प्रेगनेंसी के दौरान महिला को डॉक्टर के पास अचानक से कब जाना चाहिए. दोस्तों वैसे तो डॉक्टर की हर 15 दिन में एक विजिट महिला की शेड्यूल होती है, लेकिन महिला को कुछ ऐसी परिस्थिति हो सकती है,
जिसमें डॉक्टर के यहां अचानक से जाना पड़ सकता है. आज हम उनमें से कुछ स्थितियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं, कि महिला को प्रेगनेंसी के दौरान कब डॉक्टर के पास जाने से नहीं हिचकना चाहिए. भले ही उसकी विजिट अभी कुछ दिन बाद ही क्यों ना हो.
जब पहली बार पीरियड मिस हो जाए
सबसे पहले तो जब महिला के पीरियड मिस होते हैं. उसके एक हफ्ते बाद महिला को अपने डॉक्टर से एक विजिट जरूर लेनी चाहिए.
क्योंकि पीरियड मिस होने के कई सारे कारण हो सकते हैं, और उसमें से एक प्रमुख कारण है महिला को प्रेगनेंसी हो गई है. अगर महिला को प्रेगनेंसी भी नहीं हुई है, तब भी पीरियड मिस होनाअच्छा नहीं माना जाता है.
क्योंकि पीरियड मिस होने का मतलब है, आगे प्रेगनेंसी में दिक्कत आना. अगर महिला को प्रेगनेंसी हो गई है, तो अपनी प्रेगनेंसी को आगे किस प्रकार से लेकर जाना है, इस संबंध में डॉक्टर से सलाह करना सही रहता है.
अब हमने मान लिया है कि महिला को प्रेगनेंसी है तो वैसे भी महिला की 15 दिन से लेकर 1 महीने के बीच में डॉक्टर के यहां आजकल एक विजिट कंफर्म होती है, ताकि प्रेगनेंसी में आने वाले उतार-चढ़ाव को आसानी से संयमित किया जा सके. प्रेगनेंसी को अच्छे से आगे बढ़ाने में मदद मिल सके.
उसके बाद भी काफी सारी ऐसी परिस्थितियां हो सकती हैं, जब महिला को अचानक से डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है.
इनमें से कुछ ऐसी परिस्थितियां हैं, जिन्हें हम यहां डिस्कस कर रहे हैं. अगर इन परिस्थितियों में आप पड़ गई है, तो आपको डॉक्टर के पास जाने से नहीं हिचकना है.
आपके साथ और भी दूसरी परिस्थितियां बन सकती हैं ऐसा नहीं है, कि उन परिस्थितियों में नहीं जाना है. यह आपके अपने विवेक पर निर्भर करता है, कि आपको क्या करना है. लेकिन यह हम कुछ ऐसी स्थिति बता रहे हैं. जिनमें आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए या किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर करनी चाहिए.
आवश्यक टेस्ट करवाने के लिए
सबसे पहले तो डॉक्टर पहली तिमाही में दूसरी तिमाही में और तीसरी तिमाही में कुछ टेस्ट बताते हैं. कुछ अल्ट्रासाउंड बताते हैं. तो अपने बच्चे की ग्रोथ को जानने के लिए, उसकी स्थिति को समझने के लिए आपको इन सब टेस्टों को और अल्ट्रासाउंड को कराना सही रहता है.
इसके लिए आपको डॉक्टर के पास जाना ही चाहिए.
खांसी जुखाम बुखार, अपने आप दवाई नहीं ले
महिला को खांसी जुखाम और बुखार जैसी समस्या में किसी भी दवाई को अचानक से लेना सही नहीं माना जाता है. डॉक्टर से भी मना करते हैं.
इसलिए इन साधारण परिस्थितियों में या तो आप किसी घरेलू नुस्खे के द्वारा या अपने लाइफस्टाइल को संयमित करके इन्हें कंट्रोल करें या फिर आप अपने डॉक्टर से सलाह करके ही मेडिसन ले.
अपच और एसिडिटी के साथ दर्द
इसके साथ-साथ आपको एसिडिटी अपच और कब्ज की समस्या हो सकती है. अगर यह समस्या हद से ज्यादा बढ़ रही है, तो आपको डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए.
शरीर में किसी विशेष जगह पर दर्द के साथ-साथ आपको बुखार भी आ रहा है. तब भी आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए हो सकता है, या किसी इंफेक्शन की वजह से हो.
बुखार और इन्फेक्शन के लक्षण
आपको किसी भी प्रकार का इंफेक्शन हो गया है इंफेक्शन की निशानी यही होती है, कि आप को बुखार आने लगता है, और साथ में दूसरे लक्षण भी नजर आते हैं. वह अलग अलग हो सकते हैं.
आपको वेजाइनल इंफेक्शन हो सकता है.
आपको फूड प्वाइजनिंग हो सकती है.
इन सभी प्रकार के इंफेक्शन में आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए, क्योंकि यह इन्फेक्शन बच्चे को भी प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं.
किसी भी प्रकार की ब्लडिंग नजर आए
अगर प्रेगनेंसी के दौरान आपको किसी भी प्रकार की ब्लडिंग नजर आती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना ही चाहिए.
इसमें अपने दाएं बाएं आसपास बिना वजह किसी से सलाह करके अपना समय बर्बाद नहीं करें, और ना ही आप इंटरनेट पर किसी से प्रश्न करके अपना समय बर्बाद करें.
आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि कभी-कभी यह मिसकैरेज की संभावना को बहुत ज्यादा बढ़ा देता है. जितना ज्यादा समय बर्बाद करेंगे, उतना नुकसान है.
बच्चा अगर तेजी से फड़फड़ाए
अगर गर्भ में आपका बच्चा अचानक से बहुत तेजी से फड़ फड़ आता है. बहुत तेजी से एक्टिविटी करता है, तो यह किसी समस्या का भी कारण हो सकता है. आपको डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है. ऐसा भी हो सकता है बच्चा किसी मुसीबत में हो.
बच्चे की हलचल आवश्यकता से कम लगे
अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा सामान्य से कम हलचल कर रहा है अगर आपको यह 1 दिन लगता है और अगले दिन हलचल सामान्य लगती है तो यह नॉर्मल बात है, क्योंकि ऐसा हो सकता है कि आप हलचल को अपनी अपने काम की वजह से महसूस ना कर पाई हो, लेकिन लगातार आपको ऐसा महसूस हो रहा है तो आप डॉक्टर से जरूर मिले.
तीसरी तिमाही में चक्कर आना
प्रेगनेंसी के शुरुआती तिमाही में चक्कर आना सामान्य माना जाता है. लेकिन अगर यह चक्कर बाद में भी आपको आ रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से जरूर कंसल्ट कर लेना चाहिए.
हाथ पैरों में हद से ज्यादा सूजन
आपके हाथ पैर में सूजन आना भी प्रेगनेंसी में सामान्य है, लेकिन यह सूजन हद से ज्यादा आ रही है और कंट्रोल नहीं हो रही है. साथ में ही इसमें काफी ज्यादा दर्द भी महसूस हो रहा है तो डॉक्टर से मिले.
स्किन समस्या या सांस लेने में दिक्कत
अगर आपकी स्किन की समस्या प्रेगनेंसी के दौरान काफी ज्यादा बढ़ गई है, तो डॉक्टर से सलाह करके ही इलाज करें.
अगर प्रेगनेंसी के दौरान आपको कभी भी सांस लेने में दिक्कत महसूस थे तो आप डॉक्टर से जरूर मिले.
किसी भी प्रकार का योनि स्राव
अगर योनि से कुछ द्रव जैसा बाहर आ रहा है तब भी आपको डॉक्टर से मिलना है.
अगर आपका खाना पचने में समस्या हो रही है, आपको खाना खाने के बाद बहुत ज्यादा अजीब सा काफी देर तक लगता है, तब भी आपको डॉक्टर से इस बारे में बात करनी चाहिए. क्योंकि आपका भोजन ही आपके बच्चे की लाइफ लाइन है.
कुल मिलाकर अगर आपको कुछ भी थोड़ा सा अलग लगे अजीब सा लगे, चाहे वह आपको अपनी सेहत, अपने आचार विचार या अपने बच्चे को लेकर लगे आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.