण हो सकता है.
यह प्रेगनेंसी नहीं होने का कारण भी है.
जब महिला के शरीर में ऐसे हार्मोन बढ़ते हैं, जो कि प्रेगनेंसी के बाद एक्टिव होने चाहिए और वह जब प्रेगनेंसी से पहले ही एक्टिव हो जाते हैं. तो फिर महिला को कंसीव करने में दिक्कत आती है.
यह सब प्रेगनेंसी होने की प्रोसेस को प्रभावित करते हैं. उसे रोकते हैं. उसका सीधा सीधा सा कारण यह है कि यह सब हार्मोन बॉडी में एक्टिव है तो इसका मतलब यही होता है कि महिला को प्रेगनेंसी हो गई है, और अब प्रेगनेंसी नहीं होनी चाहिए.
अगर महिला के शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन हाई हो गया है तो इस वजह से ovulation होने में समस्या आती है. इसलिए आपको डॉक्टर के पास जाकर इसका इलाज करना चाहिए और जब आपके शरीर में हारमोंस सब अपनी सही मात्रा में होंगे तो आपका ovulation सही तरीके से होगा और आप मां बन पाएंगी.
यही नहीं और भी दूसरे काफी सारे हार्मोन से जो प्रेगनेंसी होने के बाद ही एक्टिव होते हैं. अगर वह किसी कारणवश एक्टिव हो जाते हैं या उनकी मात्रा बढ़ जाती है, तो वह प्रेगनेंसी होने में दिक्कत पैदा करते क्योंकि आप ऐसा मान सकते हैं, कि यह उनका काम है.